खास खबर: हरियाणा डीजीपी की रेस में 1988 से 1990 बैच के 5 आईपीएस अधिकारी

Edited By vinod kumar, Updated: 27 Jun, 2021 07:42 PM

5 ips from 1988 to 1990 batch in haryana dgp race

हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग अर्थात प्रदेश के गृह सचिव द्वारा राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय को पत्र लिखकर तत्काल रूप से उन योग्य आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारियों के नाम भेजने को कहा गया है जो प्रदेश का अगला डीजीपी बनने...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग यानी प्रदेश के गृह सचिव द्वारा राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय को पत्र लिखकर तत्काल रूप से उन योग्य आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारियों के नाम भेजने को कहा गया है जो प्रदेश का अगला डीजीपी बनने के योग्य हैं अर्थात जिनकी 30 वर्षो की आईपीएस में सेवा पूर्ण हो गयी हो एवं वो एडीजीपी (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक) रैंक से नीचे के न हों। 

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि वर्तमान में हरियाणा आईपीएस कैडर में सबसे सबसे वरिष्ठ 1984 बैच के आईपीएस एस.एस.देसवाल हैं, जो सितम्बर 2018 से केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर हैं। वह इस समय आईटीबीपी के महानिदेशक है। उनके बाद 1986 बैच के केके सिंधु हैं, जो इस समय हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमैन हैं। हालांकि दोनों डीजीपी रैंक में हैं, परन्तु चूंकि दोनों अधिकारी दो महीने बाद अगस्त, 2021 में आईपीएस से रिटायर हो जाएंगे एवं सुप्रीम कोर्ट के 2019 के एक निर्णय अनुसार जिन आईपीएस अधिकारियों की न्यूनतम छः माह की सेवा शेष हो, केवल वही प्रदेश के पुलिस प्रमुख पद पर चयन योग्य होंगे, इसलिए उक्त दोनों आईपीएस अधिकारी अगले डीजीपी की  रेस से स्वत: बाहर हो जाते हैं।

जुलाई 2018 के सुप्रीम कोर्ट निर्देशानुसार यूपीएससी द्वारा योग्य आईपीएस अधिकारियों के बनाए गए पैनल में से ही राज्य सरकार अपनी पसंद का अधिकारी चुनकर उसे प्रदेश का डीजीपी तैनात कर सकती है। जिसका कार्यकाल न्यूनतम 2 वर्ष होता है। उपरोक्त दो के अतिरिक्त हरियाणा आईपीएस कैडर में 1988 बैच के पीके अग्रवाल जिनकी रिटायरमेंट जून, 2023 में होगी। 

1989 बैच के मोहम्मद अकील जो दिसंबर, 2025 में सेवानिवृत्त होंगे और आर.सी. मिश्रा जिनकी आईपीएस सेवा जून, 2024 तक हैं। 1990 बैच के शत्रुजीत कपूर जो अक्टूबर, 2006 में रिटायर होंगे और देश राज सिंह, जिनका सेवानिवृत्ति जून, 2025 में होगी। हेमंत ने बताया कि 1991 बैच के आलोक कुमार रॉय और एसके जैन भी हालांकि आईपीएस में 30 वर्ष पूरी करने वाले हैं, परन्तु अभी इसमें कुछ समय शेष है। जिस कारण उन्हें राज्य सरकार द्वारा   डीजीपी रैंक में प्रमोट नहीं किया गया है, इसलिए उनकी योग्यता नहीं बनती है। 

उन्होंने बताया कि जनवरी, 2019 में भी जब हरियाणा सरकार द्वारा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएसीसी) को योग्य आईपीएस अधिकारियों के नाम भेजे गए थे, तो उसमें केवल 1988 बैच तक के आईपीएस अधिकारी ही शामिल थे अर्थात जिनकी वास्तविक रूप से आईपीएस में 30 वर्षो की सेवा पूर्ण हो चुकी थी। 1989 बैच के आईपीएस मोहम्मद अकील और आरसी मिश्रा का नाम उसमें नहीं था एवं वह दोनों गत वर्ष जून, 2020 में डीजीपी रैंक में प्रमोट हुए। 1990 बैच के शत्रुजीत और देश राज सिंह को इसी वर्ष अप्रैल माह में डीजीपी रैंक में प्रमोट किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शत्रुजीत अगले डीजीपी की रेस में आगे हैं।
 

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