Edited By Punjab Kesari, Updated: 02 Oct, 2017 01:52 PM
भारतीय वायुसेना ने राफेल युद्धक विमानों की पहली स्क्वाड्रन की तैनाती के लिए अपने अग्रिम पंक्ति के बड़े अड्डों को उन्नत बनाने का काम आरंभ कर दिया है।
अंबाला(ब्यूरो):भारतीय वायुसेना ने राफेल युद्धक विमानों की पहली स्क्वाड्रन की तैनाती के लिए अपने अग्रिम पंक्ति के बड़े अड्डों को उन्नत बनाने का काम आरंभ कर दिया है। फ्रांस से आने वाले 36 राफेल एयरक्राफ्ट को लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस संबंध में सन 2016 में ही फ्रांस और भारत के बीच डील हो चुकी है। फ्रांस से आने वाले इजरायल टेक्नोलॉजी के 36 राफेल में से 18 एयरक्राफ्ट हसिमारा एयर स्टेशन (पश्चिम बंगाल)और 18 देश के सबसे पुराने अंबाला छावनी स्थित एयरफोर्स स्टेशन में रखे जाएंगे। अंबाला एयरफोर्स को इतने ताकतवर एयरक्राफ्ट पहली बार मिल रहे हैं। अंबाला को चुने जाने का मुख्य कारण पाकिस्तान और चीन के नजदीक होना है। राफेल को सुपर सोनिक एयरक्राफ्ट कहा जाता है। यह हवा से जमीन पर करीब 150 किलोमीटर दूर दुश्मन देश पर प्रहार कर सकता है। इसमें थाले आरबीई-2 रडार, थाले स्पेक्ट्रा वारफेयर सिस्टम, ऑप्ट्रॉनिक सेक्योर फ्रंटल इंफ्रा-रेड सर्च और ट्रैक सिस्टम भी लगा होता है जो सामान्य एयरक्राफ्ट में नहीं होते है। दुश्मन देश पर परमाणु बम गिराने में भी राफेल का नाम सबसे पहले आता है क्योंकि इसकी स्पीड मिग और जगुआर से भी कहीं अधिक है।
वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने राफेल विमानों के लिए 78 साल पुराने अड्डे पर 14 शैल्टर, हैंगर और रखरखाव की सुविधाएं स्थापित करने के लिए पहले ही 220 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है। राफेल विमानों की आपूर्ति सितम्बर, 2019 से आरंभ होगी। अंबाला स्थित यह वायुसेना अड्डा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित अड्डों में से एक है। यह भारत-पाक सीमा से करीब 220 किलोमीटर दूर है। फिलहाल इस अड्डे पर जगुआर विमानों की 2 स्क्वाड्रन हैं और मिग-21 बिसन विमानों की 1 स्क्वाड्रन है। वहीं पश्चिम बंगाल में हासिमारा अड्डे पर भी बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाने का काम चल रहा है। राफेल विमान की लंबाई 15.27 मीटर है और इसमें दो पायलट बैठ सकते हैं।
राफेल ऊंचे इलाकों में लड़ने में माहिर है। यह एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। इसकी अधिकतम भार उठाकर उड़ने की क्षमता 24500 किलोग्राम है। राफेल की अधिकतम रफ्तार 2200 से 2500 तक किमी प्रतिघंटा है। इसमें 1.30 एमएम की एक गन लगी होती है जो एक बार में 125 राउंड गोलियां निकाल सकती है।