NHM कर्मियों की हड़ताल जारी,15 को जिला मुख्यालय में प्रदर्शन का एेलान

Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Dec, 2017 02:25 PM

nhm workers strike 15 demonstrations in district headquarters

हरियाणा के हड़ताली एन.एच.एम. कर्मियों पर सरकार की चेतावनी का कोई असर नहीं दिख रहा है। बुधवार को आठवें दिन भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में हड़ताल जारी रही। हालांकि सरकार की ओर से सभी जिला सिविल सर्जनों को कर्मचारियों की बर्खास्तगी कर नई भर्ती करने के...

चंडीगढ(चंद्रशेखर धरणी):हरियाणा के हड़ताली एन.एच.एम.(राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) कर्मियों पर सरकार की चेतावनी का कोई असर नहीं दिख रहा है। बुधवार को आठवें दिन भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में हड़ताल जारी रही। हालांकि सरकार की ओर से सभी जिला सिविल सर्जनों को कर्मचारियों की बर्खास्तगी कर नई भर्ती करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं, लेकिन बुधवार को महज कुछ ही कर्मचारी ही वापस ड्यूटी पर लौटे हैं। हड़ताल से प्रदेश के कई अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं और मरीज अस्पतालों से रैफर होने लगे हैं।

दिलचस्प यह है कि अब एन.एच.एम. कर्मियों के समर्थन में सर्व कर्मचारी संघ और सीटू ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है। दोनों यूनियनों ने एन.एच.एम. कर्मचारियों की बर्खास्तगी व धारा 144 लगाने के खिलाफ 15 दिसम्बर को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इन प्रदर्शनों में सभी सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, नगर निगमों, पालिकाओं, परिषद, विश्वविद्यालयों व विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत कर्मचारी व मजदूर शामिल होकर हड़ताल के प्रति एकजुटता प्रकट करेंगे। 

तेज करेंगे आंदोलन: संघ
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मबीर फोगाट व महासचिव सुभाष लाम्बा और सी.आई.टी.यू. के प्रधान कामरेड सतबीर सिंह व महासचिव जयभगवान ने बताया कि 15 दिसम्बर के प्रदर्शनों के बावजूद अगर सरकार ने हठधर्मी त्याग कर बातचीत से मांगों का समाधान नहीं किया तो विरोध को और तीखा व तेज किया जाएगा। जिसमें अन्य ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी संगठनों को शामिल करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने बातचीत के बजाय दस हजार अनुभवी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जनता को स्वास्थ्य सेवाएं देना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हड़ताल के कारण जनता को हो रही परेशानियों के लिए पूरी तरह सरकार जिम्मेदार है।

इन जिलों में ज्यादा असर
एन.एच.एम. कर्मियों की हड़ताल से प्रदेश के कई अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो गई हैं। प्रदेश के गुरुग्राम, मेवात, फरीदाबाद, सिरसा, करनाल, हिसार, झज्जर, कैथल और सोनीपत सरीखे जिलों में हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। यहां सरकारी अस्पतालों में दाखिल मरीजों के परिजन अब मरीजों को रैफर करवाने में जुट गए हैं। वहीं नौकरी से बर्खास्त होने का डर कर्मियों में साफ झलक रहा है, लेकिन वह यूनियनों की हिदायतों के अनुसार अभी भी हड़ताल से बच नहीं पा रहे हैं।

गैस्ट टीचर का मिला साथ
एन.एच.एम. के हड़ताली कर्मियों के समर्थन में गैस्ट टीचर एसोसिएशन ने भी आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है। कच्चे कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान राजेंद्र शास्त्री व गैस्ट टीचरों के प्रदेश प्रवक्ता अजय लोहान ने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश के सभी कच्चे कर्मचारियों के साथ वायदाखिलाफी कर उनका शोषण करने पर तुली हुई है। लेकिन अब कच्चे कर्मचारी सरकार को अपनी मनमानी किसी भी हाल में नहीं करने देंगे। एन.एच.एम1 के कर्मचारी अब अकेले नहीं, बल्कि गैस्ट टीचरों सहित लाखों कच्चे कर्मचारी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ेंगे।

संघ ने किया समर्थन
स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ ने एन.एच.एम. के तहत कार्यरत अनुबंध कर्मचारियों को बर्खास्त करने की निंदा करते हुए सरकार से कर्मचारियों की जायज मांगों को लागू करने की अपील की है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष राममेहर वर्मा, महासचिव रोहतास ज्याणी व उप प्रधान संतोष ने बताया कि संघ ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सहित सरकार के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर एन.एच.एम. कर्मचारियों की हड़ताल के कारण आम जनता की तकलीफ तथा कर्मचारियों की जायज मांगों को मद्देनजर रखते हुए तुरंत बातचीत से समस्याओं का समाधान करने का आग्रह किया है।

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