Edited By Rakhi Yadav, Updated: 08 Apr, 2018 09:45 AM
आम आदमी पार्टी के प्रदेश कार्यकरणी सदस्य सुधीर यादव का कहना है कि हरियाणा राज्य कर्मचारी आयोग में हुए घोटाले की जानकारी पूरी तरह से मुख्यमंत्री एवं उनके कार्यालय को थी। मगर उन्होंने जान-बूझकर ऐसा होने दिया। क्योंकि इस घोटाले में लाभ पाने वालों में...
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): आम आदमी पार्टी के प्रदेश कार्यकरणी सदस्य सुधीर यादव का कहना है कि हरियाणा राज्य कर्मचारी आयोग में हुए घोटाले की जानकारी पूरी तरह से मुख्यमंत्री एवं उनके कार्यालय को थी। मगर उन्होंने जान-बूझकर ऐसा होने दिया। क्योंकि इस घोटाले में लाभ पाने वालों में से ज्यादातर भाजपा मंत्रियों,विधायकों एवं नेताओं के करीबी एवं जानकार थे।
यादव ने आरोप लगाया है कि भाजपा राज में भी जमकर पूर्व सरकारों की तरह ही भाई भतीजावाद हुआ है। फर्क इतना है कि इस पार्टी के नेताओं के दांत खाने के और दिखाने के और है। यानि कि ये लोग उपर से तो भ्रष्टाचार विरोधी होने का दावा करते है। मगर भाई भतीजावाद में ये लोग भी पूरी तरह से डूबे हुए है। उनका कहना है कि सरकार के पौने चार साल के कार्यकाल के दौरान नौकरियां पूरी तरह से बेची गई। जिसमें कांग्रेस व इनेलों के नेताओं के करीबियों को भी पूरा अवसर दिया गया है। जिस कारण वे चुप रहे है।
यह आरोप आज पत्रकारवार्ता में आप के राज्य कार्यकारिणी सदस्य सुधीर यादव ने लगाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य कर्मचारी आयोग में अब तक 2 दर्जन से ज्यादा पेपर लीक हुए है। इस घोटाले में पंचकुला पुलिस कह रही है कि वह पिछले 8 महीने से आरोपियों के फोन टेप कर रही थी। इसका मतलब यह हुआ कि इस सारे मामले की सारी जानकारी मुख्यमंत्री व उनके स्टाफ को पहले से ही थी।
ऐसे में जानकारी होते हुए भी मुख्यमंत्री ने हरियाणा राज्य कर्मचारी आयोग के चेयरमैन भारत भूषण को तीन साल के कार्यकाल की और वृद्धि दी। दोनों नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में छापामारी की जानी चाहिए थी। आरोपियों के खिलाफ सारे सबूत सीएम कार्यालय में ही मिलते, क्योंकि भर्ती घोटाले के लिए मुख्यमंत्री एवं उनका स्टाफ ही है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
इस दौरान सुधीर यादव ने हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन को असंवैधानिक तक करार कर दिया। उनका कहना है कि चेयरमैन पद व सदस्यों की नियुक्ति में अनियमितताएं बरती गई है। नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां की गई है। इतना ही नही, अप्लाई की आखिरी डेट निकल जाने के बाद भी चेयरमैन व तीन सदस्यों को नौकरी पर लगाया गया। जिसके आरटीआई के तहत पुख्ता प्रूफ भी आम आदमी पार्टी के पास है।