GST को लेकर नेताओं में जुबानी घमासान जारी, सड़कों पर उतरे व्यापारी

Edited By Punjab Kesari, Updated: 28 Jun, 2017 11:06 AM

political leaders continue to fight for gst

केंद्र सरकार द्वारा एक जुलाई से लागू की जा रही नई टैक्स प्रणाली (जी.एस.टी.) को लेकर जहां सत्ताधारी भाजपा व विपक्षी दलों के बीच जी.एस.टी. को लेकर वाकयुद्ध जारी है तो

सिरसा (अरोड़ा):केंद्र सरकार द्वारा एक जुलाई से लागू की जा रही नई टैक्स प्रणाली (जी.एस.टी.) को लेकर जहां सत्ताधारी भाजपा व विपक्षी दलों के बीच जी.एस.टी. को लेकर वाकयुद्ध जारी है तो वहीं देश व प्रदेश के व्यापारी भी जी.एस.टी. के खिलाफ सड़कों पर आ गए हैं। सत्ताधारी भाजपा जी.एस.टी. को व्यापारियों व आमजन के हित में बता रही है तो दूसरी ओर विपक्षी दल इसे जनसाधारण के साथ-साथ व्यापारियों के हितों पर कुठाराघात की संज्ञा दे रहे हैं। अब देखना होगा कि इन परिस्थितियों के बीच केंद्र सरकार किस तरह से जी.एस.टी. को 1 जुलाई से लागू कर पाती है।

GST को लेकर व्यथित व चिंतित है जनसाधारण:सुरजेवाला
कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि पूरे देश का छोटा दुकानदार मध्यम व छोटा उद्योपति तथा जनसाधारण जी.एस.टी. को लेकर व्यथित व चिंतित है और आंदोलित होने को तैयार है। उन्होंने कहा कि तरह-तरह की शंकाएं आम जनमानस के मन में पैदा हो रही हैं। खासतौर पर जिस प्रकार कृषि उपकरणों, ट्रैक्टर, खाद रूपी कृषि उत्पादों पर जी.एस.टी. का भारी भरकम टैक्स लगाया जा रहा है उससे तमाम व्यापार विशेषतौर पर निर्माण व्यवसाय कंगाली के कगार पर आता दिख रहा है। खादी संस्थाएं व छोटे हथकरघा उद्योग बंद हो जाएंगे। लकड़ी कारोबार खासतौर पर प्लाईवुड इंडस्ट्री प्रभावित होगी। इन सब पहलुओं पर कांग्रेस पार्टी गहन चिंतन व मंथन करने के बाद इस समस्या का हल निकालने हेतु जनमानस की सुरक्षा हेतू दूरगामी कदम उठाएगी।

GST लागू होने से व्यापारियों की समस्याएं होंगी कम: प्रो. शर्मा
हरियाणा के शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा का कहना है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 वर्ष के अपने अल्पशासन काल में अपनी नीतियों से पूरी दुनिया में भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है ठीक उसी प्रकार जी.एस.टी. के माध्यम से एक देश एक टैक्स नीति लागू करके प्रधानमंत्री एक नया इतिहास रचने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. कानून भारत में एक साथ लागू होने से भारत के राजकोष में आमदनी बढ़ेगी। व्यापारियों को सुविधा मिलेगी। प्रांत की सरकारों की आमदनी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इस टैक्स प्रणाली से वन विंडो वन सिस्टम लागू होने से टैक्स प्रणाली में पारदर्शिता आएगी।

GST लागू करने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करे सरकार: अरोड़ा
इनैलो के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा का कहना है कि जी.एस.टी. को लागू करने से पहले सरकार को सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार करना चाहिए था और व्यापारियों के साथ-साथ आम लोगों को जागरूक करते हुए इससे संबंधित सारी जानकारी देनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. क्या है और इसके लागू होने के बाद टैक्स की स्थिति क्या होगी, इससे व्यापारियों के साथ-साथ आम जनमानस पूरी तरह अनभिज्ञ और भयभीत है।

GST से टैक्स प्रणाली होगी जटिल: गर्ग
अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रान्तीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने कहा कि जी.एस.टी. टैक्स प्रणाली केंद्र सरकार जो लागू करने जा रही हैं, उसमें विश्व के अन्य देशों के मुकाबले टैक्स दरें बहुत ज्यादा हैं यहां तक कि जी.एस.टी. कानून के तहत व्यापारी पहले जो एक साल में 4 रिटर्न भरता था अब उसे एक साल में 37 रिटर्न भरनी होंगी व कानून को इतना जटिल बनाया है कि व्यापारी अपना व्यापार न करके लेखा-जोखा रखने में ही उलझा रहेगा।

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