Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Jun, 2017 03:44 PM
हरियाणा की सत्ता में पहली बार आसीन हुई भाजपा का एक और कारनाम सामने आया है। प्रदेश की मनोहर सरकार ने एक एेसा फैसला लिया जिसे जानकर शायद आपको भी हंसी आ जाए।
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरनी):हरियाणा की सत्ता में पहली बार आसीन हुई भाजपा का एक और कारनाम सामने आया है। प्रदेश की मनोहर सरकार ने एक एेसा फैसला लिया जिसे जानकर शायद आपको भी हंसी आ जाए। जी हां अपरिपक्व होने का तंज झेल रही मनोहर सरकार ने एक और अपरिपक्व फैसला लिया है। सीएम ने पांच अप्रैल 2017 को पानीपत की एक जनसभा को संबोधित करते हुए जाटल गर्वनमेंट आईटीआई का नाम बदलकर महाऋषि कश्यप गर्वनमेंट आईटीआई रखने की घोषणा की थी, लेकिन हैरानी की बात ये है कि जाटल में कोई आईटीआई संस्थान है ही नहीं। एेसा हम नहीं बल्कि कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण निदेशालय के निदेशक कह रहे हैं। विभाग के सहायक निदेशक ने 14 जून को सीएम कार्यालय को पत्र लिखकर संस्थान का सही नाम बताने का अाग्रह किया है। सहायक निदेशक ने पत्र लिखकर आग्रह किया है कि संस्थान का सही नाम बताया जाए अथवा नाम में परिवर्तन करें। अब इसे अधिकारियों की लापरवाही कहें या सरकार की नासमझी लेकिन सीएम को किरकिरी का सामना जरूर करना पड़ रहा है।
- अधिकारी कटवा रहे CM की नाक ?
हरियाणा सरकार में तैनात अधिकारी लगातार सरकार की नाक कटवाने पर तुले हैं। पहले विधायकों की घोषणाओं की फाइलें रोकना, फिर घोषणाओं को लेकर मनमानी करना और अब सीएम से गलत घोषणा करवाना एक बड़ी लापरवाही है। सवाल ये भी उठता है कि अधिकारियों ने बिना किसी सर्वे और जांच के ही कैसे खाका तैयार कर लिया और सीएम को गुमराह कर कैसे यह घोषणा करवा दी। सरकार की इस किरकिरी के बाद अधिकारियों पर कार्रवाई होना तय है, लेकिन एेसा भविष्य में दोबारा ना हो इसके लिए सीएम को कड़े फैसले लेने होंगे।