Edited By Deepak Paul, Updated: 12 May, 2018 01:22 PM
हरियाणा में सोशल मीडिया पर पाकिस्तान हाईकोर्ट के अदेशों का वायरल मैसेज निजी स्कूलों के लिए सिरदर्द बना है। बीते कुछ दिनों से मैसेज को व्हाट्सएप पर अलग-अलग ग्ररु में कई बार पोस्ट किया जा चुका है। अादेशों की कापी के साथ यह लिखा जा रहा है कि निजी...
चंडीगढ़: हरियाणा में सोशल मीडिया पर पाकिस्तान हाईकोर्ट के अदेशों का वायरल मैसेज निजी स्कूलों के लिए सिरदर्द बना है। बीते कुछ दिनों से मैसेज को व्हाट्सएप पर अलग-अलग ग्ररु में कई बार पोस्ट किया जा चुका है। अादेशों की कापी के साथ यह लिखा जा रहा है कि निजी स्कूल जून और जुलाई महीने की फीस नहीं ले सकते।
अभिभावक मैसेज को ही पढ़कर निजी स्कलों में फोन कर इस संबंध में पूछ रहे हैं। जबकि वे अादेश की काॅपी को नहीं पढ़ रहे हैं कि वे कहां और किस देश के कोर्ट की है। अनेक अभिभावक अंग्रेजी की ज्ञान के कारण भी गफलत में हैं। वह सुनी सुनाई बात पर ही विश्वास कर स्कूलों की परेशानी बढ़ाने में लगे हैं।
निसा ने पीएम और एमएचअारजी मंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग उठाई
नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल एलाइंस के राष्ट्ररीय अध्यक्ष कुलभूषन शर्मा ने सोशवल ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पाकिस्तान स्थित सिंध उच्च न्यायालय के स्कूलों में संबंधित अादेशों पर सरकार से अाग्रह किया कि वह जनता को वास्तविक स्थित से अवगत कराए। शर्मा ने पीएम नरेंद्र मोदी व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावेदकर को लिखा जिसमें उन्होंने अाग्रह किया कि पाकिस्तान कोर्ट का अादेश सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इंडिया का एजुकेशन सिस्टम प्रभावित हो रहा है और अभिभावकों के बीच गलत प्रचार किया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने यह पत्र विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी भेजा है।