55 साल के इतिहास में पहली बार हरियाणा की 2 बेटियों ने आर्मी अोटीए में जीता शीर्ष सम्मान

Edited By Punjab Kesari, Updated: 11 Mar, 2018 01:47 PM

2 haryana lady cadets bag top honours at ota

हरियाणा की बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। हरियाणा की बेटी प्रीति चौधरी और वृति शर्मा ने चेन्नई में देश के 200 लड़कों को पछाड़ कर ऑफिसर ट्रेनिंग में पहले दो स्थान हासिल कर देश में प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है। अॉफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी के...

चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा की बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। हरियाणा की बेटी प्रीति चौधरी और वृति शर्मा ने चेन्नई में देश के 200 लड़कों को पछाड़ कर ऑफिसर ट्रेनिंग में पहले दो स्थान हासिल कर देश में प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है। अॉफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी के 55 साल में पहली बार दो महिला कैडेट्स ने चेन्नई में हुई पासिंग आउट परेड में शीर्ष सम्मान जीता है। 
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दोनों बेटियां हरियाणा की रहने वाली
दोनों बेटियां हरियाणा की रहने वाली हैं। प्रीति पानीपत के बिंझौल अौर वृति रोहतक की रहने वाली है। मेरिट लिस्ट में पहले नंबर पर रहीं प्रीति को गोल्ड के साथ स्वॉर्ड अॉफ अॉनर मिला है, जबकि सीनियर अंडर अॉफिसर वृति को सिल्वर मेडल दिया गया। अप्रैल 2017 में अॉल इंडिया एनसीसी स्पेशल इंट्रेस के तहत देशभर में 4 जगह इंटरव्यू रखे गए थे। जिनमें 1200 कैडेट्स शामिल हुए। जहां से इन दोनों लड़कियों का लेफ्टिनेंट के पद के पद पर चयन हुआ। अब तक सिर्फ 3 बार ही किसी महिला कैडेट को स्वॉर्ड अॉफ अॉनर मिला है। 

बेटियां घर ही नहीं देश सेवा भी कर सकती हैं: प्रीति
प्रीति के पिता इंद्र सिंह आर्मी से अॉनरेरी कैप्टन के तौर पर रिटायर हुए थे। उनकी माता सुनीता टीचर हैं। प्रीति का परिवाहर फिलहाल चंडीगढ़ के पास जीरकपुर में रहता है। प्रीति ने बताया कि उनके पिता आर्मी थे अौर बहुत कम छुट्टी ले पाते थे। उनकी मां ने उनका हर कदम पर साथ दिया अौर उनको बाहर भी भेजा। प्रीति ने कहा कि मुझे भी साबित करना था कि बेटियां घर के ही काम करने के लिए नहीं होती हैं। वे देश सेवा भी कर सकती हैं। 
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12वीं तक बदले 8 स्कूल
प्रीति के पिता की पोस्टिंग कई जगह होने के कारण 12वीं तक 8 स्कूल बदलने पड़े। सेवानिवृत्ति के समय पिता चंड़ीगढ़ के नजदीक जीरकपुर में बस गए। प्रीति ने बीए की पढ़ाई के दौरान एनसीसी जॉइन की। उनका 2016 में दिल्ली के गणतंत्र दिवस समारोह के लिए हरियाणा की टुकड़ी में चयन हुआ। देश की बेस्ट 144 लड़कियों में प्रीति को अॉल इंडिया बेस्ट कैडेट चुना गया अौर प्रधानमंत्री के हाथों सम्मान भी मिला। बीए करने के बाद एसएसबी का टेस्ट क्लीयर किया अौर उसके बाद चेन्नई में अॉफिसर ट्रेनिंग पूरी की। 
बचपन में पिता की टोपी पहन कहती थी आर्मी में जाना
प्रीति की मां सुनीता ने बताय कि यह उनके लिए गर्व की बात है। जब से प्रीति के पिता ने छोड़ा था, वहीं से बेटी ने शुरूआत कर रही है। उसके पिता लेफ्टिनेंट से रिटायर हुए, बेटी का इसी पद पर चयन हुआ है। उन्होंने बताया कि जब प्रीति छोटी थी तो पिता की टोपी पहनकर कहती थी कि उसे भी आर्मी में जाना है। प्रीति को भी अंबाला में पोस्टिंग मिली है। 

