वरिष्ठ आईएएस डॉ. डी. सुरेश पर कसेगा एसीबी का शिकंजा-जांच के लिए सरकार से मांगी अनुमति

Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 16 May, 2023 09:26 PM

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एसीबी भ्रष्टाचार के मामले में प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. डी. सुरेश पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। इनके खिलाफ जांच करने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो ने प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी है। ब्यूरो के पास भ्रष्टाचार किए जाने के पुख्ता सबूत हैं।

 गुडग़ांव,(ब्यूरो): एसीबी भ्रष्टाचार के मामले में प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. डी. सुरेश पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। इनके खिलाफ जांच करने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो ने प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी है। ब्यूरो के पास भ्रष्टाचार किए जाने के पुख्ता सबूत हैं। अनुमति मिलते ही उनसे पूछताछ की जाएगी। वहीं डॉ. डी. सुरेश की पत्नी ने ब्यूरो के कुछ अधिकारियों के ऊपर मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने डीजीपी को पत्र लिख कर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि बेवजह एसीबी के अधिकारियों ने उन्हें परेशान किया और ब्लैकमेल करने की कोशिश की। जिसके चलते उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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ब्यूरो के मुताबिक सेक्टर-56 में एक निजी स्कूल को वर्ष 2019 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक रहते हुए डॉ. डी. सुरेश ने डेढ़ एकड़ जमीन वर्ष 1992 की दर से आवंटित कर दी थी। इससे प्रदेश सरकार के राजस्व को लगभग 25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उन पर 25 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप है। डॉ. डी. सुरेश वर्तमान में आवासीय आयुक्त दिल्ली हैं। इसी मामले में एसीबी जांच कर रही है। उनकी पत्नी कांति डी सुरेश का गुरुग्राम के सेक्टर-47 में एक कार्यालय है। इसी जगह एसीबी के कुछ अधिकारी जांच के लिए पहुंचे थे।

 

प्रॉपटी डीलर से पूछताछ में हुआ था खुलासा:

एसीबी की ओर से जांच के दौरान प्रॉपर्टी डीलर वशिष्ठ गोयल को मुख्य आरोपी बनाया गया था। उनसे पूछताछ में तत्कालीन हुडा के मुख्य प्रशासक का नाम आया था। इस मामले में वशिष्ठ गोयल के साथ दो अन्य गिरफ्तार है। इस मामले में हुडा में तैनत रहने वाले क्लर्क से लेकर एकाउंट अधिकारी की संलिप्ता पाई गई है। हुडा के पांच कर्मचारी भागे हुए है। अदालत से उनको भगौड़ा घोषित करवाया है।

 

डीजीपी सहित अधिकारियों को भेजी शिकायत:

इस मामले में आईएएस अधिकारी की पत्नी कांति ने 26 अप्रैल को पुलिस महानिदेशक को पहली शिकायत दी थी। साथ ही साथ गुरुग्राम की पुलिस कमिश्नर कला रामचंद्रन और गुरुग्राम जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव को भी शिकायत की कॉपी भेजी गई थी। चूंकि शिकायत में 4 और 10 मई का रिमांइडर शामिल था। इसलिए 10 मई को भेजे गए मेल में कांति ने अधिकारियों से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द उन अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

 

अकाउंटेंट को साथ ले गई विजिलेंस:

बता दें कि कांति डी सुरेश का पावर स्पोर्टेज टीवी का कार्यालय है। आरोप है कि यहां 26 अप्रैल को विजिलेंस ने उनकी गैर मौजूदगी में उनके कार्यालय का दौरा किया। इस दौरान विजिलेंस की टीम वहां बैठे अकाउंटेंट राजेंद्र प्रसाद को अपने साथ ले गई। कांति ने आरोप लगाया है कि उनके कार्यालय में सीसीटीवी लगे हुए हैं। जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि विजिलेंस अधिकारी अवैध तरीके से अकाउंटेंट राजेंद्र प्रसाद को ले जाते हुए नजर आ रहे हैं।

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