PNB सुरंग कांड: पीड़ितों में बरामद गहनों को बेचकर मुआवजा बांटने की राह हुई आसान

Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Mar, 2018 11:14 AM

pnb tunnel scandal selling the recovered ornaments in the victims

26 अक्तूबर, 2014 के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित पंजाब नेशनल बैंक सुरंग कांड में पीड़ित लॉकर धारक अब इस बिन्दु पर सहमत हो गए हैं कि वह एक-दूसरे के नुक्सान के क्लेम को चुनौती नहीं देंगे। इसी के साथ गिरफ्तार आरोपियों से बरामद गहने बेचकर उनकी नकद राशि...

गोहाना(ब्यूरो): 26 अक्तूबर, 2014 के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित पंजाब नेशनल बैंक सुरंग कांड में पीड़ित लॉकर धारक अब इस बिन्दु पर सहमत हो गए हैं कि वह एक-दूसरे के नुक्सान के क्लेम को चुनौती नहीं देंगे। इसी के साथ गिरफ्तार आरोपियों से बरामद गहने बेचकर उनकी नकद राशि को पीड़ित लॉकर धारकों में बांटने की राह अब बेहद आसान हो गई है। 

पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट के आदेश पर मामले की सुनवाई सत्र न्यायालय द्वारा तेजी से की जा रही है जिसमें अब अदालत ने बचे 5 लॉकर धारकों और उनके वैधानिक आश्रितों को भी तलब कर लिया है। पंजाब नेशनल बैंक के समीप के जर्जर भवन से स्ट्रांग रूम तक भूमिगत सुरंग खोदकर 78 लॉकर तोड़ दिए गए थे। इनमें से एक लॉकर खाली था बाकी के 77 लॉकर धारकों की पीढिय़ों की जमा पूंजी एक झटके में आरोपियों ने साफ कर दी थी। बाद में न केवल आरोपी गिरफ्तार हुए बल्कि उनसे लॉकरों से चुराए गए गहने भी बरामद हो गए। 

सत्र न्यायालय को 2 मई को अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को देनी है। रिपोर्ट समय पर पेश हो सके, इसके लिए सत्र न्यायालय सुनवाई में कोई देरी नहीं होने दे रहा है। अगली पेशी 30 मार्च की है। पीड़ित लॉकर धारकों में 73 के स्वयं या उनके कानूनी आश्रितों के बयान अदालत कलमबद्ध कर चुकी है जिसके मुताबिक यह परिवार इस बात पर पूरी तरह से एकजुट हो गए हैं कि कोई भी लॉकर धारक दूसरे लॉकर धारक द्वारा दिए अपने नुक्सान के शपथ-पत्र को चुनौती नहीं देगा। 

इस सहमति से अदालत के लिए भी अब पीड़ित लॉकर धारकों में बरामद गहने बेचकर उनकी नकद राशि बांटना अत्यंत सुगम हो गया है। सत्र न्यायालय में अब बाकी के 5 लॉकर धारकों और वैधानिक आश्रितों को भी पेश होना होगा। इनमें से एक लॉकर धारक वह भी है जिसका लॉकर खाली होने से उसका कोई नुक्सान नहीं हुआ था और इस लिए वह कोई क्लेम पहले दिन से नहीं कर रहा है।

मीडिएटर गहने बेचकर करेगा नकद वितरण
लॉकर धारकों के अधिवक्ता हरीश भारद्वाज ने बताया कि लॉकर धारकों की ही सहमति से मीडिएटर की नियुक्ति औपचारिक रूप से की जाएगी। यह मीडिएटर ही बरामद गहने बेच कर उनका नकद वितरण लॉकर धारकों के बीच करेगा। सत्र न्यायालय की भूमिका मीडिएटर की नियुक्ति तक की होगी और बाकी का कार्य हाईकोर्ट की देखरेख में होगा।

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