माइक्रो लैब्स ने धूम्रपान मुक्त भारत के लिए निकोबाइट निकोटीन शुगर-फ्री गम्स और ‘क्विटिंग इज विनिंग’ अभियान शुरू किया

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 19 Jan, 2025 04:24 PM

micro labs launches campaign for smoke free india

धूम्रपान भारत की बेहद गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक बनी हुई है जिससे हर साल 13.5 लाख लोगों की मौत होती है।

गुड़गांव ब्यूरो : धूम्रपान भारत की बेहद गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक बनी हुई है जिससे हर साल 13.5 लाख लोगों की मौत होती है। दुनिया में तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक होने के नाते, देश एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए फार्मास्युटिकल्स क्षेत्र में एक विश्वसनीय नाम और डोलो की निर्माता माइक्रो लैब्स ने अपने वेलनेस डिवीजन, माइक्रो वेलनेस के तहत निकोबाइट निकोटीन शुगर-फ्री गम्स लॉन्च किया है, ताकि धूम्रपान छोड़ने और स्वस्थ जीवन जीने में लोगों की मदद की जा सके।

 

निकोबाइट गम तंबाकू में पाए जाने वाले नशीले पदार्थ निकोटीन की लत कम करने और लक्षणों को दूर करने के लिए वैज्ञानिक रूप से तैयार सॉल्युशन है। यह सबसे प्रभावी तब होता है जब इसे व्यवस्थित तरीके से धूम्रपान बंद करने के कार्यक्रम के साथ जोड़ा जाता है, जिससे व्यक्ति अपने स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन पर नियंत्रण हासिल कर सकता है। कंपनी ने शुगर-फ्री गम्स के साथ-साथ ‘क्विटिंग इज विनिंग’ नामक एक कठोर परीक्षण किया और वैज्ञानिक दृष्टि से समर्थित 12-सप्ताह का कार्यक्रम भी लॉन्च किया है, जिसे लोगों को धूम्रपान छोड़ने में प्रभावी रूप से मदद करने के लिए तैयार किया गया है। डब्ल्यूएचओ-स्वीकृत संयंत्र में निर्मित निकोबाइट में सुरक्षा, गुणवत्ता और दक्षता के उच्च अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया गया है।

 

माइक्रो लैब्स में स्ट्रैटजी, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एंड ओटीसी वेलनेस की प्रमुख दीया सुराणा ने कहा, ‘ हमारा वैज्ञानिक रूप से समर्थित कार्यक्रम लोगों को धूम्रपान छोड़ने और उनकी जिंदगी की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए आवश्यक उपकरण और सहायता प्रदान करता है। निकोबाइट और हमारे ‘क्विटिंग इज विनिंग’ अभियान के जरिये हमारा लक्ष्य जीवन में बदलाव लाना और भारत के लिए एक स्वस्थ, धूम्रपान-मुक्त भविष्य को बढ़ावा देना है।’

 

कंपनी इस अभियान को पूरे देश में चलाने की योजना बना रही है, जिसमें लोगों को धूम्रपान मुक्त जीवन अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे देश में बदलाव के लिए एक सकारात्मक आंदोलन को बढ़ावा मिलेगा।वे आउटडोर एडवरटाइजिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे दवा दुकानों और अन्य खुदरा दुकानों पर लगाए गए पोस्टरों के साथ साथऑटो-रिक्शा पर ब्रांडिंग के जरिये उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है।

 

वैश्विक निकोटीन गम बाजार वर्ष 2023 में 1.63 अरब डॉलर का था और 2032 तक इसके बढ़कर 2.55 अरब डॉलर पर पहुंच जाने का अनुमान है। भारत में यह बाजार 2023 में 3.309 करोड़ डॉलर का है और 2032 तक इसके बढ़कर 7.574 करोड़ डॉलर पर पहुंच जाने की संभावना है।

 

माइक्रो लैब्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक दिलीप सुराणा ने कहा, ‘उत्पादों को बेचने के अलावा हम एक ऐसा आंदोलन भी चला रहे हैं जिसमें देश के हर कोने के लोगों का प्रतिनिधित्व है जिससे धूम्रपान छोड़ना एक गौरवपूर्ण विषय विकल्प बन गया है। भले ही हम यह आंदोलन चला रहे हैं, लेकिन साथ ही हमारा लक्ष्य उभरते हुए वेलनेस सेक्टर में अपनी जगह बनाना भी है। माइक्रो लैब्स ने हमेशा भारतीयों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी है, और यह कार्यक्रम जीवन को बेहतर बनाने की हमारी प्रतिबद्धता में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगा।’

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