4 सालों में विजिलेंस के हत्थे चढ़े 44 रिश्वतखोर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Jan, 2018 02:45 PM

viaglins arrested 44 briberers in 4 years

प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को रोकने के लिए काफी गंभीर है। इसी के चलते प्रदेश में स्टेट विजीलेंस ब्यूरो की सतर्कता के चलते 4 साल में 44 मामले रिश्वत के सामने आए हैं। स्टेट विजीलेंस ब्यूरो के 4 साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इनमें से सबसे अधिक मामले...

जींद(ब्यूरो):प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को रोकने के लिए काफी गंभीर है। इसी के चलते प्रदेश में स्टेट विजीलेंस ब्यूरो की सतर्कता के चलते 4 साल में 44 मामले रिश्वत के सामने आए हैं। स्टेट विजीलेंस ब्यूरो के 4 साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इनमें से सबसे अधिक मामले में राजस्व और बिजली विभाग के हैं। प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ज्यादातर विभागों को अब ऑनलाइन कर दिया गया है लेकिन अब भी कई विभाग ऐसे हैं, जहां पर ऑनलाइन काम होने के बाद भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। 

पिछले 4 साल में स्टेट विजीलेंस ब्यूरो के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो राजस्व विभाग और बिजली विभाग के 10-10 मामले रिश्वत लेने के सामने आए हैं। बिजली विभाग में ट्रांसफार्मर लगवाने की एवज और लोड बढ़वाने की एवज में रिश्वत लेने के ज्यादा मामले विजीलेंस विभाग की टीम ने पकड़े हैं। स्टेट विजीलेंस विभाग द्वारा पकड़े गए 44 में से 11 लोग सबूतों के अभाव के चलते बरी हुए हैं। इसके अलावा 4 लोगों को भ्रष्टाचार में दोषी पाए जाने पर सजा हुई है।

नाम-पता रखा जाता है गुप्त : श्रीराम
स्टेट विजीलैंस विभाग के इंस्पैक्टर श्रीराम ने बताया कि स्टेट विजीलेंस विभाग में कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत दे सकता है। शिकायत मिलने के बाद जिला प्रशासन द्वारा ड्यूटी मैजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जाती है और शिकायत देने वाले का नाम और पता पूरी तरह से गुप्त रखा जाता है। स्टेट विजीलेंस विभाग द्वारा एक टीम का गठन मैजिस्ट्रेट की देख-रेख में किया जाता है और पूरी प्लानिंग के तहत रिश्वत लेने वाले व्यक्ति तक पहुंचा जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए काम कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में स्टेट विजीलैंस ब्यूरो काम कर रहा है।

किस साल किस विभाग के कितने मामले
स्टेट विजीलैंस विभाग के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो साल 2014 और साल 2016 में सबसे ज्यादा मामले भ्रष्टाचार के सामने आए हैं। साल 2015 में 10 और साल 2017 में 8 मामले रिश्वत के सामने आए। विभाग के अधिकारियों की मानें तो सबसे ज्यादा मामले में बिजली और राजस्व विभाग से जुड़े हुए हैं। इन दोनों विभागों में 10-10 मामले रिश्वत के सामने आए। पुलिस विभाग में 7, आबकारी एवं कराधान विभाग में 1, स्वास्थ्य और रोडवेज में 1-1, वन विभाग में 3 तथा अन्य विभागों के 10 मामले सामने आए।

इन विभागों के कर्मचारियों को हुई सजा
स्टेट विजीलेंस विभाग द्वारा रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए 4 मामलों में आरोपियों को 4 साल तक की सजा और जुर्माना हुआ है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब तक राजस्व विभाग में एक पटवारी को अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपी को 4 साल की सजा और 6 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इसके अलावा नरवाना में ट्रेजरी कार्यालय के एक कर्मचारी को रिश्वत लेने के जुर्म में अदालत ने 4 साल सजा और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। बिजली विभाग में एक कर्मचारी को रिश्वत लेने के जुर्म में कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 4 साल सजा और 3 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। पुलिस विभाग के ए.एस.आई. को 4 साल की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा कोर्ट ने सुनाई है। 

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