Edited By Deepak Paul, Updated: 14 Dec, 2018 01:21 PM
अनाज मंडी पिपली में आलू का सीजन पीक पर है। आलू के दामों में गिरावट से किसानों को फसल पर आई लागत को पूरा करना मुश्किल हो गया है। 2-3 दिनों से आलू के भाव टूट कर 255 से 537 रुपए प्रति क्विंटल तक रह गए हैं। किसानों की मानें तो बीज सहित आलू पर 25 से 30...
पिपली(सुकरम): अनाज मंडी पिपली में आलू का सीजन पीक पर है। आलू के दामों में गिरावट से किसानों को फसल पर आई लागत को पूरा करना मुश्किल हो गया है। 2-3 दिनों से आलू के भाव टूट कर 255 से 537 रुपए प्रति क्विंटल तक रह गए हैं। किसानों की मानें तो बीज सहित आलू पर 25 से 30 हजार रुपए प्रति एकड़ खर्च आ रहा है, जबकि मंडी में इस समय मिल रहे दामों को देखकर इस खर्च की भरपाई करना बेहद मुश्किल है। मार्कीट कमेटी के आंकड़ों के अनुसार मंडी में अभी तक 94,000 कविंटल आलू की आवक हो चुकी है, जबकि गत वर्ष यह आंकड़ा 78,000 क्विंटल का था।
क्षेत्र के अग्रणी किसान भाकियू के पूर्व जिला प्रधान गुरचरण सिंह सैनी, रोशन अली, सोहन रामगढ़, बाल किशन, लख्मी चंद कौलापुर ने बताया कि सरकार की गलत नीतियों के कारण खेती करना किसानों के लिए घाटे का सौदा बन गया है। किसानों को भावांतर योजना का नहीं मिलता लाभ मंडी के पूर्व प्रधान राजीव गोयल का कहना है कि सरकार की भावांतर योजना का किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा। सरकार ने केवल वाहवाही लूटने के लिए यह योजना 1 फरवरी से 31 मार्च तक की लागू की है। सरकार किसानों के हित देखते हुए इस योजना को 1 जनवरी से लागू करे।