Edited By Naveen Dalal, Updated: 08 Aug, 2019 08:22 PM
विश्वविद्यालय प्रशासन से परेशान दो छात्राएं ने हॉस्टल ना मिलने से देर शाम को भूख हड़ताल पर बैठ गई। छात्राओं का आरोप है कि जिनकी सिफारिश है, उन्हें हॉस्टल मिल रहा है, लेकिन जिनको जरूरत है...
रोहतक (दीपक भारद्वाज): विश्वविद्यालय प्रशासन से परेशान दो छात्राएं हॉस्टल ना मिलने से देर शाम को भूख हड़ताल पर बैठ गई। छात्राओं का आरोप है कि जिनकी सिफारिश है, उन्हें हॉस्टल मिल रहा है, लेकिन जिनको जरूरत है उन्हें हॉस्टल नहीं दिया जा रहा। इसलिए उन्हें भूख हड़ताल का सहारा लेना पड़ा। छात्राओं का कहना है कि उनकी क्लास रात 8:00 बजे खत्म होती है, उसके बाद वे कहां जाएं। अगर प्रशासन का यही रवैया रहा तो उन्हें पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा।
बता दें कि महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में एलएलएम द्वितीय वर्ष की छात्रा किरण बताया कि विश्वविद्यालय ने डबल पीजी, डिप्लोमा कोर्सेज व इवनिंग कोर्सेज के विद्यार्थियों को हॉस्टल ना देने का फैसला लिया है। जिसको लेकर विश्वविद्यालय के छात्र संगठनों में भी काफी रोष है और मांग उठने लगी है कि जिस विद्यार्थी को हॉस्टल की जरूरत है उन्हें हॉस्टल मिलना चाहिए। किरण व मोनिका ने बताया कि वे इवनिंग कोर्स में अपनी पढ़ाई कर रही है और उनकी क्लास रात 8:00 बजे खत्म होती है। जिसके बाद घर जाना संभव नहीं है। इसलिए उन्हें हॉस्टल की जरूरत है। लेकिन हॉस्टल नहीं दिया जा रहा।
छात्राओं का कहना है कि जब मदवि प्रशासन से इस बारे में बात की जा रही है, तो प्रशासन का कहना है कि हॉस्टल के बनाए गए नियमों के अनुरूप उन्हें हॉस्टल नहीं दिया जा सकता। जिस वजह से उन्हें भूख हड़ताल का सहारा लेना पड़ा। अब वे मांग करती कि विभाग उन्हें यह लिख कर दे दे कि पढ़ाई छोड़ दें। वहीं दूसरी ओर इन छात्राओं ने आरोप लगाया कि जिन विद्यार्थियों की सिफारिश है, उन्हें हॉस्टल दिए जा रहे हैं। इसलिए सभी विद्यार्थियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन फैसला लेना चाहिए। अन्यथा वे पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे।