कोरोना काल में बेहतरीन कार्य करने के लिए अनिल विज ने की 4 विभागाें की सराहना

Edited By vinod kumar, Updated: 28 May, 2020 09:08 PM

vij praised 4 departments for doing excellent work in corona period

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि मैं कल भी अनिल विज था और आज भी अनिल विज हूं। कभी ये अहसास नहीं हुआ कि मैं आज मंत्री बन गया हूं। मैं पहले भी कार्यकर्ता की तरह काम करता था और आज भी कार्यकर्ता की तरह  ही काम करता हूं।

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि मैं कल भी अनिल विज था और आज भी अनिल विज हूं। कभी ये अहसास नहीं हुआ कि मैं आज मंत्री बन गया हूं। मैं पहले भी कार्यकर्ता की तरह काम करता था और आज भी कार्यकर्ता की तरह  ही काम करता हूं।

उन्हाेंने कहा कि कोरोना काल में भी लगभग मैं यहां अपने दफ्तर में आकर काम करता रहा हूं। क्यूंकि मेरे चारो विभाग फ्रंट लाइन पर थे। अगर मेरे मुलाजिम फ्रंट लाइन पर लड़ रहे थे तो मैंने भी यहां बैठकर पुरा काम किया है। मुझे फक्र है कि मेरे विभाग चाहे वह स्वस्थ विभाग हो चाहे पुलिस विभाग हो या वह स्थानीय निकाय के सफाई कर्मचारी हो। उन सभी ने बहुत ही कर्मठता के साथ काम कर इस प्रदेश का नाम ऊंचा किया है। विज ने कहा कि कोरोना के अघोषित शत्रु युग में उनके चारों विभाग होम, स्वास्थ्य, निकाय, मेडिकल काॅलेज ने बेहतरीन कार्य किया है।

प्रस्तुत है अनिल विज से हुई एक्सक्लूसिव बातचीत के प्रमुख अंश-

प्रश्न-
अनिल विज 27 मई 1990 को पहली बार विधायक बने थे। आपका 1990 से लेकर अब तक का राजनीतिक सफर कैसा रहा?
उत्तर- अनिल विज ने कहा कि मेरा तो बहुत जीवन उठा पटक वाला रहा। लेकिन जैसा भी रहा अब  ठीक है। संघर्ष करने में कहीं गुरेज नहीं की। सदैव सच के पथ पर ईमानदारी व कर्तव्यपरायणता से चला।

प्रश्न- इन 30 साल के अंतराल में आप लगातार छह बार विधायक बन चुके है। इस दौरान आप बहुत से चुनाव जीते और कुछ चुनाव हारें भी है। उनके बारे में बताइए? 
उत्तर- उन्हाेंने कहा कि मैं जब पहली बार विधायक बना था तो वह सरकार 9-10 महीने के लिए चली थी। उसके बाद का इलेक्शन हुआ था तो उसमें हम हार गए थे। उसके बाद फिर मैं वर्ष 1996 में चुनाव जीता, 2000 में जीता, 2005 में मैं चुनाव हारा फिर 2009 में जीता, 2014 में जीता और अब 2019 में जीता। मैं तो बैंक में कर्मचारी था। आरएसएस ने हुक्म दिया चुनाव लड़ने का, नाैकरी त्याग पार्टी का आदेश सिर माथे मान चुनाव लड़े।

प्रश्न- राजनैतिक रूप से चर्चा की जाए सत्ता में है बीजेपी लगातार दूसरी बार हरियाणा में सत्ता  में आई है। कोरोना के इस दौर में आपके पास इस बीमारी का फ्रंट फुट पर सामना करने वाले गृह, स्वास्थ्य, स्थानीय निकाय जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी है। कितनी बड़ी चुनौती मानते है आप?
उत्तर- अनिल विज ने कहा कि नहीं मुझे किसी तरह की कोई मुश्किल महसूस नहीं होती। क्योंकि मैं 1990 में भी वर्कर था और आज भी वर्कर हूं। वर्कर ने तो वर्क करना है। हम अपना काम कर रहे हैं।इसलिए कभी कोई दिक्कत नहीं हुई।

