Edited By Isha, Updated: 17 Mar, 2024 01:36 PM
लोकसभा चुनाव की घोषणा और तिथि निर्धारित होते ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। इसके तुरंत बाद हरियाणा सरकार से सम्बंधित जनता के सामने सबसे बड़ा प्रश्न खड़ा हुआ कि क्या आदर्श आचार संहिता के दौरान कैबिनेट का विस्तार कानूनन हो पाएगा। इस पर विधा
चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी) : लोकसभा चुनाव की घोषणा और तिथि निर्धारित होते ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। इसके तुरंत बाद हरियाणा सरकार से सम्बंधित जनता के सामने सबसे बड़ा प्रश्न खड़ा हुआ कि क्या आदर्श आचार संहिता के दौरान कैबिनेट का विस्तार कानूनन हो पाएगा। इस पर विधानसभा व लोकसभा के नियम क्या कहते हैं इस बारे संविधान विशेषज्ञ रामनारायण यादव ने पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान बताया कि इस सवाल का स्पष्टीकरण केवल और केवल इलेक्शन कमिशन ही दे सकता है, क्योंकि उसी के पास ये शक्तियां हैं कि वह अपने स्तर कुछ फैंसले ले सकते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है या नहीं, यह पब्लिक बेनिफिट्स में आता है या नहीं, यह देखने वाली बात है। क्योंकि किसी जाति-क्षेत्र इत्यादि के विकास की नई घोषणा- इनॉग्रेशन इत्यादि के सभी काम आदर्श आचार संहिता के दौरान रुक जाते हैं, हालांकि इलेक्शन कमिशन के अनुसार चल रहे कार्यों को आदर्श आचार संहिता के दौरान नहीं रोका जा सकता। किसी भी धार्मिक स्थल की जगह का इस्तेमाल करना या नहीं करना यह भी इलेक्शन कमीशन की परमिशन के बाद ही हो सकता है।
यादव ने बताया कि पिछले चुनावों के दौरान भी बजट संबंधित प्रश्न चिन्ह लगा था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने बजट पूरा आने की बजाय ना आने की बात को इंक्लूड किया। फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में इलेक्शन कमीशन ने कोई स्पेसिफिक बात नहीं की हुई, लेकिन मेरे हिसाब से यह किसी क्षेत्र- व्यक्ति- जाति- धर्म से संबंधित भी बेनिफिट की बात है, हालांकि है पब्लिक इंटरेस्ट की भी चीज है, इसलिए यह काम इलेक्शन कमिशन की इजाजत के बाद भी किया जा सकता है। यादव ने बताया कि शायद इससे पहले कभी आदर्श आचार संहिता के दौरान कैबिनेट विस्तार जैसी कोई चीज कभी नहीं हुई, यह मामला बेनिफिट्स में आता है या नहीं, इसे करना चाहिए या नहीं, इसकी परमिशन केवल इलेक्शन कमीशन ही दे सकता है। कैबिनेट गठन हो सकता है या नहीं, इसके बारे आदर्श आचार संहिता के दौरान पेसिफिक नहीं कहा गया।
यादव ने बताया कि हालांकि आदर्श आचार संहिता एक लॉ है और अगर कहें तो पूरी तरह से यह ला नहीं भी है। इसलिए इसे इलेक्शन कमीशन के अलावा कोई स्पष्ट नहीं कर सकता। आदर्श आचार संहिता के दौरान बहुत ही चीजों में केवल इलेक्शन कमीशन ही परमिशन देते हैं, उनका साफ कहना है कि चल रहे किसी भी काम या स्कीम को आदर्श आचार संहिता कहकर नहीं रोका जा सकता, उसे जारी रखना होता है। इसलिए जिस प्रकार से आधी मिनिस्ट्री बन चुकी है, और आधी बननी बाकी है, काम चला हुआ है तो उसे बनाया जाए या नही यह बात वही क्लियर करेंगे। इलेक्शन कमीशन के पास बहुत सी शक्तियां है, वहीं इसकी अनुमति दे पाएंगे कि कैबिनेट विस्तार करें या ना करें। इलेक्शन कमिशन की गाइडलाइन के बाद ही यह बात क्लियर हो पाएगी।