शॉट सर्किट से खेतों में लगी आग, 85 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख

Edited By Updated: 11 Apr, 2017 12:07 PM

fire in field

गांव प्यौदा व तितरम के 15 किसानों की करीब 85 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल बिजली की हाईवोल्टेज तारों से निकली चिंगारी से जलकर

कैथल(रमन गुप्ता):गांव प्यौदा व तितरम के 15 किसानों की करीब 85 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल बिजली की हाईवोल्टेज तारों से निकली चिंगारी से जलकर राख हो गई। आग के कारण किसानों का करीब 34 लाख रुपए का नुक्सान हुआ है। किसानों ने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत उन्होंने अपनी फसल का बीमा करवाया हुआ है। आग लगने की घटना के बाद जब उन्होंने बीमा कम्पनी अधिकारियों से सम्पर्क किया तो उन्होंने इस घटना का मुआवजा पॉलिसी में नहीं होने की बात कही है। यह आग हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एच.वी.पी.एन) की 132 के.वी. की लाइन से निकली चिंगारी से लगी है। 
यह आग गांव प्यौदा स्थित बिजली सब-स्टेशन के पीछे से स्थित खेतों से शुरू हुई थी, जो तेज हवा चलने के कारण तेजी से आगे बढ़ती चली गई। आग की सूचना मिलते ही गांव प्यौदा व तितरम के सैंकड़ों किसान अपनी फसल बचाने के लिए खेतों की ओर दौड़ पड़े। लोगों ने ट्रैक्टर, हैरो के साथ आग को आगे बढऩे से रोका।  यह आग सुबह करीब 10.30 बजे लगी, जिस पर करीब 12 बजे तक काबू पाया गया। किसानों ने बताया कि उन्होंने फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को सूचना तुरंत दे दी थी लेकिन गाड़ी करीब 30-40 मिनट में पहुंची, तब तक किसानों ने करीब 70 प्रतिशत आग पर काबू पा लिया था। शेष आग पर दमकल विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर काबू पाया। 

इन किसानों की जली गेहूं की फसल
गांव प्यौदा निवासी सरपंच राममेहर की 15 एकड़, मियां सिंह की एक एकड़, राजेंद्र की 5.5 एकड़, कृष्ण कुमार की 4.5 एकड़, ज्ञानी राम की 3.5 एकड़, रतिया की 3 एकड़, पाला राम की 3 एकड़, महीपाल की 3 एकड़, ईश्वर की 3 एकड़, चांदी राम की 5 एकड़, इंद्र की 15 एकड़, ओम की 15 एकड़ गेहूं की फसल जल गई। वहीं गांव तितरम निवासी किसान इंद्र सिंह की 2.5 एकड़, पाला राम की 3 एकड़, रत्ना की 1.5 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई।

फसल का बीमा है लेकिन मिलेगा नहीं
गांव प्यौदा के सरपंच राममेहर ने बताया कि किसानों ने फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा करवाया हुआ है। आग लगने की घटना के बाद जब उन्होंने बीमा कम्पनी अधिकारियों से सम्पर्क किया तो उन्होंने इस घटना का मुआवजा पॉलिसी में नहीं होने की बात कही है। अधिकारियों का कहना है कि वे केवल प्राकृतिक आपदा में ही फसल के नुक्सान का मुआवजा देते ऐसा पॉलिसी में भी लिखा है।

बिजली निगम के एक्स.ई.एन. पी.सी. सैनी ने बताया कि उनके अधीन आने वाली 11 के.वी. व 33 के.वी. लाइनों पर गेहूं के सीजन को देखते हुए सुबह 8 से सायं 6 बजे तक परमिट है। 132 के.वी. की लाइन उनके अधीन नहीं आती।

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