हरियाणा में लॉकडाउन को लेकर बोले अनिल विज- PM की वीसी के बाद ही होगा कोई भी निर्णय

Edited By vinod kumar, Updated: 07 Apr, 2021 09:00 PM

anil vij said any decision will be taken only after pm s vc

हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीसी के बाद ही निर्धारित होगा कि प्रदेश में लॉकडाउन, रात्रि कर्फ्यू लगेगा या नहीं। विज ने कहा कि अगर केंद्र से कोरोना की बढ़ने की स्टेज में कोई निर्णय हो जाएगा तो उसी...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीसी के बाद ही निर्धारित होगा कि प्रदेश में लॉकडाउन, रात्रि कर्फ्यू लगेगा या नहीं। विज ने कहा कि अगर केंद्र से कोरोना की बढ़ने की स्टेज में कोई निर्णय हो जाएगा तो उसी अनुसार कार्य होगा। अभी तक हरियाणा में न कोई लॉकडाउन है और न ही रात्रि कर्फ्यू। विज ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अधिकारियों को आवश्यकता अनुसार राज्य में पुन: कोविड अस्पतालों को शुरू करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके लिए उन्होंने आगामी 3-4 दिनों में निरीक्षण कर ऐसे अस्पतालों को अधिसूचित करने के लिए कहा है। इन अस्पतालों की सूची को विभाग के पोर्टल पर भी डाला जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य में पीपीई किट, मास्क, दवाइयों तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक पूरा रखा जाएगा। विज ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवधन की अध्यक्षता में आयोजित 11 राज्यों की समीक्षा बैठक में बताया कि राज्य सरकार कोविड की दूसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए गत वर्ष भांति सभी आवश्यक कदम पुन: उठाना सुनिश्चित करेगी।  हरियाणा में इस समय 13 हजार एक्टिव केस हैं, रोज करीब 25 हजार की टेस्टिंग की जाती है तथा पॉजिटिव रेट करीब 4.7 प्रतिशत है। हम प्रदेश में टेस्टिंग को और बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।

विज ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 की जांच के लिए 35 लैब कार्यरत हैं, जिनमें करीब 92 हजार प्रतिदिन टेंस्टिंग की क्षमता है। प्रदेश में आईसोलेशन वार्ड, वेंटिलेटर, सामान्य बैड, ऑक्सीजन सुविधायुक्त बैड, आईसीयू, दवाइयां तथा उपकरणों की संख्या पर्याप्त मात्रा में है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध किया कि प्रदेश सरकार द्वारा जो जांच के लिए सैंपल भेजे जाते हैं उनकी रिपोर्ट शीघ्र भेजी जाए। ताकि नए स्ट्रेन का पता लगाकर उसका उपचार किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा यदि उपचार का कोई नया प्रोटोकॉल बनाया गया है तो उसे भी प्रदेशों के साथ शीघ्र साझा किया जाए।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि राज्यों को कोविड नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे तथा प्रोटोकॉल का सही तरह से पालन करना होगा। इसके लिए मास्क, व्यक्तिगत दूरी तथा अन्य सभी नियमों को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान का प्रयोग मानव जाति के उपकार के लिए होना चाहिए, इसलिए वैक्सीन से अधिक से अधिक लोगों को लाभांवित किया जाए।

इसके साथ विज ने कहा कि लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन लगाने के लिए आज राज्य भर में 1058 टीकाकरण केंद्र संचालित हैं, जिनमें से 874 सरकार द्वारा संचालित और 184 निजी केंद्र हैं। वैक्सीन की अधिकतम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए इन केंद्रों को रणनीतिक रूप से राज्य भर में अत्यधिक आबादी वाले और यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थापित किया गया है ताकि संक्रामक कोविड-19 वायरस के प्रसार को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लेने वालों में अधिकांश लाभार्थियों की आयु 60 वर्ष से अधिक थी या 45 वर्ष से 60 वर्ष तक की आयु के ऐसे लोग शामिल थे जिन्हें कोई अन्य बीमारी थी।

हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर को वैक्सीन देने के संबंध में उन्होंने कहा कि कहा कि 1,86,258 हेल्थ केयर वर्कर्स को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी गई है जो कि हेल्थ केयर वर्कर का 72 प्रतिशत और लगभग 1,12,424 हेल्थ केयर वर्कर्स को कोविड-19 की दूसरी खुराक दी जा चुकी है जोकि ऐसे वर्कर का लगभग 60 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 1,11,073 फ्रंटलाइन वर्कर को वैक्सीन की पहली खुराक और 39,255 को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जा चुकी है जोकि फ्रंटलाइन वर्कर्स का क्रमश: 67 प्रतिशत और 35 प्रतिशत है।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि कोरोना के पीक समय में कोविड बेड्स की व्यवस्था प्राइवेट अस्पतालों में रिजर्व की गई थी। कम संख्या में केस आने के बाद प्रशासन की अनुमति से रिलीज कर दिया गया था। अब दोबारा से जहां-जहां जरूरत पड़ रही है। वहां रिजर्वेशन ऑफ बेड्स शुरू कर दिया गया है। अरोड़ा ने बताया कि प्रकार से पड़ोसी राज्यों में केस बढ़ रहे हैं। उसे देखते हुए हमारा विभाग काफी सतर्क है। 

हमने पिछली वेब में टारगेट टेस्ट-ट्रैक-ट्रीटमेंट के साथ-साथ इस बार वैक्सीनेशन की गति को भी बना दिया है। 16 जनवरी से 5 मार्च तक 5 लाख लोगों को वैक्सीन दे दी गई थी। जो कि 5 मार्च से 31 मार्च तक 15 लाख तक आंकड़ा पहुंच गया है। 25 दिनों में 9 लाख वैक्सीन दी गई है। हम गंभीरता से काम कर रहे हैं। यह बीमारी तभी कंट्रोल हो सकती है, जब इफेक्टिव आदमी को समय पर आइसोलेट कर दिया जाए और उसकी पहचान के लिए हमने टेस्टिंग की संख्या काफी अधिक बढ़ा दी है।
 

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