30 मार्च का इतिहास: जब सत्यजीत रे को मिला ‘ऑस्कर लाइफ टाइम अचीवमेंट ऑनरेरी अवार्ड', सुनहरे अक्षरों में दर्ज है नाम

Edited By suman prajapati, Updated: 30 Mar, 2025 04:33 PM

when satyajit ray received  oscar lifetime achievement honorary award

30 मार्च का दिन भारतीय सिनेमा के इतिहास में किसी मील के पत्थर से कम नहीं है,,क्योंकि इसी दिन ऑस्कर में एक भारतीय फिल्मकार का नाम एक प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए पुकारा गया। वह 30 मार्च 1992 का ही दिन था जब भारतीय सिनेमा के युगपुरुष सत्यजीत रे को...

मुंबई. 30 मार्च का दिन भारतीय सिनेमा के इतिहास में किसी मील के पत्थर से कम नहीं है,,क्योंकि इसी दिन ऑस्कर में एक भारतीय फिल्मकार का नाम एक प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए पुकारा गया। वह 30 मार्च 1992 का ही दिन था जब भारतीय सिनेमा के युगपुरुष सत्यजीत रे को ‘ऑस्कर लाइफ टाइम अचीवमेंट' मानद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। देश के सिनेमा के इतिहास में सत्यजीत रे का नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। उन्हें 1992 में कला के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 1984 में उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया। 

 

कुल 37 फिल्म बनाने वाले सत्यजीत रे की यादगार फिल्मों में ‘पाथेर पांचाली', ‘अपराजितो', ‘अपूर संसार' और ‘चारूलता' आदि का नाम लिया जा सकता है। इस बात में दो राय नहीं कि ऑस्कर एक ऐसा अवार्ड है, जिसे जीतना फिल्मी दुनिया से जुड़े लोगों के लिए किसी ख्वाब से कम नहीं। 

 

अमेरिकन अकादमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस द्वारा सिनेमा की विविध विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिए जाने वाले ऑस्कर अवार्ड की स्थापना 1929 में की गई थी। 1957 में फिल्म ‘मदर इंडिया' पहली भारतीय फिल्म थी, जिसे ऑस्कर की विदेशी भाषा की फिल्म की श्रेणी में नामित किया गया था। 
 

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