सीआईआई और आईटीसी होटल्स नौ शहरों में देगा उद्योग-शिक्षा साझेदारी को मजबूती

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 12 May, 2025 06:26 PM

cii and itc hotels to strengthen industry academia partnerships

सीआईआई का उद्देश्य शिक्षा और रोज़गार के बीच की दूरी को कम करना है, और इस पहल में 600 से अधिक शिक्षकों और इंडस्ट्री लीडर्स के शामिल होने की उम्मीद है

नई दिल्ली : सीआईआई (कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री), आईटीसी होटल्स और ईएचएल (जिसे 1893 में एकोल होटेलिएर दे लॉज़ेन के नाम से शुरू किया गया था) के साथ मिलकर लंबे समय से शिक्षा और होटल इंडस्ट्री के बीच की दूरी को कम करने का काम कर रहा है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है 18 महीने का वीईटी बाय ईएचएल स्विस प्रोफेशनल डिप्लोमा प्रोग्राम, जो इस समय देश के 10 आईटीसी होटल्स में चल रहा है, जिसमें आईटीसी मौर्य (नई दिल्ली) भी शामिल है। अब तक इस प्रोग्राम से  800 से ज्यादा छात्रों को फायदा मिल चुका है और सबसे बड़ी बात, इसमें अब तक 100% प्लेसमेंट हुए हैं। यह इंडस्ट्री से जुड़े प्रोफेशनल कोर्सेस के लिए एक मिसाल बन चुका है। इस सफर को और आगे बढ़ाते हुए, सीआईआई, ईएचएल और आईटीसी होटल्स ने इंडस्ट्री-एकेडमिया कनेक्ट 2025 की शुरुआत की है। यह एक मल्टी-सिटी प्रोग्राम है, जो नई दिल्ली से शुरू होकर देशभर में शिक्षा और इंडस्ट्री के बीच बेहतर तालमेल के लिए बातचीत और बदलाव की दिशा में काम करेगा।

 

यह पहल 9 शहरों की एक सीरीज़ के रूप में तैयार की गई है, जहाँ शिक्षा और उद्योग जगत के दिग्गज मिलकर इनोवेशन और बेहतर करियर तैयारी पर चर्चा करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2025 के दृष्टिकोण के अनुरूप इस पहल में दिल्ली, आगरा, जयपुर, अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे शहर शामिल होंगे।

 

दिल्ली में हुई इस सीरीज़ की शुरुआत में राजधानी क्षेत्र के कई प्रमुख स्कूलों और संस्थानों के प्रिंसिपल, करियर काउंसलर और हेड्स शामिल हुए। इस आयोजन में शिक्षा और उद्योग से जुड़े 70 से ज्यादा लीडर्स ने हिस्सा लिया। शिक्षकों के साथ-साथ आईटी, हॉस्पिटैलिटी, एनीमेशन, हेल्थकेयर, बीएफएसआई और गेमिंग जैसे विभिन्न उद्योगों के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी मौजूद थे, जिन्होंने शिक्षा और उद्योग के बीच विचार साझा किए। इस कार्यक्रम में पैनल चर्चा, क्षेत्रीय जानकारी और पाठ्यक्रम को उद्योग की बदलती जरूरतों से जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया गया। कार्यक्रम में पैनल चर्चा, क्षेत्रीय अंतर्दृष्टि और इंडस्ट्री की बदलती जरूरतों के हिसाब से कोर्स स्ट्रक्चर को ढालने पर भी ज़ोर दिया गया।

 

शुरुआती सत्र की अध्यक्षता सीआईआई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री सौगत रॉय चौधरी ने की। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भविष्य के अनुरूप वर्कफोर्स तैयार करने के लिए इंडस्ट्री से जुड़ा और एकीकृत लर्निंग मॉडल कितना जरूरी है। इस पैनल में उनके साथ सीआईआई के सलाहकार श्री प्रवीण रॉय, आईटीसी होटल्स लिमिटेड में टैलेंट मैनेजमेंट के वाइस प्रेसिडेंट श्री निलेश मित्रा, ईएचएल के नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री अमन आदित्य सचदेव, डीएक्ससी टेक्नोलॉजी में टैलेंट डेवलपमेंट के ग्लोबल हेड श्री रोहित शेनॉय, हेल्थकेयर स्किलिंग स्पेशलिस्ट और सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. पार्थ बोस (एमडी, डीटीसीडी, एफआईएसडी, एफबीपीआई, एमबीए) और सीआईआई इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटैलिटी (सीआईआईआईएच) के प्रोग्राम हेड श्री अनीश धीमान शामिल थे।