प्रश्न- जिस सीट से सुषमा स्वराज विधायक बनती रही हों। जो सीट उनको प्रिय रही हो। उसे जब पहली बार टिकट मिली। वो अनुभव कैसा था?
उत्तर- अनिल विज ने कहा कि सुषमा स्वराज राज्यसभा में चली गई थी और उस समय बड़े चैलेंजे थे। ग्रीन ब्रिगेड का जमाना था और यह कहा जाता था कि बीजेपी तो हरियाणा में एक भी सीट नहीं जीत सकती है। ऐसे दावे किए जाते थे। उन दावों में मेरे को डॉक्टर मंगल सैन, लाल किशन आडवाणी ने और संघ के अधिकारियों ने मुझे यहां से इस चुनौती को स्वीकार करने को कहा। मैं सहमत नहीं था, क्योंकि मैं बैंक में नौकरी करता था। मैंने आखिरी दिन तक मना किया। लेकिन अंत में संघ के आदेश पर मैंने नौकरी छोड़कर चुनौती स्वीकार की और मैं वो चुनाव जीता। 

प्रश्न- आपने तो हरियाणा की राजनीति के तीन प्रमुख लाल देवी लाल, भजन लाल और बंसी लाल का समय देखा। इन तीनो की वर्किंग के बारे में आपकी क्या टिपण्णी है?
उत्तर- अनिल विज ने कहा कि मैंने मुख्य रूप से बंसी लाल जो मुख्यमंत्री थे और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के साथ काम किया। मैं आजाद विधायक था, लेकिन मुझे उन दोनों मुख्यमंत्रियों ने बहुत इज्जत और मानसम्मान दिया। मेरी हर बात सुनी जाती थी और हर बात में मेरी राय ली जाती थी। हालांकि मैं अकेला था। मैंने किसी की पार्टी में नही जाना था। जो मैंने पहले कह रखा था कि किसी की पार्टी में नहीं जाऊंगा। कुछ कारण ऐसे हो गए थे कि मुझे पार्टी से भी अलग होना पड़ा।अलग होकर भी मैंने चुनाव लड़े और जीता।

प्रश्न- 27 मई 1990 को ही विधायक बने जब आप अम्बाला से पहली बार विधायक बने?
उत्तर- अनिल विज ने कहा कि उस वक्त तो एक ही चुनाव हुआ था। उससे पहले महम का चुनाव हो चुका था। महम के चुनाव में जो कुछ हुआ था या कैसा वातावरण था। वो सारी दुनिया जानती है। मुझे पहली बार चुनाव लड़ने के जब आदेश हुए तो वह लड़ा व जीता।

प्रश्न- कोरोना का दौर है। जिसमे लॉकडाउन भी जारी है। आपको चुनौती नजर नहीं आती कि लोगों को भी सुरक्षित रखना है जबकि मरीजों को भी इलाज मुहैया करवाना है?
उत्तर- अनिल विज ने कहा कि  हमारे अस्पतालों में सारी ओपीडी चल रही है। हम ने सारी वो जरूरतें पूरी की, जो केंद्र सरकार ने हमारे से चाहा। उन्होंने कहा आइसोलेशन वार्ड, क्वारंटाइन सेंटर और कोविड अस्पताल बनाओ हमने वो बनाए। जब कोरोना आया तो हरियाणा में एक भी लैब नहीं थी।जबकि पूरे भारत मे केवल पुणे में ही एक टेस्टिंग लैब थी। आज हरियाणा में 14 लैब काम कर रही है। यही नतीजा है कि हमारा टेस्टिंग रेट बाकी प्रदेशों और केंद्र से भी काफी अच्छा है। हम 4 हजार टेस्ट प्रति मिलियन कर रहे हैं।

प्रश्न- आपके पास चार अहम विभाग हैं। कोरोना महामारी के दौरान ऐसे जनहित के  निर्णय जो आपको बहुत अच्छे लगें हों? जिन्हें इम्पलीमेंट करवाने के लिए आप प्रयासरत हों या पूरे हुए हो?
उत्तर- अनिल विज ने कहा कि जो भी इसके लिए जरूरी अवश्यकताएं थी। वह मैंने की है और जो में ठान लेता हूं,  मैं वो करता हूं। उसके लिए बहुत सारे लोगों की नाराजगी भी मोल लेनी पड़ी। खासतौर से हरियाणा के साथ लगती सीमाओं को सील करने में मुझे बहुत से लोगों की नाराजगी मोल लेनी पड़ी, लेकिन हरियाणा के लोगों की सुरक्षा मेरे लिए प्राथमिकता थी। इसलिए मैंने सख्ती से उस चीज का पालन किया जिसका हमें फायदा भी मिला।

