हरियाणा-महाराष्ट्र में भतीजों की वजह से बनीं सरकारें, दोनों में रही ये समानताएं

Edited By Shivam, Updated: 24 Nov, 2019 08:51 PM

governments formed due to nephews in haryana maharashtra

भाजपा के लिए विपक्षी नेताओं के भतीजे बेहद लकी हैं। अक्टूबर 2019 में हरियाणा और महाराष्ट्र दो राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। इन दोनों राज्यों में विपक्षी नेताओं के भतीजों की मदद से भाजपा सरकार बनाने में सफल रही। हरियाणा में इनेलो नेता अभय चौटाला से...

चंडीगढ़ (धरणी): भाजपा के लिए विपक्षी नेताओं के भतीजे बेहद लकी हैं। अक्टूबर 2019 में हरियाणा और महाराष्ट्र दो राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। इन दोनों राज्यों में विपक्षी नेताओं के भतीजों की मदद से भाजपा सरकार बनाने में सफल रही। हरियाणा में इनेलो नेता अभय चौटाला से विवाद के बाद अलग पार्टी बनाने वाले भतीजे जजपा नेता दुष्यंत चौटाला से गठबंधन कर भाजपा ने सरकार बनाई। वहीं, महाराष्ट्र में राकांपा नेता शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई।


दोनों में एक समानता ये भी है कि दोनों को उप-मुख्यमंत्री का पद दिया गया। अक्टूबर 2018 में चौधरी देवीलाल के जन्मदिन समारोह में चौटाला परिवार की अंदरूनी रार सामने आई थी। अभय चौटाला के खिलाफ हूटिंग होने पर विवाद शुरू हुआ और इसका आरोप सीधे-सीधे दुष्यंत चौटाला और उनके छोटे भाई दिग्विजय चौटाला पर लगा। इनेलो ने दोनों को पहले नोटिस जारी किया। इसके बाद पार्टी से बाहर कर दिया गया। चाचा-भतीजों की लड़ाई में इनेलो में दो-फाड़ हो गई।


दिसंबर-2018 में ही दुष्यंत ने जजपा का गठन किया। पार्टी ने पहला चुनाव जींद उपचुनाव लड़ा,जिसमें खड़े हुए दिग्विजय चौटाला हार गए। इसके बाद लोकसभा चुनाव लड़ा,उसमें 10 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए, सभी हार गए। अक्टूबर 2019 में विधानसभा चुनाव आए। जजपा ने मजबूती से चुनाव लड़ा और 10 सीटें जीती।


वहीं दूसरी तरफ चाचा अभय चौटाला की पार्टी इनेलो महज 1 सीट जीत पाई। भाजपा ने 40 सीटें जीतीं।उन्हें सरकार बनाने के लिए 6 विधायकों की जरूरत थी, निर्दलीय जीतकर आए 6 उम्मीदवारों का समर्थन मिल भी गया था लेकिन इसके बाद भी जजपा का समर्थन लिया गया। जजपा के समर्थन से हरियाणा में सरकार बनी और सीएम मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बने।


भतीजे अजीत पवार बने किंगमेकर
अजित पवार शरद पवार के भतीजे हैं। वे शरद के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं। उनका जन्म 22 जुलाई 1959 को हुआ। उनके पिता वी. शांताराम के राजकमल स्टूडियो में काम करते थे। अजित अपने चाचा शरद की अंगुली पकड़कर राजनीति में आए। 1982 में 20 साल की उम्र में अजित कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्री के बोर्ड में चुने गए। अजित पवार 1991 से अब तक 7 बार विधायक चुने गए हैं। नवंबर 1992 से फरवरी 1993 तक कृषि और बिजली राज्य मंत्री रहे। वे 29 सितंबर 2012 से 25 सितंबर 2014 महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री भी रहे। 
 

अक्टूबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला था,लेकिन दोनों के बीच सीएम पद को लेकर विवाद हुआ। इस बीच शिवसेना,राकांपा और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने की बात चल ही रही थी और इस बीच शनिवार सुबह भाजपा ने अजीत पवार के साथ गठबंधन कर सीएम और डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली।

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