23 की उम्र में संन्यासी और 35 साल में 'बलात्कारी' बन गया गुरमीत राम रहीम

Edited By Punjab Kesari, Updated: 28 Aug, 2017 07:34 PM

23 years old sanyasi and became a rapist in 35 years gurmeet ram rahim

शादी के 6 साल बाद ही संन्यास धारण कर लिया लेकिन उसका ये सन्यास योग साधन के लिए भोग साधना के लिए था

नई दिल्लीः मात्र 17 साल की उम्र में शादी। विवाह जैसे सामाजिक बन्धन में अभी ठीक से रम भी पाया था। शादी के 6 साल बाद ही संन्यास धारण कर लिया लेकिन उसका ये सन्यास योग साधन के लिए भोग साधना के लिए था। तभी तो योगी बनने के 12 साल बाद ही 35 साल की उम्र में एक साध्वी को हवस का शिकार बना दिया। करनी की सजा मिलनी ही थी सो 15 साल बाद 50 की उम्र में जेल पहुंच गया ये डेरा सच्चा सौदा प्रमुख उर्फ बलात्कारी बाबा गुरमीत राम रहीम। 

अपने को बताया चमत्कारी बालक
एक सामान्य इंसान से करीब पांच करोड़ अनुयायियों के डेरा सच्चा का प्रमुख बनने तक राम रहीम की कहानी बेहद दिलचस्प है। उसका का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के गंगानगर जिले की गुरुसर मोदिया गांव में जट सिख परिवार में हुआ। मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक उसके माता-पिता के कोई संतान नहीं हो रही थी।परिवार डेरा से जुड़ा था इसलिए उन्होंने संतान न होने की तकलीफ संत त्रिवेणी दास के सामने रखी। तब संत ने कहा, बच्चे होंगे, पर इसकी एक शर्त है। बच्चा उनके पास सिर्फ 23 साल तक रहेगा।राम रहीम का दावा है कि माता-पिता के राजी होने के कुछ महीनों बाद उसका जन्म हुआ।

17 की उम्र में शादी, 23 साल की उम्र में संन्यास
मीडिया रिपोटर्स में बाबा ने खुद स्वीकारा था कि पिता को मालूम था वह 23 साल की उम्र के बाद संन्यास ले लेगा। इसके चलते उसके पिता ने महज 17 साल की उम्र में उसकी हरजीत कौर के साथ शादी करा दी। जल्द ही राम रहीम एक बेटा और दो बेटी का पिता बन गया। 23 साल पूरा होने पर डेरा के आदेश के बाद उसने घर छोड़ दिया और संन्यास ले लिया। 

12 साल बाद बन बैठा योगी से भोगी पुरुष
राम रहीम ने 1990 में तीसरे प्रमुख के रूप में डेरा सच्चा सौदा को संभालना शुरू किया था। उस समय उसकी उम्र 23 साल थी। इस दौरान वो एक दशक तक डेरा का दायरा बढ़ाने में लगा रहा लेकिन उसका असली चेहरा करीब 12 साल बाद उजागर हुआ। जब 2002 में की एक साध्वी के उसपर यौन शोषण का आरोप लगाया। इसका खुलासा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखे एक गुमनाम चिट्ठी से हुआ। 

बलात्कारी के बाद अब हत्या के भी आरोप
फिर क्या था उसके बाद बाद तो उसके कारमानों की लगातार कलई खुलती गई।हरियाणा के एक हिंदी सांध्य ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया था। बाद में इस अखबार के सम्पादक की हत्या कर दी गई। राम रहीम पर हत्या का आरोप लगा। इसी साल डेरे के एक मैनेजर रंजीत सिंह की ह्त्या का मामला भी सामने आया। आरोप था कि इसके पीछे राम रहीम का हाथ था। दरअसल गुमनाम चिट्ठी के पीछे रंजीत सिंह का हाथ होना बताया गया था। दोनों मामलों का ट्रायल कोर्ट में है। राम रहीम के ऊपर 400 साधुओं को नपुंसक बनाने और अपने आश्रम के सेवादारों को सैन्य ट्रेनिंग देने का भी आरोप है।

दसवें गुरु की ड्रेस को लेकर भी हुआ विवाद
2007 में राम रहीम एक बार फिर बड़े विवाद में फंस गया था। उसने एक विज्ञापन में सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी के लिबास जैसा परिधान पहने नजर आया। राम रहीम के इस गेटअप के बाद पंजाब और हरियाण में हिंसा फ़ैल गई। इससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ। पंजाब के बठिंडा में मामला भी दर्ज किया गया। हालांकि बाद में पंजाब सरकार ने ये मामला वापस ले लिया।

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