शहर को आवारा पशुओं से मुक्त कराने की मुहिम, 350 से ज्यादा गौवंश को नंदीशाला पहुंचाया

Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Sep, 2017 01:37 PM

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जींद शहर अब आवारा पशुओं से मुक्त होने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। इसके तहत गत रात जींद के ए.डी.सी. धीरेंद्र खडगटा के

जींद(जसमेर मलिक): जींद शहर अब आवारा पशुओं से मुक्त होने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। इसके तहत गत रात जींद के ए.डी.सी. धीरेंद्र खडगटा के नेतृत्व में शहर के आवारा पशुओं को नंदीशाला में पहुंचाने का अभियान चलाया गया। इस अभियान में ए.डी.सी. के अलावा जींद के एस.डी.एम. अश्विनी मलिक, नगराधीश मुनीष कुमार फौगाट, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप कुमार, डी.एस.पी. कप्तान सिंह हाथों में लाठियां लेकर आवारा पशुओं को हांककर नंदीशाला में लाने में लगे रहे। रातभर चले इस अभियान में शामिल लोग आवारा पशुओं को अस्थायी नंदीशाला में आश्रय देने के काम पर लगे रहे। 

खुंखार प्रवृत्ति के काले रंग के सांडों को शहर की बस्तियों से निकालकर मुख्य सड़क पर लाना किसी चुनौती से कम नहीं था। ऐसे काले रंग के सांड साक्षात मौत बिफरने पर बन जाते हैं। इसकी परवाह किए बिना प्रशासनिक अधिकारियों ने अभियान को इस तरीके से चलाया कि कोई भी पशु इस अभियान के तहत छूटने नहीं पाए। प्रथम चरण में भिवानी रोड से आवारा पशुओं को इकट्ठा कर उन्हें जींद की पुरानी अनाज मंडी में छोड़ा गया। इसके बाद रोहतक रोड नई अनाज मंडी से पशुओं को इकट्ठा कर उन्हें पुरानी अनाज मंडी में लाया गया। इस प्रकार लगभग 300 आवारा पशुओं को टाऊन हाल, तांगा चौक, रामराय गेट से पुरानी सब्जी मंडी होते हुए नंदीशाला तक पहुंचाया गया। नरवाना रोड से लगभग 100 पशुओं को इकट्ठा कर सड़क से हांकते हुए जयंती देवी मंदिर के पास बनी अस्थायी नंदीशाला में पहुंचाया गया। 

पूरी प्लानिंग के तहत चलाया अभियान
नगर परिषद की ट्रैक्टर-ट्राली, डस्टबीन उठाने का वाहन, फायर ब्रिगेड की गाड़ी को अभियान में शामिल करके कार्यकर्त्ताओं को पहले भिवानी रोड पर छोड़ा गया। नाकाबंदी इस तरह से की गई की कोई भी सांड सड़क की गलियों से भाग नहीं सके। प्रत्येक गली के मुहाने पर हाथों में लठ देकर कार्यकर्त्ताओं को खड़ा किया गया था। जब सड़क से आवारा पशु हांकते हुए अगली जगह पर पहुंचाए जाते तो नाकों पर खड़े किए गए लोगों को अगले पड़ाव की सड़कों पर पडऩे वाली गलियों पर खड़ा किया गया और इस प्रकार से नाकाबंदी कर नंदियों को जयंती देवी मंदिर के पास बनी अस्थाई नंदीशाला में लाया गया। इस अभियान में सड़क पर चलने वाले बड़े वाहनों का भी नाके लगाने के काम में सदुपयोग किया गया।

शहर को आवारा पशु मुक्त बनवाने में आमजन करे प्रशासन का सहयोग : ए.डी.सी.
ए.डी.सी. धीरेंद्र खडगटा ने आमजन से आह्वान किया कि वह शहर को आवारा पशु मुक्त शहर बनाने के लिए सहयोग करें। इसके साथ-साथ अस्थायी नंदीशाला में पशुओं के चारे के काम में भी लोगों का सहयोग जरूरी है। जब भी इस प्रकार का अभियान चले तो लोगों को चाहिए कि वह अपनी गली, मोहल्ले के आवारा पशुओं को मुख्य सड़कों पर छुड़वाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि गांव के लोग शहरों में आवारा पशुओं को नहीं छोड़ें। गांवों में भी गौशाला, नंदीशाला बनाकर इन आवारा पशुओं को आश्रय दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जुलाना में जल्द ही गौशाला का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। 

शहर अब आवारा पशुओं से मुक्त होने की तरफ तेजी से बढ़ रहा : डी.सी.
डी.सी. अमित खत्री ने कहा कि जींद शहर को आवारा पशुओं से मुक्त बनाने के लिए बड़ा अभियान लगातार चलाया जा रहा है। अब तक 2 हजार से ज्यादा आवारा पशुओं को सड़कों और आबादी से हटाकर अस्थाई नंदीशाला में पहुंचाया गया है। बहुत जल्द जींद शहर आवारा पशुओं से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा। 
 

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