प्रश्न- मास्क न लगाने और थूकने पर भी आपने दिशानिर्देश दिए है?
उत्तर- अनिल विज ने कहा कि मैंने शुरू से कहा कि जिस प्रकार हेलमेट डालना और सड़क के बाएं और चलना जरूरी है, उसी प्रकार कोरोना युग में मास्क डालना और आपस में शारिरिक दूरी 6 फ़ीट रखना भी जरूरी है। जबकि अब हरियाणा में मास्क न पहनने वालों और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों के लिए 500 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अधिसूचना जारी कर दी गई है।

प्रश्न- राजनीतिक रूप से जो दल अभी तक बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तक सीमित थे। वो अब सड़कों पर उतरने लगे है। मेरा पानी मेरी विरासत के विरोध में भूपिंदर सिंह हुड्डा ने भी कहा है कि वे 30-31 तक देखेंगे। रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा भी धरने प्रदर्शन कर रहे है। अभय चौटाला ने भी इस तरह के संदेश दिए है। जबकि फिलहाल धरने प्रदर्शनों पर रोक है?
उत्तर- अनिल विज ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को अपनी बात उठाने का अधिकार है। लेकिन उससे पहले ये जो हमारे पर कोरोना काआक्रमण हुआ है। पहले इसके साथ लड़ने की जरूरत है। इससे बचने के लिए सरकार ने जो भी कायदे कानून बनाए है उनकी पालना करना सबका धर्म और कर्तव्य होना चाहिए। अगर कोई इन नियमों को तोड़कर राजनीति करता है तो वह प्रदेश और देश के साथ विश्वासघात करता है। आप रोज बयान देते है ,दीजिए। हमें कोई ऐतराज नहीं है। परंतु अगर आप आपदा प्रबंधन की गाइडलाइन्स को तोड़कर अगर कोई धरने प्रदर्शन  करेंगे तो किसी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होगी।

प्रश्न- राजनीति में जो लोग आपको बहुत पुराने जानते हैं। उन लोगों का कहना है कि पहले दिन से लेकर आज तक आपका व्यक्तित्व एक जैसा रहा है?
उत्तर- अनिल विज ने कहा कि ऐसा तो होना भी नहीं चाहिए। मैं कल भी अनिल विज था और आज भी अनिल विज हूं। कभी ये अहसास नहीं हुआ कि मैं आज मंत्री बन गया हूं, मैं पहल भी कार्यकर्ता की तरह काम करता था और आज भी कार्यकर्ता की तरह  ही काम करता हूं। इस कोरोना के काल में भी लगभग मैं यहां अपने दफ्तर में आकर काम करता रहा हूं। क्याेंकि मेरे चारो विभाग फ्रंट लाइन पर थे। अगर मेरे मुलाजिम फ्रंट लाइन पर लड़ रहे थे, तो मैंने भी यहां बैठकर पुरा काम किया है।

मुझे फक्र है कि मेरे विभाग चाहे वह स्वस्थ विभाग हो चाहे पुलिस विभाग हो या वह स्थानीय निकाय के सफाई कर्मचारी हो, उन सभी ने बहुत ही कर्मठता के साथ काम कर इस प्रदेश का नाम ऊंचा उठाया है।

प्रश्न- मेडिकल एजुकेशन का आपने जिक्र किया। अभी तक सिवाय आपके किसी ने इसको अप्रिशिएट नहीं किया। मेडिकल कॉलेजे की इस समय क्या स्थिति है?
उत्तर- अनिल विज ने कहा कि मेरे सारे मेडिकल कॉलेज काम कर रहे है। अधिकतर में तो कोविड अस्प्ताल बना रखे हैं। सबने बहुत ज्यादा काम किया है।

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