प्रीति ने फुटबाल खेना भी सीखा
प्रीति ने बताया कि उसके बैच में 40 लड़कियां और 209 लड़के थे। 30 किमी की दौड़ में उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं था। मगर उसने कड़ा अभ्यास किया। इसके अलावा सुबह 9:30 से रात 10:30 बजे तक ट्रेनिंग के दौरान उसने फुटबॉल खेलना भी सीखा। वह शरीर को मजबूत बनाने के लिए पुशअप्स व दौड़ ज्यादा लगाती थी। इसके अलावा वह खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम व शैक्षणिक गतिविधि में खूब दिलचस्पी लेती थी।
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तीनों भाई-बहन  इंजीनियर
वृति के पिता बैंक में नौकरी अौर मां लेक्चरर है। वृति ने रोहतक में दसवीं और बारहवीं की शिक्षा ग्रहण करने के बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से मैक्निकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उनकी बहन अंकिता शर्मा भी इल्केट्रिकल इंजीनियर हैं और दिल्ली मेट्रो में कार्यरत हैं। छोटे भाई आदित्य भी कंप्यूटर इंजिनियर हैं। वृति ने बताया कि बचपन से ही तीनों बहन भाइयों को विज्ञान में रूचि थी इसलिए पहले इसी क्षेत्र को चुना। पंजाब नेशनल बैंक में चीफ मैनेजर के पद पर कार्यरत वृति के पिता नरेश शर्मा और विशेष बच्चों के लिए अर्पण स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत उनकी मां मधु शर्मा ने कहा कि बेटी की कामयाबी से दिल खुश हो गया है।

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था सम्मानित
वृति शर्मा पढ़ाई के दौरान स्टूडेंटस आफ द इयर चुनी गई। इसके बाद पुणे में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में जैव विविधता विषय पर बनाए गए उनके माडल को प्रथम चुना गया। इतना ही नहीं उन्हें खुद पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने सम्मानित किया। 

वृति ने जापान में इंजीनियर की नौकरी छोड़ देशसेवा को चुना
वृति शर्मा ने जापान में इंजीनियर की नौकरी छोड़कर देश सेवा को चुना और उसमें सफल हुई। वृति ने कहा कि बेटियां कमजोर होती हैं ये बात वो समाज में सुनती आ रही थीं। ले‍किन, 2015 में जब उन्होंने विंग कमांडर पूजा को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को एस्कार्ट करते हुए देखा तो उनका नजरिया ही बदल गया। व‍ृति ने बताया कि इसके बाद उन्होंने सेना में भर्ती होने का मन बना लिया था। उस समय वह कुरुक्षेत्र से मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर रही थीं। पढ़ाई पूरी करने के बाद उनको जापान में नौकरी मिल गई, लेकिन दिमाग में हर वक्त सेना का ही ख्याल रहता था।
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परिवार ने किया सहयोग
व‍ृति ने बताया कि जापान से एग्जाम देने के लिए घर आई और फिर वापस नहीं गई और सेना में भर्ती होकर अपना सपना पूरा किया। वृति शर्मा ने कहा के उनके माता-पिता ने जिस तरह उनको प्राेत्‍साहन दिया यदि प्रत्येक लड़की को ऐसा प्रोत्साहन मिले तो बेटियां हर मुकाम हासिल कर सकती हैं।

क्या है स्वॉर्ड ऑफ ऑनर 
स्वॉर्ड ऑफ ऑनर वह अॉनर है जो मेरिट लिस्ट में पहले नंबर पर रहे कैडेट को मिलता है। इसके लिए कैडेट को फिजिकल टेस्ट, हथियारों की ट्रेनिंग, लीडरशिप क्वॉलिटी में शानदार क्षमताएं दिखानी पड़ती हैं। क्रॉस कंट्री रन, बॉक्सिंग, डिबेट आदि में कॉम्पिटिशन भी जीतना पड़ता है।
 

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