Edited By Shivam, Updated: 22 Jan, 2020 05:51 PM

हरियाणा के डबवाली में एक महिला ने मां-बाप से बिछड़ी दो बेटियों को गोद लेकर मानवता की वो मिसाल पेश की है जिससे बेटियों को बोझ समझने वालों के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। डबवाली के दिवानखेड़ा गांव की रहने वाली अनामिका के माता-पिता घरेलू हिंसा के कारण...
सिरसा: हरियाणा के डबवाली में एक महिला ने मां-बाप से बिछड़ी दो बेटियों को गोद लेकर मानवता की वो मिसाल पेश की है जिससे बेटियों को बोझ समझने वालों के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। डबवाली के दिवानखेड़ा गांव की रहने वाली अनामिका के माता-पिता घरेलू हिंसा के कारण अलग हो गए थे।मां ने दूसरा घर बसा लिया था तो पिता ने बेटे को अपनाते हुए दोनों बेटियों को बेसहारा छोड़ दिया था। संकट की इस घड़ी में दोनों बच्चियों के लिए उनकी मौसी वीरपाल कौर सहारा बनी. उन्होंने सामने आकर दोनों बच्चियों को अपना लिया।
नेपाल में बीते तीन से लेकर सात जनवरी तक हुए यूथ गेम्स इंटरनेशनल प्रो-लीग चैंपियनशिप में योग स्पर्धा में अनामिका ने गोल्ड जीता है। इस उपलब्धि के बाद गांव पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। दरअसल, अनामिका के माता-पिता घरेलू हिंसा के कारण अलग-अलग हो गए थेञ तब दोनों बच्चियों की मदद के लिए उनकी मौसी वीरपाल कौर सामने आईं और उन्होंने उनकी परवरिश का जिम्मा संभाला।
मौसी ने सोने की चेन गिरवी रख उठाया लोन
अनामिका को प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए नेपाल जाने के लिए 22 हजार रुपये की जरूरत थी। तब मौसी ने अपनी सोने की चेन बैंक में गिरवी रख उस पर लोन लिया। उन्हें उम्मीद थी कि अनामिका यहां बेहतर प्रदर्शन करेगी। हुआ भी ऐसा ही, अंडर-17 मुकाबले में अनामिका ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। जीत के बाद दिवानखेड़ा लौटने पर अनामिका ने अपनी मौसी के गले में पहनाकर उनके प्रति अपने प्रेम का इजहार किया।