Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Dec, 2017 12:54 PM
वायुसेना में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए ठगने के मामले में रोहड़ाई थाना पुलिस ने दिल्ली त्रिलोकपुरी निवासी थान सिंह को गिरफ्तार किया है। उसे अदालत में पेश कर 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। जांचकर्ता सुरेश कुमार ने बताया कि गुरावड़ा निवासी...
रेवाड़ी(वधवा):वायुसेना में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए ठगने के मामले में रोहड़ाई थाना पुलिस ने दिल्ली त्रिलोकपुरी निवासी थान सिंह को गिरफ्तार किया है। उसे अदालत में पेश कर 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। जांचकर्ता सुरेश कुमार ने बताया कि गुरावड़ा निवासी विरेंद्र सिंह ने 5 लोगों पर उसके बेटे को वायुसेना में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 11 लाख रुपए ठगने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी। उसने बताया कि झज्जर जिला के गांव मातनहेल निवासी जयवीर ने गुरावड़ा में अस्पताल खोला हुआ है। जयवीर ने उसे बताया कि सेवानिवृत्त सैनिकों के आश्रितों के लिए मध्यप्रदेश जबलपुर में वायुसेना की भर्ती खुली है और उसका दोस्त विजय रंगा वायुसेना में नौकरी लगवा सकता है।
3 दिसम्बर 2014 को जयवीर व विजय रंगा उसके घर आए और उन्होंने उसके बेटे को भर्ती करवाने के लिए 11 लाख रुपए की मांग की। कुछ दिन बाद दोनों ने उसके बेटे संदीप को असली प्रमाण पत्रों के साथ जबलपुर किसी व्यक्ति के पास भेजा और कहा कि वह उसका मैडीकल करवा देगा। 11 सितम्बर को संदीप जबलपुर पहुंच कर मिश्रा नाम के एक आदमी से मिला। उसने उससे असली प्रमाण पत्र ले लिए तथा उसे वापस भेज दिया। जांचकत्र्ता ने बताया कि 16 दिसम्बर को जयवीर व विजय रंगा तथा सुभाष नगर निवासी अजय, दिनेश व थान सिंह उनके घर गुरावड़ा आए। उन्होंने कहा की संदीप का मैडीकल टैस्ट पास करा दिया है और काल लैटर भी जल्दी आ जाएगा। वे विरेंद्र से 5 लाख रुपए लेकर चले गए।
12 जून 2015 को डाक से उसके घर पर एक लैटर आया। जिसमे संदीप को 9 जुलाई 2015 को श्यामला हिल्स भोपाल में रिपोर्ट करने के लिए लिखा हुआ था। विरेंद्र इसके बाद जयवीर के साथ झज्जर निवासी अजय के घर पहुंचा। अन्य सभी आरोपी भी वहां मौजूद थे। वहां उन्होंने उससे दोबारा लैटर आने की बात कहते हुए 6 लाख रुपए और देने की मांग की। लेकिन शिकायतकर्ता बिरेंद्र ने दोबारा लैटर आने पर ही रुपए देने के लिए कहा। कुछ दिन बाद फिर से एक लैटर आया और उन्होंने उससे 6 लाख रुपए ले लिए। इसके बाद 5 फरवरी 2016 को विजय रंगा उसके बेटे संदीप व 5 अन्य युवकों को लेकर बंगलुरू चला गया। 3 दिन होटल में ठहरने के बाद विजय ने कहा कि भर्ती रद्द हो गई है और यह कह कर वह सभी को वापिस ले आया। बाद में पता चला कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। जब वह जयवीर से रुपए मांगने गया तो उसने रुपए देने से मना कर दिया और जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने विरेंद्र की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।