Edited By Deepak Paul, Updated: 22 Nov, 2018 11:03 AM
प्रदेशभर में चल रहे प्ले स्कूल अब अपनी मनमर्जी से नहीं चलेेंगे। संबंधित विभाग ने इनके लिए नए नियम लागू कर दिए हैं, जिसके चलते उन्हें हर वर्ष मान्यता रिन्यू करवानी पड़ेगी। ऐसे स्कूलों को अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एन.सी.पी.सी.आर.) के दायरे...
चंडीगढ़(बंसल): प्रदेशभर में चल रहे प्ले स्कूल अब अपनी मनमर्जी से नहीं चलेेंगे। संबंधित विभाग ने इनके लिए नए नियम लागू कर दिए हैं, जिसके चलते उन्हें हर वर्ष मान्यता रिन्यू करवानी पड़ेगी। ऐसे स्कूलों को अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एन.सी.पी.सी.आर.) के दायरे में ला दिया गया है।
बच्चों की फीस भी सरकार निर्धारित करेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। इन स्कूलों में बाल अधिकारों की लगातार शिकायतों के बाद स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार, महामंत्री भारत भूषण बंसल और पंचकूला के अध्यक्ष सलाउद्दीन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर प्ले स्कूलों के लिए गाइड लाइंस बनाने के निर्देश दिए थे।
इसके बाद अब प्रदेश सरकार ने प्ले स्कूलों के लिए गाइड लाइंस जारी कर दी हैं। इसके तहत अब प्ले स्कूल चलाने के लिए पहले जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास आवेदन करना होगा। इसके बाद संबंधित सी.डी.पी.ओ. के साथ अफसरों की टीम स्कूल का निरीक्षण करेगी और सभी मानक पूरे होने पर एक साल की मान्यता दी जाएगी। हर साल इन स्कूलों को नए सिरे से मान्यता रिन्यू करवानी होगी।