विस कर्मियों में पुराने नोट बांटने के मामले ने पकड़ा तूल, पूर्व मंत्री ने की केस दर्ज करने की मांग

Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Jul, 2017 09:07 AM

case of sharing old notes in vis workers caught

हरियाणा विधानसभा की ओर से नोटबंदी के बावजूद अपने कर्मचारियों को मानदेय राशि के रूप में पुराने नोट बांटने का मामला तूल पकड़ने लगा है।

चंडीगढ़ (राकेश संघी):हरियाणा विधानसभा की ओर से नोटबंदी के बावजूद अपने कर्मचारियों को मानदेय राशि के रूप में पुराने नोट बांटने का मामला तूल पकड़ने लगा है। इसको लेकर कांग्रेस नेता व राज्य के पूर्व मंत्री संपत सिंह ने चंडीगढ़ के सैक्टर-3 स्थित पुलिस थाना में शिकायत दी और दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने की मांग की। शिकायत में विधानसभा अध्यक्ष कंवर पाल सहित विधानसभा के अधीक्षक राम सिंह, अध्यक्ष के सचिव सुभाष चंद्र, विधानसभा सचिव आर.के. नांदल व राज्य के प्रधान महालेखाकार के सचिव अविनाश पासी के विरुद्ध गत 8 नवम्बर के पश्चात 500 व 1000 रुपए के नोटों को वितरित करने पर कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है।

पुराने नोट देकर कानून का नहीं हुआ उल्लंघन
कर्मचारियों में नोटबंदी के बाद उन्हें मानदेय के रूप में पुराने नोट देकर किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया। कर्मचारियों ने लिखित में स्वीकार किया था कि उन्हें पुराने नोट दिए जाने से आपत्ति नहीं होगी। यदि विधानसभा द्वारा बची हुई राशि को वापस सरकारी खजाने में जमा करवाया जाता और कर्मचारियों का मानदेय देने के लिए फिर से राशि निकलवाई जाती तो इससे विधानसभा को दोहरे खर्च का सामना करना पड़ता। कर्मियों की रजामंदी व कानूनी राय लेने के पश्चात ही ऐसा किया गया।

यह है मामला
हरियाणा की 50वीं वर्षगांठ पर हरियाणा विधानसभा सचिवालय की ओर से 3 नवम्बर 2016 को पंचकूला स्थित इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में विधानसभा व लोकसभा के राज्य से संबंधित वर्तमान व पूर्व सदस्यों को सम्मानित करने के विशाल समारोह का आयोजन किया गया था। इस मौके पर वर्तमान व पूर्व सदस्यों को 11-11 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाना था। इसके लिए सरकारी खजाने से 33.22 लाख की राशि निकलवाई गई थी। सम्मेलन में वर्तमान व पूर्व सदस्यों में 16.50 लाख वितरित कर दिए गए। जबकि विधानसभा के पास 16.72 लाख की राशि शेष बच गई। जिसे समारोह में शामिल न हो पाने वाले वर्तमान व पूर्व सदस्यों में दिए जाना था। लेकिन समरोह के एक सप्ताह पश्चात  गत 8 नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा कर पुराने 500 व 1000 रुपए के नोटों का प्रचलन बंद कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन नोटों को केवल बैंक खातों में ही जमा करवाने को कह दिया। शेष राशि को विधानसभा द्वारा 11 नवम्बर को कर्मचारियों को उनके पदों के आधार पर 5100 व 2100 रुपए के तौर पर बांटने का फैसला किया गया। पुराने नोटों की यह राशि 15 व 16 नवम्बर को विधानसभा से संबंधित 319 कर्मचारियों को वितरित कर दी गई।
 

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