Edited By Isha, Updated: 09 Apr, 2024 12:59 PM
इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट हैक कर आम आदमी पार्टी द्वारा रैली करने के लिए मांगी की गई परमिशन के आवेदन के कमेंट में गलियां लिखकर रद्द करने वाले चार आरोपीयों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस द्वारा कब तक की गई जांच में बड़ा खुलासा हुआ है की आरोपियों ने...
कैथल (जयपाल रसूलपुर): इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट हैक कर आम आदमी पार्टी द्वारा रैली करने के लिए मांगी की गई परमिशन के आवेदन के कमेंट में गलियां लिखकर रद्द करने वाले चार आरोपीयों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस द्वारा कब तक की गई जांच में बड़ा खुलासा हुआ है की आरोपियों ने एसडीएम ऑफिस कैथल के कर्मचारियों पर कार्रवाई कराने की रंजिश में ये सब किया, क्योंकि इस मामले का मुख्य आरोपी शिवांग चीका के एसडीएम ऑफिस में जूनियर प्रोग्रामर के पद पर काम करता है और दूसरा आरोपी प्रवीन पशु पालन विभाग में अटेंडेंट का काम करता है। आरोपी शिवांग की कैथल एसडीएम ऑफिस के कर्मचारियों के साथ कोई दफ्तर संबंधित रंजिश रखता था, इसलिए इनको नुकसान पहुंचाने के लिए ये सब किया।
पुलिस जांच में सामने आया कि कुछ दिन पहले पोर्टल को लेकर हुई एक ट्रेनिंग में आरोपी शिवांग मौजूद था। यहीं से पासवर्ड लीक हुआ था। आरोपी शिवांग को ये था कि यदि पोर्टल पर कुछ गलत होता है तो उसके जिम्मेदार एसडीएम ऑफिस कैथल का जूनियर प्रोग्रामर व कम्प्यूटर ऑपरेटर होंगे। इनकी नौकरी पर गाज गिरेगी। आरोपियों के प्लान के मुताबिक ऐसा ही हुआ। पूरे मामले का पता लगते ही एसडीएम ने 5 कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।
डीएसपी उमेद सिंह ने बताया कि आरोपियों ने इस पूरे प्रकरण को घर पर बैठकर इस अपराध को अंजाम दिया। सोमवार को ग गिरफ्तार हुए गिरफ्तार हुए आरोपी आशीष व विशाल की यह संलिप्त मिली है कि इन दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन से ही आवेदनों को रिजेक्ट किया गया और बदी गालियां लिखी गई दोनों आरोपियों को फिलहाल कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, डीएसपी ने बताया की मामले में एसडीएम कार्यालय सस्पेंड किए गए पांचों कर्मचारियों का कोई भी दोष नहीं मिला है !
बता दें कि पुलिस ने इस से पहले आरोपी शिवांग व प्रवीन निवासी राधा स्वामी कॉलोनी कैथल को शनिवार रात को गिरफ्तार किया था। आरोपियों को रविवार देर शाम कोर्ट में पेश किया गया। जहां से आरोपियों को कंडीशनल बेल मिल गई थी। कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा कि जब भी पुलिस को जांच में आरोपियों की जरूरत पड़ेगी तो इनको पुलिस का जांच में पूरा सहयोग करना होगा। यदि नहीं किया तो कार्रवाई की जाएगी।
ये था पूरा मामला:
बता दें कि आम आदमी पार्टी के शुभम राणा ने 3 अप्रैल को 6 व 7 अप्रैल के अलग- अलग जगहों पर राजनीतिक जन सभाएं करने के लिए चुनाव आयोग के ईएनसीओआरई (एनकोर) पोर्टल पर अनुमति लेने के लिए आवेदन किया था। जिसको किसी ने एआरओ के आईडी पासवर्ड का गलत इस्तेमाल करके रिजेक्ट कर दिया और रिजेक्शन के कारण में हरियाणवी शब्द कोनी देंदें (नहीं देंगे) और गालियां लिख दी थी। इतना ही नहीं रिजेक्शन लेटर की जगह एक लड़की का फोटो भी अपलोड कर दिया था। इस मामले को लेकर राजनीतिक लेवल पर काफी बवाल हुआ। डीसी ने तुरंत प्रभाव से एसडीएम ऑफिस के 4 कम्प्यूटर ऑपरेटर व एक जूनियर प्रोग्रामर को सस्पेंड किया था और एसडीएम ने साइबर थाना पुलिस को मामले की जांच करने के लिए शिकायत दी थी। साइबर थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी। इसके बाद 6 अप्रैल को राज्यपाल ने एआरओ कम एसडीएम ब्रह्म प्रकाश को भी सस्पेंड कर दिया था और दो आरोपी शिवांग प्रवीन को गिरफ्तार भी किया गया। हालांकि इस प्रकरण के अगले दिन ही आम आदमी पार्टी के दोनों दिनों के कार्यक्रमों को परमिशन दे दी गई।