Edited By Manisha rana, Updated: 11 Mar, 2024 01:40 PM
किसान आंदोलन-2 का आज 11 मार्च को 28वां दिन है। हरियाणा-पंजाब के हजारों किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। आज एक और किसान की मौत हो गई। किसान आंदोलन के दौरान यह 9वीं मौत है।
हरियाणा डेस्क : किसान आंदोलन-2 का आज 11 मार्च को 28वां दिन है। हरियाणा-पंजाब के हजारों किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। आज एक और किसान की मौत हो गई। किसान आंदोलन के दौरान यह 9वीं मौत है।
पिछले कई दिनों से खनौरी बॉर्डर पर थे बलदेव सिंह
किसानों के मुताबिक BKU क्रांतिकारी के नेता बलदेव सिंह पिछले कई दिनों से खनौरी बॉर्डर पर थे। बलदेव सिंह को सांस की तकलीफ हुई थी, जिसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान बलदेव सिंह ने दम तोड़ दिया। अब तक किसान आंदोलन में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 3 पुलिस मुलाजिम भी शामिल हैं। किसान MSP की गारंटी का कानून बनाने समेत अन्य कई मांगों पर अडिग हैं। अब तक सरकार के साथ हुई चार दौर की वार्ता विफल रही। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती वे धरने पर डटे रहेंगे। किसानों ने बीते रविवार दोपहर 12 से 4 बजे तक 4 घंटे के लिए हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश व बिहार समेत कई राज्यों में रेल रोकीं।
जानें किसान आंदोलन में अब तक क्या हुआ
- 13 फरवरी को सुबह 10 बजे फायरिंग
- 14 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर बिगड़े हालात
- 15 फरवरी को पंजाब में टोल फ्री कराए, ट्रेनें रोकीं
- 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद, हरियाणा में टोल फ्री
- 17 फरवरी को पंजाब में भाजपा नेताओं के घर घेरे
- 18 फरवरी को बैठक में केंद्र ने दिया प्रपोजल
- 19 फरवरी को किसानों ने केंद्र का प्रस्ताव ठुकराया
- 20 फरवरी को शंभू बॉर्डर पहुंचीं बड़ी-बड़ी मशीनें, एक और मौत
- 21 फरवरी को दिल्ली कूच की कोशिश, युवा किसान की मौत
- 22 फरवरी को शंभू-खनौरी बॉर्डर पर शांति
- 23 फरवरी को दिल्ली कूच 29 फरवरी तक टला
- 24 फरवरी को कैंडल मार्च निकाला
- 25 फरवरी हरियाणा में इंटरनेट सेवा पर लगी रोक हटी
- 26 फरवरी को किसानों का ट्रैक्टर मार्च
- 27 फरवरी को एक और किसान की मौत
- 28 फरवरी को दिल्ली कूच को लेकर मीटिंग
- 29 फरवरी को किसान शुभकरण का अंतिम संस्कार
- 1 मार्च को डबवाली बॉर्डर पर भी बैठे किसान
- 2 मार्च पंजाब के कलाकारों ने किया समर्थन
- 3 मार्च को युवा किसान शुभकरण की अरदास हुई
- 4 मार्च को दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे खोला
- 5 मार्च को पंधेर ने गोल्डन टेंपल में माथा टेका
- 6 मार्च को किसान दिल्ली कूच के लिए निकले
- 7 मार्च को तमिलनाडु में रेलवे ट्रैक पर बैठे किसान
- 8 मार्च को दोनों मोर्चों की कमान महिलाओं ने संभाली
- 9 मार्च को पुलिस ने कार्रवाई की चेतावनी दी
- 10 मार्च को 100 से अधिक जगह ट्रेनें रोकीं
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