बावल तहसील में युवाओं व अधिकारियों में हुई नोक-झोंक

Edited By kamal, Updated: 19 Jun, 2019 02:52 PM

noises in youth and officers in baval tahsil

सरकार द्वारा एक परिवार-एक रोजगार नीति के तहत बावल तहसील में मंगलवार को एफिडैविट व अन्य सर्टीफिकेट...

बावल(रोहिल्ला): सरकार द्वारा एक परिवार-एक रोजगार नीति के तहत बावल तहसील में मंगलवार को एफिडैविट व अन्य सर्टीफिकेट पंजीकरण पहुंचे युवाओं का गुस्सा उस समय फूट पड़ा, जब उन्हें कह दिया गया कि कम्प्यूटर खराब है। 3 दिन की सरकारी छुट्टियां होने के कारण मंगलवार को अनेक युवा सर्टीफिकेट पंजीकरण कराने हेतु सुबह से ही लाइन में लगे थे। कम्प्यूटर खराब की सूचना पाकर युवा भड़क उठे।

युवाओं के गुस्से को देखकर जब तहसील कर्मचारियों ने उन्हें शांत करने को कहा तो युवाओं व कर्मचारियों में नोक-झोंक शुरू हो गई। सूचना पाकर बावल पुलिस भी मौके पर पहुंची और मामले को शांत करवाया। जानकारी अनुसार सरकार द्वारा नौकरियों में एक परिवार-एक रोजगार नीति के तहत 5 अंक की छूट दी जा रही है और इसके लिए सरकार ने इस बाबत एक एफिडैविट अनिवार्य कर दिया गया है। इन एफिडैविट व अन्य सर्टीफिकेट का पंजीकरण भी अनिवार्य कर दिया गया है जिसे लेकर युवाओं की आजकल तहसील में खासी भीड़ जमा होती है।

15, 16 व 17 की सरकारी छुट्टियां होने के कारण मंगलवार को तहसील खुली। सर्टीफिकेट के पंजीकरण को लेकर सुबह से ही संैकड़ों युवा लाइन में लग गए थे लेकिन जब उन्हें पता चला कि कम्प्यूटर खराब है तो वे रोषित हो उठे और तहसीलदार को शिकायत करने उनके कार्यालय में पहुंचे। तहसीलदार को कुर्सी से नदारद देख युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। इसी दौरान तहसील अधिकारियों व युवाओं में नोक-झोंक भी शुरू हो गई।

सूचना पाकर बावल पुलिस कर्मचारी मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराया। करीब 3 घंटे बाद कम्प्यूटर को ठीक करा दिया गया और पंजीकरण भी शुरू कर दिया गया लेकिन कुछ देर चलने के बाद नैटवर्क प्रॉब्लम के चलते साइट पर एरर आने से युवाओं का गुस्सा 7वें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने फिर से हंगामा शुरू कर दिया। समाचार लिखे जाने तक अनेक युवा तहसील परिसर में साइट चलने का इंतजार कर रहे थे। 

क्या कहना है युवाओं का 
तहसील परिसर में पहुंचे बेरोजगार युवाओं ने आरोप लगाया कि यहां ब्लैक में एफिडैविट बेचे जा रहे हैं और उन्हें मजबूरन इन्हें खरीदना पड़ रहा है। ऊपर से टाइपिंग व नोटरी हेतु अलग से खर्चा करना पड़ रहा है। पहले सरकार ने स्वयं सत्यापित दस्तावेज मांगती थी लेकिन अब एफिडैवट अनिवार्य कर दिया है जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। घंटों लाइन में लगने के बाद भी उनके दस्तावेजों का पंजीकरण नहीं हो रहा है। उन्होंने मांग की कि तहसील परिसर में ऐसे कार्यों हेतु कम्प्यूटर व कर्मचारियों की संख्या बढ़ानी चाहिए।
 
क्या कहना है तहसीलदार का 
बावल तहसीलदार जेवेंद्र मलिक का कहना है कि मंगलवार को उपायुक्त द्वारा मीटिंग बुलाई गई थी। वह भी मीटिंग में शामिल होने के लिए रेवाड़ी गए थे। तहसील में युवाओं की परेशानी की सूचना मिलने के बाद कम्प्यूटर दुरुस्त करवाकर सभी काऊंटरों पर कार्य शुरू कर दिया गया था लेकिन नैटवर्क प्रॉब्लम के आगे कर्मचारी भी मजबूर हंै। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!