Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 16 Jun, 2025 08:19 PM

करीब 17 साल बाद गुरुग्राम में हुए किडनी कांड से जुड़े डॉ. देवेंद्र शर्मा के साथी की दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तारी के बाद गुरुग्राम में एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई।
गुड़गांव, (ब्यूरो): करीब 17 साल बाद गुरुग्राम में हुए किडनी कांड से जुड़े डॉ. देवेंद्र शर्मा के साथी की दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तारी के बाद गुरुग्राम में एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई। 100 से ज्यादा हत्या करने वाले डॉक्टर डेथ के नाम से प्रसिद्ध डॉ. देवेंद्र शर्मा के साथी को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है।
डॉ. देवेंद्र शर्मा को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने राजस्थान के एक मंदिर से गिरफ्तार किया था। वहीं उसके साथी राजेंद्र उर्पु राजू उर्फ रजुआ को उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ से गिरफ्तार किया है। वह एक पंप हाउस में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था। आरोपी राजेंद्र उर्फ राजू उर्फ रजुआ पर हत्या, अपहरण और डकैती सहित 12 आपराधिक केस दर्ज हैं, जिनमें उसकी कभी गिरफ्तारी नहीं हुई। अब गुरुग्राम पुलिस उसकी कस्टडी रिमांड लेने की तैयारी कर रही है, जिससे कि अनसुलझे मामलों को खुलासा हो सके। डॉक्टर देवेंद्र को दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में हत्या के सात अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। गुरुग्राम की अदालत ने भी एक मामले में उसे फांसी की सजा सुनाई थी।
देंवेंद्र ने पूछताछ में लिया था आरोपी राजेंद्र का नाम
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने डॉ. देवेंद्र शर्मा (67) को 19 मई 2025 को राजस्थान के दौसा से गिरफ्तार किया था। देवेंद्र शर्मा ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया था कि उसका सहयोगी राजेंद्र 2003-2004 से गिरोह के संचालन से जुड़े कई मामलों में अभी भी फरार है। वह और राजेंद्र फर्जी यात्री बनकर ड्राइवरों को फंसाते थे और इसके बाद उनकी हत्या कर देते थे। इसके बाद पुलिस ने उसके सहयोगी राजेंद्र की तलाश शुरू की। इसके लिए इंस्पेक्टर राकेश कुमार और एसीपी एनडीआर उमेश बर्थवाल की देखरेख में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम ने अलीगढ़, गुरुग्राम, जयपुर और दिल्ली में गोपनीय पूछताछ की और खुफिया जानकारी हासिल की। इसके बाद राजेंद्र को अलीगढ़ के कासिमपुर से ढूंढ निकाला, जहां वह एक अलग कमरे में छिपा हुआ था। वह एक स्थानीय पंप हाउस में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रहा था।
2003 में डॉक्टर डेथ से जुड़ा था राजेंद्र:
राजेंद्र ने पूछताछ में बताया कि वह यूपी का रहने वाला है और एक किसान के रूप में काम करता है। 2003 में एक व्यक्तिगत विवाद के बाद वह देवेंद्र शर्मा के गिरोह में शामिल हो गया। गिरोह टैक्सी और ट्रक ड्राइवरों को अपनी सेवाएं देकर लालच देता था, बाद में उनकी हत्या कर देता था। इसके बाद उनके शवों को ठिकाने लगा देता था और वाहनों को ग्रे मार्केट में 15 लाख रुपए में बेच देता था। इससे पहले वह साल 2020 में भी पैरोल पर बाहर आकर फरार हुआ था और सात महीने बाद पकड़ा गया।