जांच में खामियां, 336 स्कूल बसों का चालान, 20 जब्त

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 13 Apr, 2024 07:50 PM

flaws in investigation challan of 336 school buses 20 seized

जिला उपायुक्त निर्देशानुसार शनिवार को सुरक्षा मानकों पर खरा न उतरने वाली स्कूल बसों के खिलाफ कार्रवाई की गई। आरटीए और पुलिस विभाग की संयुक्त जांच के दौरान सैकड़ों बसों में सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी की खामियां उजागर हुई।

गुड़गांव, ब्यूरो: जिला उपायुक्त निर्देशानुसार शनिवार को सुरक्षा मानकों पर खरा न उतरने वाली स्कूल बसों के खिलाफ कार्रवाई की गई। आरटीए और पुलिस विभाग की संयुक्त जांच के दौरान सैकड़ों बसों में सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी की खामियां उजागर हुई। 795 बसों की जांच के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा 20 बसों को जब्त करने के साथ ही 336 बसों का चालान किया गया। दो दिवसीय सघन जांच अभियान आज भी जारी रहेगा। जिला उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि अगर स्कूल में छात्रों को निजी कैब से भेजा गया तो उसके लिए स्कूल प्रबंधन पर ही कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश भी संबंधित विभाग को भेज दी जाएगी।

 

 

दो दिन पहले महेंद्रगढ़ के कनीना में हुए स्कूल बस हादसे के बाद हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों की बसों की जांच करने के निर्देश जारी किए है। इसके बाद सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के मानकों की जांच करने के लिए जिला प्रशासन ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की टीमें गठित कर स्कूल बसों की जांच करनी शुरू कर दी है। शनिवार को हुई जांच के दौरान कई स्कूलों की बसों में सीसीटीवी कैमरे बंद मिले। इसके अलावा कई बसों में फर्स्ट एड बॉक्स जंग खाते मिले हैं। इसके अलावा कई अन्य खामियां भी स्कूल बसों में मिली हैं जिसके बाद जिला प्रशासन ने सख्त तेवर दिखाते हुए बसों के चालान करने सहित उन्हें जब्त करने की कार्रवाई की है। जिला उपायुक्त ने कहा कि सोमवार से यही जांच टीमें हर स्कूल की जांच करेगी और देखेगी कि किन-किन वाहनों से छात्र स्कूल आते हैं। ऐसे में उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जिनमें छात्र निजी कैब से स्कूल आते हैं। ऐसे में स्कूल अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द करने के लिए संबंधित बोर्ड को सिफारिश की जाएगी।

 

 

वहीं, गुडग़ांव में भर्ती घटना के घायल छात्रों के अभिभावकों से अस्पताल द्वारा बिल भरवाए जाने के मामले में भी जिला उपायुक्त ने संज्ञान लिया है। जिला उपायुक्त ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि जमा कराए गए बिल को वापस किया जाए। जिला उपायुक्त ने कहा कि जब अभिभावक छात्रों को लेकर अस्पताल पहुंचे थे तो उन्होंने एडवांस पेमेंट जमा कराई थी। इसके बाद जब हरियाणा सरकार ने छात्रों का इलाज खर्च वहन करने की बात कही थी। मामला संज्ञान में आने पर जिला उपायुक्त ने अभिभावकों की पेमेंट रिफंड करने के आदेश दिए। जिला उपायुक्त ने साफ कर दिया है कि इस घटना के बाद अब बसों की सख्ती से जांच की जाएगी। छात्रों की सुरक्षा में कोई चूक नहीं रहने दी जाएगी। सोमवार से टीमें हर स्कूल के पास मौजूद रहकर कार्रवाई करेंगी।
 

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