Edited By Updated: 24 May, 2016 03:31 PM
न.प. चुनाव में वोट डालकर वापिस आ रही गांव कारीमोद के पास सड़क हादसे में घायल हुई बहल निवासी मोनिका को चिकित्सकों द्वारा मृत घोषित करने के 16 घंटे बाद फिर सांसें चल पड़ीं।
भिवानी (पंकेस): न.प. चुनाव में वोट डालकर वापिस आ रही गांव कारीमोद के पास सड़क हादसे में घायल हुई बहल निवासी मोनिका को चिकित्सकों द्वारा मृत घोषित करने के 16 घंटे बाद फिर सांसें चल पड़ीं। हालांकि चिकित्सक इस तरह की सांसें चलने को महज एक अफवाह बता रहे है लेकिन परिजनों ने मोनिका के इलाज में डॉक्टरों पर कोताही बरतने व मृत घोषित करने में घोर लापरवाही बरतना बताया।
परिजनों का आरोप है कि सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे तक मृतका के हाथों की अंगुलियां व शरीर में किसी प्रकार की कोई जकडऩ नहीं थी। मृतक मोनिका के मामले में अस्पताल के चिकित्सक संदेह के घेरे में आ गए है। दूसरी तरफ चिकित्सकों की कोताही बरतने पर परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। शनिवार शाम को गांव कारीमोद के समीप एक बाइक को बचाने के चक्कर में कार एक पानी की टैंकी से टकरा गई थी जिसमें बहल निवासी मोनिका व उसका पति रविकांत पांडेय, रविकांत की मां स्नेहलता, रविकांत का बेटा ऋषभ तथा गाड़ी चालक बलजीत को चोटें आई थीं। बाद में सभी घायलों को अस्पताल में दाखिल करवाया गया लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद चिकित्सकों ने मोनिका को ब्राड डैड घोषित कर दिया। बताते हैं कि इस दौरान चिकित्सकों ने मृतका के पति रविकांत के हस्ताक्षर भी करवा लिए।
मृतका के पति रविकांत ने मोनिका को दिखाए जाने की बात कही, लेकिन रविकांत का आरोप है कि चिकित्सकों ने मोनिका को नहीं दिखाया और स्टे्रचर पर ले गए।