Edited By Isha, Updated: 07 Mar, 2024 03:48 PM
सुप्रीम कोर्ट की शरण में हिमाचल के निष्कासित हुए विधायक पहुंचे हैं। उन्हें उम्मीद है कि न्यायपालिका उनकी विधायकी को बरकरार रखेगी। इस पूरे मामले पर कांग्रेस के लाहौल स्पीति से बागी विधायक रवि ठाकुर से विशेष बातचीत हुई
चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): सुप्रीम कोर्ट की शरण में हिमाचल के निष्कासित हुए विधायक पहुंचे हैं। उन्हें उम्मीद है कि न्यायपालिका उनकी विधायकी को बरकरार रखेगी। इस पूरे मामले पर कांग्रेस के लाहौल स्पीति से बागी विधायक रवि ठाकुर से विशेष बातचीत हुई। लाहौल स्पीति विधानसभा के निवर्तमान विधायक अनुसार उन पर दो दिन विधानसभा में उपस्थित न होने तथा दल बदलने का आरोप है। जबकि उनके विधानसभा में हस्ताक्षर मौजूद है तथा किसी अन्य दल की उन्होंने सदस्यता नहीं ली। इसलिए यह दोनों बातें आधारहीन है। उन्होंने व्हिप का कोई उलंघन नहीं किया। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से राज्यसभा सांसद के लिए भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में उन्होंने मतदान किया है। लेकिन लोकतंत्र के नियमानुसार इससे सदस्यता रद्द करने का कोई प्रावधान नहीं है।
जनहित के लिए हमने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में किया था मतदान : रवि ठाकुर
ठाकुर ने कहा कि भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के परिवार से वह भली भांति वाकिफ हैं, उनके पिता हिमाचल सरकार में मंत्री तथा विधानसभा स्पीकर स्पीकर रहे। माता भी सरकार में रही और खुद हर्ष भी वीरभद्र सरकार में काफी लंबे समय तक कैबिनेट मंत्री रहे हैं। उनके लाहौल स्पीति व प्रदेश हित में काम करने के विश्वास दिलाए जाने के बाद उनके पक्ष में मतदान करने का फैसला लिया था। अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता