Edited By Isha, Updated: 22 Aug, 2019 04:16 PM
3 दिन के संकट के बाद आखिर यमुना के तटवर्ती ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। यमुना का पानी बुधवार सुबह से ही घटना शुरू हो गया और मुसीबत टल गई। अब यमुना का प्रकोप दिल्ली की ओर बढ़ गया।
सोनीपत: 3 दिन के संकट के बाद आखिर यमुना के तटवर्ती ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। यमुना का पानी बुधवार सुबह से ही घटना शुरू हो गया और मुसीबत टल गई। अब यमुना का प्रकोप दिल्ली की ओर बढ़ गया। प्रशासन की मुस्तैदी व ग्रामीणों के पहले से इंतजाम किए जाने के कारण कोई बड़ा नुक्सान नहीं हुआ। यह बात दीगर है कि जलभराव के कारण काफी फसल बर्बाद होने का अंदेशा है।
वहीं, बुधवार को सुबह के समय सी.एम. मनोहर लाल खट्टर के हवाई सर्वेक्षण किए जाने के बाद पानी में डूबने से बर्बाद हुई फसलों की जानकारी के लिए गिरदावारी का काम शुरू हो गया। कृषि विभाग जहां करीब 2 हजार एकड़ फसल डूबने की बात कह रहा है तो वहीं, राजस्व विभाग के अधिकारियों की मानें तो 400 से 500 एकड़ फसल ही खराब होने का अनुमान है।वास्तविक स्थिति गिरदावरी के बाद ही पता चल सकेगी।
गांव खेड़ी असदपुर, नंगला व टौंकी से विस्थापित ग्रामीणों ने अपने घरों में लौटना शुरू कर दिया है। ज्यादातर ग्रामीण बुधवार शाम तक अपने घरों में लौट आए थे और मवेशियों को भी वापस लाया गया था। दूसरे दिन भी ग्रामीण डूबी फसलों के बीच सब्जियां बचाने का प्रयास करते रहे।