Edited By Mohammad Kumail, Updated: 11 Dec, 2023 09:36 PM
अपना पूरा जीवन समाज सेवा के लिए जीने वाले डॉ. शांति स्वरूप शर्मा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं...
कुरूक्षेत्र (विनोद शर्मा) : अपना पूरा जीवन समाज सेवा के लिए जीने वाले डॉ. शांति स्वरूप शर्मा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। डॉ शांति स्वरूप शर्मा ने देश को आजाद कराने में स्वतंत्रता सेनानी लाला जगत नारायण के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी। अपनी जान की परवाह नहीं की। भगत सिंह को फाँसी लगने के बाद उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल बजा दिया था। इसी कारण ब्रिटिश सरकार ने डॉ. शांति स्वरूप शर्मा की गिरफ्तारी के लिए 5,000 रुपये का इनाम घोषित किया था। जब देश आज़ाद हुआ तो पाकिस्तान से शरणार्थी बनकर आये लोगों के लिए 5 मील लम्बा शरणार्थी शिविर स्थापित किया गया, जिसकी जिम्मेदारी तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसे डॉ. शांति स्वरूप शर्मा को सौंप दिया था।
संस्थानों में अग्रणी भूमिका
डॉ. शांति स्वरूप शर्मा जीवन भर कुरूक्षेत्र में सक्रिय रहे। डॉ. शर्मा ने आकाशवाणी कुरूक्षेत्र, श्री कृष्ण आयुर्वेदिक कॉलेज, गीता धाम, जयराम विद्यापीठ की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। क्योंकि उस समय स्वामी गीतानंद जी, देवेन्द्र स्वरूप ब्रह्मचारी जी ने डॉ. शाति स्वरूप शर्मा से संपर्क किया और अंत तक कार्य करके इस परियोजना को पूर्ण रूप से क्रियान्वित किया।
1968 में जब पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा संसदीय चुनाव के लिए कुरुक्षेत्र पहुंचे तो उन्होंने डॉ. शर्मा के साथ मिलकर तत्कालीन कैथल लोकसभा सीट जीती। कुछ सालों के बाद डॉ. शांति स्वरूप शर्मा ने गुलजारी लाल नंदा से कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड की स्थापना का आग्रह किया। इसके बाद गुलज़ारी लाल नंदा के अनुरोध पर तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसी लाल की उपस्थिति में कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड की स्थापना की गई। ब्रह्मसरोवर का वर्तमान स्वरूप गुलजारी लाल नंदा और डॉ. शाति स्वरूप शर्मा की देन है।
जीवन पर्यंत रहे हरियाणा मान्यता प्राप्त पत्रकार संघ के अध्यक्ष
डॉ. शांति स्वरूप शर्मा ने 1960 में पत्रकारिता शुरू की, जिसके बाद देवी दयाल नन्हा डॉ. शर्मा से जुड़ गये और आजीवन उनके साथी बने रहे। डॉ. शर्मा ने हरियाणा मान्यता प्राप्त पत्रकार संघ का गठन किया, जिसके महासचिव देवी दयाल नन्हा थे। खास बात यह रही कि ये दोनों जीवनभर इसी पद को सुशोभित करते रहे।
20 महापुरुषों को डॉ. शांति स्वरूप शर्मा पुरस्कार से सम्मानित
जयराम विद्यापीठ में आयोजित गीता जयंती समारोह 1992 से मनाया जा रहा है, जिसमें कन्याओं का सामूहिक विवाह कराया जाता है। इस समारोह में हर वर्ष किसी व्यक्ति को उसके उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कार दिया जाता है। अब तक रामलाल गोयल दिल्ली, एसपी भारती अरोड़ा, डीसी टीके शर्मा, प्रेरणा वृद्धाश्रम के जयभगवान सिंगला, सुमेधा कटारिया, अर्जुन अवार्डी राजेंद्र उमरी, वीसी वाजपेई, हास्य कलाकार सुरेंद्र शर्मा, नेशनल कबड्डी कैप्टन प्रियंका सैनी, जींद से रितु जागलान, गूगल बॉय कौटिल्य पंडित, गूगल गर्ल जिया फुटेला, हिम्मत सिंह सिन्हा, शहीद मंदीप की मां निर्मला देवी, संजीव कुमारी जैविक खेती, महेंद्र प्रताप चांद, सुंदर लाल शाहाबाद, स्वामी शाश्वतानंद गिरि जी महाराज को डॉ. शांति स्वरूप पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
रेलवे रोड का नाम बदलकर रखा डॉ. शांति स्वरूप मार्ग
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. शांति स्वरूप शर्मा की स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने तथा कुरूक्षेत्र के विकास में अग्रणी भूमिका के कारण सामाजिक संगठनों की मांग पर रेलवे रोड का नाम डॉ. शांति स्वरूप शर्मा मार्ग तथा नया बस स्टैंड चौक का नाम शांति चौक रखा गया। द डोनर फाउंडेशन के संरक्षक रजनीश गुप्ता ने जिला प्रशासन से नये बस स्टैंड के पास लाल बत्ती चौक पर डॉ शांति स्वरूप शर्मा की प्रतिमा स्थापित करने का अनुरोध किया है।
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