वर्कइंडिया की रिपोर्ट में सामने आई तस्वीर: गिग इकोनॉमी के विस्तार में सबसे आगे हैं डिलीवरी पार्टनर्स और फ्रीलांस फोटोग्राफर

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 22 Oct, 2024 07:46 PM

delivery partners are at the forefront of the expansion

मौजूदा त्योहारी सीजन को देखते हुए अगले कुछ महीनों में गिग इकोनॉमी में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिल सकता है। वर्क इंडिया की नवीनतम रिपोर्ट से यह बात सामने आई है।

गुड़गांव ब्यूरो :मौजूदा त्योहारी सीजन को देखते हुए अगले कुछ महीनों में गिग इकोनॉमी में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिल सकता है। वर्क इंडिया की नवीनतम रिपोर्ट से यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के विश्लेषण से मौजूदा ट्रेंड, स्थानीय स्तर पर हो रहे विकास और सितंबर से नवंबर 2024 के बीच बदलते रोजगार परिदृश्य को लेकर व्यापक जानकारी सामने आई है।

 

त्योहारी सीजन में पारंपरिक तौर पर गिग इकोनॉमी में मांग बढ़ती है। यह साल भी ऐसा ही है। डिलीवरी ड्राइवर सेक्टर में जॉब पोस्टिंग में 33.16 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जो छुट्टियों के व्यस्त समय में बेहतर डिलीवरी सेवा की बढ़ती जरूरत को दिखाता है। 2023 में भी इस सेक्टर में ऐसी ही तेजी दिखी थी। इसी तरह मेड समेत डोमेस्टिक हेल्प के मामले में भी 23.14 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। परिवारों में बढ़ी गतिविधियों और त्योहारों को देखते हुए घरेलू सहायकों की मांग बढ़ी है।

 

जॉब पोस्टिंग में 7.33 प्रतिशत की वृद्धि के साथ फ्रीलांस फोटोग्राफी की मांग भी बढ़ी है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि परिवारों और कंपनियों में अपने त्योहारी पलों को कैमरे में कैद करने की चाहत बढ़ी है। इस बीच कुक कैटेगरी में 0.81 प्रतिशत की मामूली बढ़त दिख रही है। 2023 में इस सेक्टर में 1 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली थी। इससे दिखता है कि गिग सेक्टर में व्यंजन पेशेवरों की मांग धीमी लेकिन लगातार बनी हुई है।

 

जॉब पोस्टिंग के मामले में मशीन ऑपरेटर कैटेगरी में 5.85 प्रतिशत की मांग का अनुमान है, जो 2023 के 6 प्रतिशत से थोड़ा सा कम है। यह मशीन ऑपरेटर्स की लगातार मांग का ट्रेंड दिखा रहा है।

 

शहर के हिसाब से देखें तो मुंबई, पुणे, हैदराबाद, गोवा और इंदौर में सबसे ज्यादा गिग जॉब पोस्टिंग का अनुमान है। 2023 में भी इन्हीं शहरों ने बाजी मारी थी। रिपोर्ट में जॉब मार्केट में अनुभवी लोगों को लेकर स्पष्ट प्राथमिकता भी सामने आई। अनुमान बताते हैं कि अनुभवी पेशेवरों को लेकर जॉब पोस्टिंग में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। फ्रेशर्स के लिए अवसर कम हो रहे हैं।

 

शिक्षा को लेकर भी प्राथमिकता बदल रही है। 10वीं कक्षा से कम शिक्षित लोगों के लिए जॉब पोस्टिंग में 4 प्रतिशत और 10वीं तक शिक्षित लोगों के लिए जॉब पोस्टिंग में 12 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। दूसरी ओर ग्रेजुएट या 12वीं कक्षा तक शिक्षित लोगों के लिए मांग में गिरावट आ सकती है।

 

लैंगिक आधार पर भी अंतर स्पष्ट रूप से दिख रहा है। 2023 में पुरुषों के लिए मांग 11 प्रतिशत बढ़ी थी और इस साल भी ऐसा ही ट्रेंड दिख रहा है। दूसरी ओर महिलाओं और मिक्स्ड जेंडर उम्मीदवारों के लिए मांग में कमी का अनुमान है। इससे दिखता है कि गिग इकोनॉमी में लैंगिक प्राथमिकताएं अलग हैं। त्योहारी सीजन के दौरान गिग इकोनॉमी में वेतन की रेंज 30,000 से 55,000 रुपये के बीच रहने का अनुमान है। बढ़ती महंगाई और प्रतिस्पर्धा को देखते हुए नियोक्ता आकर्षक वेतन देने और प्रतिभाओं को अपने पास रोकने का प्रयास कर रहे हैं।

 

वर्कइंडिया के सह-संस्थापक एवं सीईओ नीलेश डुंगरवाल ने कहा, ‘गिग इकोनॉमी लगातार बदलाव के दौर से गुजर रही है और विभिन्न सेक्टर में बदलाव का स्पष्ट ट्रेंड दिख रहा है। 2024 में दिख रहा है कि डिलीवरी सर्विस, डोमेस्टिक हेल्प और फ्रीलांस वर्क में उल्लेखनीय विकास होगा। हालांकि अनुभवी उम्मीदवारों और शिक्षा के मामले में तय पैमाने को लेकर बदलती प्राथमिकताओं से उम्मीदवारों और नियोक्ताओं दोनों के लिए चुनौती है।’

 

वर्कइंडिया की रिपोर्ट से इस त्योहारी सीजन के दौरान गिग इकोनॉमी की गतिशीलता सामने आई है। कर्मचारियों और नियोक्ताओं को अवसरों से भरपूर सीजन के लिए तैयार रहना चाहिए। इसे सीजनल डिमांड और मौजूदा मार्केट ट्रेंड से गति मिलेगी।

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