Edited By vinod kumar, Updated: 19 Sep, 2021 04:45 PM

उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिकों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान करने के लिए सरकार प्रतिबद्घ है। इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए श्रम और रोजगार मंत्रालय असंगठित कामगारों का एक नेशनल डाटाबेस तैयार कर...
करनाल: उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिकों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान करने के लिए सरकार प्रतिबद्घ है। इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए श्रम और रोजगार मंत्रालय असंगठित कामगारों का एक नेशनल डाटाबेस तैयार कर रहा है। इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को एक यूनिक आईडी दी जाएगी जिससे भविष्य में मजदूरों के उत्थान के लिए खाका तैयार किया जा सकेगा।
उन्होंने योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यूनिक आईडी बनवाने वाले श्रमिकों का प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत लाभ दिया जाएगा। कॉमन सर्विस सैंटर पर बिना किसी शुल्क के यह आईडी बनवाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना के तहत देश के 43.7 करोड़ श्रमिकों जो असंगठित क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं, को इस योजना के तहत जोड़ा जाएगा जिससे उनके सामाजिक एवं आर्थिक जीवन स्तर में सुधार होगा।
इस योजना के दायरे में आने के लिए असंगठित कामगारों को सीएससी पर जाकर पंजीकरण करवाना होगा। यह पंजीकरण निशुल्क किया जाएगा। पंजीकरण के बाद श्रमिक 2 लाख रुपये तक का प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का कवर भी ले सकता है। योजना में किसी का पंजीकरण होने के बाद हादसे में मृत्यु होने पर स्वजनों को 2 लाख रुपये तक की सहायता राशि मिल सकेगी।
उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के शुरू होने से कामगारों की यूनिक आईडी बनने के बाद यह पता चल सकेगा कि जिले में कितने कामगार असंगठित क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। इनका डाटाबेस तैयार होने के बाद उसी आधार पर सरकार नई योजनाएं बनाएगी तथा उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएंगे।