Edited By Punjab Kesari, Updated: 23 Nov, 2017 04:20 PM
राजीव गांधी खेल परिसर में जल्द ही अभ्यास करने वाले खिलाडिय़ों को बेहतर सुविधाएं मिलेगी। इसके लिए तिगांव, फतेहपुर बिल्लौच और अटाली के राजीव गांधी खेल परिसर का एथलेटिक ट्रैक, फुटबॉल मैदान, वॉलीबाल कोर्ट और भवन को अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया है।...
फरीदाबाद(पंकेस):राजीव गांधी खेल परिसर में जल्द ही अभ्यास करने वाले खिलाडिय़ों को बेहतर सुविधाएं मिलेगी। इसके लिए तिगांव, फतेहपुर बिल्लौच और अटाली के राजीव गांधी खेल परिसर का एथलेटिक ट्रैक, फुटबॉल मैदान, वॉलीबाल कोर्ट और भवन को अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए खेल निदेशालय से करीब 41 लाख 32 हजार रुपये की स्वीकृति दे दी है। इसे जरूरत के अनुसार तीनों खेल परिसर में बांटा गया है। सबकुछ ठीक रहा तो 15 दिनों में इसके लिए टेंडर कर अपग्रेडेशन का काम शुरू कर दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में खेल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश के विभिन्न जिलों में 232 स्टेडियम बनाए गए है। इनमें से 226 राजीव गांधी ग्रामीण खेल परिसर है।
जिसे राज्य ग्रामीण विकास निधि बोर्ड की ओर से तैयार किया गया है। इसे तैयार कर खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग को सौंप दिया गया है। जबकि देखरेख की जिम्मेदारी खेल विभाग की है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इनमें से अधिकतर खेल परिसर रख-रखाव के अभाव में हालात खराब हो चुकी है। खेल निदेशालय ने अगस्त-सितम्बर में प्रदेश के सभी खेल अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी। इसके आधार पर राशि की स्वीकृति मिल गई है। जानकारी के अनुसार अटाली स्थित खेल नर्सरी को सबसे अधिक 20 लाख 69 हजार रुपये देने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद तिगांव राजीव गांधी खेल परिसर को 12 लाख तीन हजार रुपये और फतेहपुर बिल्लौच को 8 लाख 60 हजार रुपये दिए जाएगे।
मालूम हो कि तीनों राजीव गांधी खेल परिसर में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यहां पिछले कई वर्षों से प्रशिक्षक भी नहीं है। खिलाड़ी अपने स्तर पर तैयारी कर रहे है। जिले में खेल के प्रति खिलाडिय़ों का रुझान देखते हुए नचौली, ताजोपुर व फज्जूपुर में भी बनाने का निर्णय लिया गया है। जिससे खिलाडिय़ों को अभ्यास के दौरान घर के पास ही बेहतरीन प्रशिक्षण मिल सके। इसके लिए उपयुक्त जगह की पहचान की जा रही है। बताया जा रहा है कि अटाली स्थित खेल परिसर की देखरेख की जिम्मेदारी करीब दो वर्ष पहले ग्राम पंचायत को सौप दी गई थी। ताकि खेल परिसर का रख-रखाव सहीं तरीके से हो सके। इसके बावजूद यहां बिजली-पानी तक की सुविधाएं नही है।