किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार लीज पर लेगी जमीन, बंजर भूमि पर होगा मछली पालन

Edited By Shivam, Updated: 10 Jul, 2021 06:50 PM

to increase income of farmers government will take land on lease

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के क्रियान्वयन को लेकर निदेशक प्रेम सिंह मलिक ने गुरूग्राम व अंबाला डिवीजन के मत्स्य अधिकारियों के साथ आज करनाल में समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि हरियाणा पहला राज्य है जहां सर्वाधिक झींगा मछली का उत्पादन करके किसान...

करनाल (विकास मेहला): प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के क्रियान्वयन को लेकर निदेशक प्रेम सिंह मलिक ने गुरूग्राम व अंबाला डिवीजन के मत्स्य अधिकारियों के साथ आज करनाल में समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि हरियाणा पहला राज्य है जहां सर्वाधिक झींगा मछली का उत्पादन करके किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहा है। किसानों द्वारा 1 एकड़ भूमि में तीन से चार महीनों में ही 2 लाख 50 हजार रुपये से 3 लाख रुपये तक का मुनाफा लिया जा रहा है, जोकि अन्य कृषि उत्पादों से दोगुना है। 

उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 तक इसे 4 हजार हैक्टेयर भूमि तक करने का लक्ष्य है। इसके लिए भिवानी, सिरसा, फतेहाबाद, कैथल आदि जिलों में कार्य करने की योजना बनाई गई है। उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने और किसान आमदनी दोगुनी कैसे हो, पिछले वर्ष की कमियों को दूर करने तथा इस वर्ष के लक्ष्य को कैसे पूरा किया जाए, इस पर विचार-विमर्श किया गया है। भविष्य में मत्स्य पालन के उत्पादन को बढ़ाना तथा उसकी मार्किटिंग किस प्रकार की जाए तथा किसानों को उनके उत्पादन का अच्छा भाव मिले, इस पर भी विस्तार से चर्चा हुई।

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पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2020-21 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरूआत की गई थी। इस स्कीम के तहत प्रार्थी निजी भूमि में या पट्टे पर भूमि लेकर मछली फीड हैचरी, बायाफेलाक, आरएएस, फीड मिल, कोल्ड स्टोर आदि लगाने पर विभाग से वित्तीय एवं तकनीकि सहायता प्राप्त कर सकते हैं। 

घटते भू-जल स्तर को बढ़ाने पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक आरएएस की नई तकनीक अपनाकर मछली पालन का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। हरियाणा में खाली पड़ी बंजर व लवणीय भूमि जो कृषि कार्यों के लिए उपयोग में नहीं लाई जा रही उसको पट्टे पर लेकर उसमें मछली पालन करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए पंचायत विभाग तथा पंचायतों को लिखा गया है। कलस्टर के हिसाब से भूमि को पट्टे या लीज पर किसानों को दी जाएगी तथा उसमें मछली पालन किया जाएगा। निदेशक ने कहा मछली पालन एक नकदी फसल की तरह है, जरूरत में किसान मछली बेचकर पैसा मार्किट से उठा सकता है।
 

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