सूरत की घटना से चिंतित अभिभावकों ने कोचिंग सेंटर और इंस्टीट्यूट में किया फायर सेफ्टी चेक

Edited By Isha, Updated: 25 May, 2019 03:58 PM

parents checked the fire safety checks at the coaching center and the institute

सूरत के कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद हुई करीब 20 बच्चों की मौत ने फरीदाबाद के बच्चों को ही नहीं उनके अभिभावकों को भी झकझोर कर रख दिया है। सूरत की दुर्घटना के बाद फरीदाबाद के अभिभावकों

 

फरीदाबाद (देवेंद्र कौशिक)- सूरत के कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद हुई करीब 20 बच्चों की मौत ने फरीदाबाद के बच्चों को ही नहीं उनके अभिभावकों को भी झकझोर कर रख दिया है। सूरत की दुर्घटना के बाद फरीदाबाद के अभिभावकों की भी चिंताएं बढ़ गई हैं। अभिभावकों का कहना है कि कहीं वह बच्चों का भविष्य बनाने के चक्कर में उनकी जिंदगियों से खिलवाड़ तो नहीं कर रहे इसलिए अब अभिभावक कोचिंग सेंटर और इंस्टीट्यूट में जा जाकर फायर सेफ्टी के इंतजामों को चेक करने की बात कर रहे हैं।

गुजरात के सूरत में हुए दर्दनाक हादसे के दौरान 20 बच्चों की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है इस खबर ने फरीदाबाद के बच्चों और उनके अभिभावकों को भी आहत किया है जिसके चलते हैं अब उनके जहन में भी डर बैठ गया है अभिभावकों का कहना है कि जबसे उन्होंने सूरत की घटना के बारे में सुना और देखा है तभी से वह चिंतित हो गए हैं क्योंकि उनके बच्चे भी कोचिंग सेंटर इंस्टीट्यूट में पढ़ते हैं उन्हें अब डर लगने लगा है कि कहीं वह अपने बच्चों का भविष्य संवारने के चक्कर में उनकी जिंदगीयों के साथ खिलवाड़ तो नहीं कर रहे हैं इसलिए अब वह खुद उन कोचिंग सेंटर और इंस्टीट्यूटो को जा कर चेक करेंगे कि जिस जगह पर उनका बच्चा पड़ता है वहां फायर सेफ्टी के पुख्ता इंतजाम है या नहीं है वही कोचिंग और इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का कहना है कि कल की घटना से वह डर गए हैं और उनके परिवार वाले भी चिंतित हैं ।

इस पूरे मामले में दमकल विभाग के रीजनल अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट या फिर एनओसी सिर्फ इमारतों को दी जाती है ना की उन इमारतों में चलने वाले शिक्षण संस्थान या अन्य व्यवसाय गतिविधियों को दी जाती है इसलिए उनके पास ऐसा कोई भी आंकड़ा नहीं है जो यह दर्शा सकें कि फरीदाबाद में जितने भी कोचिंग सेंटर और इंस्टीट्यूट चल रहे हैं उनके अंदर फायर सेफ्टी के पुख्ता इंतजाम हैं या नहीं है।

संबंधित अधिकारी के इस बयान पर बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान वकील एलएन पाराशर ने कहा कि दमकल विभाग को इस कानून में परिवर्तन करना होगा और इमारत के साथ-साथ इमारत के अंदर चलने वाले शिक्षण संस्थान या फिर अन्य व्यवसायिक गतिविधियों को भी एनओसी के दायरे में लाना होगा , क्योकी वह नहीं चाहते कि जैसा सूरत में हुआ है वैसा फरीदाबाद में घटित हो । वही शिक्षाविद एवं आपदा प्रबंधन पदाधिकारी डॉक्टर एमपी सिंह ने सूरत की घटना को असहनीय बताते हुए दुख व्यक्त किया और फरीदाबाद के सभी शिक्षण संस्थानों को अपील की कि अगर उनके पास फायर सेफ्टी के इंतजामआत नहीं हैं या फिर वह पुराने हो गए हैं तो उन्हें रिप्लेस करा ले और भविष्य में ऐसी घटना ना हो उसको रोकने मैं सहायक बने वही प्रशासन के लिए भी डॉक्टर एमपी सिंह ने कहा है कि प्रशासन अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सभी शिक्षण संस्थानों का निरीक्षण करें और फायर सेफ्टी इंतजाम ना होने पर कार्यवाही करें ।

 

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