 

आईटीसी होटल्स लिमिटेड में टैलेंट मैनेजमेंट के वाइस प्रेसिडेंट, श्री निलेश मित्रा ने कहा, "हॉस्पिटैलिटी और सर्विस सेक्टर्स में स्किल्स बहुत तेज़ी से बदवाव देखने को मिल रहे हैं। आज के समय में सॉफ्ट स्किल्स, डिजिटल समझ और सांस्कृतिक तालमेल, तकनीकी ज्ञान जितने ही जरूरी हो गए हैं। इंडस्ट्री-एकेडमिया कनेक्ट 2025 जैसे मंच हमें शिक्षकों से सीधे जुड़ने का मौका देते हैं, जिससे संस्थान छात्रों को बेहतर भविष्य के लिए तैयार कर पाते हैं।"

 

ईएचएल के नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, अमन आदित्य सचदेव ने कहा, "जब हमने आईटीसी और सीआईआई के साथ मिलकर वीईटी बाय ईएचएल प्रोग्राम की शुरुआत की, तो हमारा लक्ष्य स्पष्ट था-होटल इंडस्ट्री की वर्ल्ड-क्लास हॉस्पिटैलिटी ट्रेनिंग को भारत के उन युवाओं तक पहुँचाना, जो बड़े सपने देखते हैं। सबसे खास बात यह रही कि इन छात्रों ने बहुत तेजी से तरक्की की। आईटीसी मौर्य जैसे लोकल लर्निंग सेंटर्स में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सीखने की बेहतरीन विधियों को शामिल करके, हम भारतीय छात्रों को न सिर्फ देश में आगे बढ़ने का मौका दे रहे हैं, बल्कि उन्हें दुनिया भर की हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में करियर बनाने के लिए तैयार भी कर रहे हैं।"

 

सीआईआई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, श्री सौगत रॉय चौधरी ने कहा, "हमारे वर्कफोर्स का भविष्य आज के छात्रों के फैसलों और उन्हें दिए गए सही मार्गदर्शन पर निर्भर करता है। सीआईआई में हम मानते हैं कि हर छात्र की काबिलियत को गहराई से समझना जरूरी है। इसी वजह से हम सायकोमेट्रिक असेसमेंट जैसे वैज्ञानिक तरीकों को अपना रहे हैं, ताकि युवा अपनी असली ताकत को पहचान सकें। इंडस्ट्री-एकेडमिया कनेक्ट 2025 जैसी पहलें इंडस्ट्री और शिक्षा जगत के बीच सार्थक बातचीत की शुरुआत हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी की स्किल्स को सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।"

 

देशभर में 48 जगहों पर स्थापित किए गए सीआईआई के मॉडल करियर सेंटर्स इस अभियान की रीढ़ हैं। ये सेंटर्स अब तक 14.25 लाख से ज्यादा छात्रों को काउंसलिंग दे चुके हैं और 9.42 लाख से अधिक लोगों को रोज़गार दिलाने में मददगार साबित हुए हैं, वह भी पूरी तरह नि:शुल्क। इसी सफलता को आगे बढ़ाते हुए, इंडस्ट्री-एकेडमिया कनेक्ट 2025 का उद्देश्य नीतियों के अनुसार शिक्षा योजना में उत्कृष्ट तरीकों और सहयोग को शामिल करना है।

 

इस सीरीज़ के माध्यम से सीआईआई का विचार शिक्षा और रोज़गार के बीच की दूरी को कम करना है। नौ शहरों में होने वाले इस आयोजन में 600 से अधिक शिक्षक और इंडस्ट्री लीडर्स के शामिल होने की उम्मीद है। ऐसे समय में, जब डिजिटल तकनीक, इंडस्ट्री को नया रूप दे रही है, भारत को वर्ष 2026 तक 10 लाख से अधिक ऐसे प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी, जो टेक्नोलॉजी में माहिर हों, जबकि मौजूदा माँग और आपूर्ति में 53% का अंतर है। ऐसे में इंडस्ट्री-एकेडमिया कनेक्ट 2025 एक ऐसा सेतु है, जो छात्रों की उम्मीदों को अवसरों से जोड़ने का काम करेगा।

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