Edited By Updated: 29 Apr, 2016 04:18 PM
भौतिकवादी भागदौड़ भरी जिंदगी और आपाधापी में भी ईमानदारी कहीं न कहीं जिंदा जरूर है। कुछ इसी तरह का उदाहरण भिवानी में उस समय देखने को मिला, जब पेशे से एक शिक्षक को सडक़ पर लावारिश हालत में मिला हजारों रूपयों से भरा...
भिवानी (अशोक भारद्वाज): भौतिकवादी भागदौड़ भरी जिंदगी और आपाधापी में भी ईमानदारी कहीं न कहीं जिंदा जरूर है। कुछ इसी तरह का उदाहरण भिवानी में उस समय देखने को मिला, जब पेशे से एक शिक्षक को सडक़ पर लावारिश हालत में मिला हजारों रूपयों से भरा पर्स उसके असल मालिक तक पहुंचा ईमानदारी का परिचय दिया गया।
जी हां ये शिक्षक शहर के ही एक निजी विद्यालय में बच्चों को ईमानदारी का सबक सिखा रहे हैं, वहीं खुद भी इसी तरह का आचरण रख, लोगों के लिए मिशाल बन गए हैं। दरअसल हनुमान ढाणी पीपलीवाली जोहड़ी क्षेत्र निवासी सुनील गत 20 अप्रैल की देर शाम को अपनी बाइक से पुराना बस स्टैंड की तरफ जा रहे थे कि सडक़ पर अचानक उसे एक पर्स दिखाई पड़ा। उसने पर्स को उठाया और उसे खोलकर देखा तो उसमें हजारों रूपयों की नगदी थी। इसके अलावा पर्स में कुछ जरूरी दस्तावेज भी थे।
सुनील ने अपने स्तर पर पर्स के असल मालिक की खोजबीन शुरू कर दी और उसे इस काम में कामयाबी भी मिली। गुम हुआ पर्स खाड़ी मोहल्ला निवासी अमन शर्मा का था। अमन किसी कार्य से जा रहा था कि इसी दौरान उसका पर्स सडक़ पर गिर गया था।
सुनील ने बताया कि वह वैश्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बतौर टीचर कार्यरत हैं। उसने हमेशा अपने बुजुर्गों से ईमानदारी के बारे में संस्कार मिले हैं, जिन्हें वो बच्चों को भी सिखा रहा है। सुनील की ईमानदारी शिक्षक के तौर पर काफी अहम होती है, क्योंकि जो बच्चे शिक्षक से सीखते हैं, कहीं ना कहीं उसे व्यवहारिक जीवन में भी ग्रहण करते हैं। इसलिए सुनील की ईमानदारी उन हजारों बच्चों के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बन गई है, जिस विद्यालय में वो उन्हें पढ़ा रहा है।