बिजली की दरों में 37 पैसे प्रति यूनिट की कमी, गुडग़ांव के 5 लाख बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

Edited By Manisha rana, Updated: 02 Aug, 2021 08:23 AM

37 paise per unit reduction in electricity rates 5 lakh electricity consumers

बिजली की दरों में कमी से गुडग़ांव के पांच लाख उपभोक्ता को राहत मिलेगी। प्रदेश सरकार ने बिजली की दरों में 37 पैसे प्रति यूनिट की कमी कर दी है। प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं...

गुडग़ांव (ब्यूरो) : बिजली की दरों में कमी से गुडग़ांव के पांच लाख उपभोक्ता को राहत मिलेगी। प्रदेश सरकार ने बिजली की दरों में 37 पैसे प्रति यूनिट की कमी कर दी है। प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। राज्य में बिजली सस्ती हो गई है। बिजली कंपनियों के लाभ में आने तथा बिजली खरीद की दरों में कमी के चलते प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के हित में यह बड़ा फैसला लिया है। बिजली कंपनियों की खरीद लागत में पिछले साल की अपेक्षा 46 पैसे प्रति यूनिट की कमी आई है, जिसका लाभ सरकार ने राज्य के 55 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को प्रदान किया है। हरियाणा सरकार के बिजली के दामों में की गई कमी के फैसले से उपभोक्ताओं को हर माह करीब 100 करोड़ रुपये का फायदा होगा।

प्रदेश सरकार ने सूक्ष्म और लघु श्रेणी के उद्योगों को दो रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली के दामों में पहले ही राहत प्रदान कर रखी है। खेतिहर किसानों के लिए सरकार मात्र 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली प्रदान करती है। राज्य सरकार हर साल किसानों को करीब 6800 करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी प्रदान करती है। बिजली विभाग और वित्त विभाग के अधिकारियों ने कई बार सरकार के समक्ष इस सब्सिडी को खत्म करने या कम करने के प्रस्ताव दिए थे। हरियाणा में वर्तमान में 55 लाख 56 हजार 251 घरेलू उपभोक्ता हैं।

आपूर्ति खपत 6.90 रुपये प्रति यूनिट होते हुए भी, इन्हें टैरिफ की दरों में बड़ी राहत प्रदान की जा रही है। अभी तक पहले के जैसे 0 से 50 यूनिट तक दो रुपये यूनिट और 51 से 100 तक 2.50 रुपये पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली का बिल लिया जा रहा था, लेकिन इसमें 37 पैसे यूनिट की कमी की गई है। इंडस्ट्री के फिक्स चार्ज को 170 रुपये प्रति किलो वाट से घटाकर 165 रुपये प्रति किलो वाट पहले ही किया जा चुका है। हरियाणा की बिजली कंपनियां अब उपभोक्ताओं ने एफएसए (फ्यूल सरचार्ज) नहीं लेंगी, जिस कारण बिजली के दामों में कमी हुई है। राज्य की बिजली कंपनियों ने लाइन लास में काफी हद तक कमी की है। एक समय था, जब राज्य में लाइन लास 30 फीसद तक पहुंच गया था। लाइन लास में बिजली वितरण में अनियमितता और बिजली की चोरी की चोरी शामिल है।

लाइनलॉस में कमी
प्रदेश सरकार इस लाइन लास को कम कर करीब 15 प्रतिशत पर ले लाई है, जिसे अगले दो साल में करीब 10 फीसद पर लाने की योजना है। एक फीसद लाइन लास कम होने से बिजली निगमों को करीब 200 करोड़ रुपये का फायदा होता है। बेहतर प्रबंधन योजना के चलते बिजली कंपनियों ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 46 पैसे प्रति यूनिट की औसत बिजली खरीद लागत में कमी हासिल की है। 

500 करोड़ के लाभ में पहुंची बिजली कंपनियां
पिछले कुछ साल पहले तक बिजली कंपनियों पर करीब 30 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था। इस कर्ज को उतारने के लिए करीब एक हजार करोड़ रुपये का ब्याज दिया जा रहा था। इससे बिजली कंपनियां चाहकर भी लाभ की स्थिति में नहीं पहुंच पा रही थी। अब इस कर्ज का भुगतान ब्याज रहित व्यवस्था के तहत किया गया है, जिस कारण बिजली कंपनियों को घाटे व कर्ज से उबरने का मौका मिला। अब बिजली कंपनियां करीब 500 करोड़ रुपये से 'यादा के लाभ में पहुंच गई है।

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