Edited By Updated: 26 Mar, 2017 04:53 PM
पिछले 27 महीने से आराम के मूड में रहने वाली प्रदेश की अफसरशाही के कामकाज पर अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की भौंहें तन गई हैं।
चंडीगढ़:पिछले 27 महीने से आराम के मूड में रहने वाली प्रदेश की अफसरशाही के कामकाज पर अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की भौंहें तन गई हैं। अगले 5 दिनों यानी 31 मार्च के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अफसरशाही से अपनी लंबित घोषणाओं का हिसाब करेंगे। मुख्यमंत्री की ओर से अफसरों को इस बात के निर्देश नए साल 2 जनवरी को दिए गए थे। मुख्यमंत्री ने लंबित योजनाओं को पूरा करने के लिए मानीटरिंग करने की योजना बनाई थी। इसमें कहा गया था कि 31 मार्च तक मुख्यमंत्री हर विभागों की नियमित समीक्षा करेंगे। सूत्रों की माने तो अभी तक 60 प्रतिशत घोषणाएं भी सिरे नहीं चढ़ पाई हैं। मुख्यमंत्री ने इस बात का जवाब बीते विधानसभा में दिया था। माना जा रहा है कि सिस्टम की उदासीनता के कारण तय समय में इन योजनाओं को पूरा करवाना मुख्यमंत्री के लिए बड़ी चुनौती भी है।