सुरजेवाला का बयान: हरियाणा में ‘‘महा जंगल राज’’, खट्टर सरकार सत्ता के नशे में मदहोश’’

Edited By Manisha rana, Updated: 24 Nov, 2021 04:19 PM

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सुरजेवाला का बयान: हरियाणा में ‘‘महा जंगल राज’’! ऐतिहासिक जिला जींद बना ‘‘अपराध स्थली’’, खट्टर सरकार सत्ता के नशे में मदहोश

जींद (अनिल) :  हरियाणा व जींद जिला अपराध की गिरफ्त में है। कानून व्यवस्था मृतप्राय है व चारों ओर गुंडों का शासन है। जनता भयभीत है और भाजपा-जजपा सरकार ‘गुम’ है। अपराधियों और गुंडों ने दुकानदारों व व्यापारियों से फिरौती लूटने व संपत्तियों पर कब्जा करने के अड्डे जींद सहित हरियाणा के शहरों में स्थापित कर लिए हैं। पुलिस के संरक्षण में आपराधिक घटनाओं को बेखौफ होकर अंजाम दिया जाता है। फिरौती मांगना, व्यापारियों की प्रॉपर्टी व दुकानों पर कब्जा करना और धमकाना आम बात है। पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठे रहता है। खुलेआम गुंडागर्दी है और कानून व्यवस्था का दिवाला पिट चुका है।

1. कल की सनसनीखेज व दिल दहलाने वाली घटना ने मरी हुई कानून व्यवस्था को उजागर कर दिया। अपराधी बेखौफ होकर आते हैं और जींद में दुकान व मकान के बाहर निहत्थे बैठे प्रमुख व्यापारी व हमारे साथी, श्याम सुंदर बंसल व भतीजे हन्नी बंसल पर दनादन गोलियां बरसा कर आराम से निकल जाते हैं। यह महाजंगलराज है और लगता है सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। सौभाग्य से हन्नी गोली लगने के बावजूद बच गया व गंभीर हालत में अभी भी जूझ रहा है। मौके पर हमलावरों ने लगभग 21 राउंड फायर किए। खाली कारतूसों से यह लग रहा है कि हमलावरों के पास माउज़र थे, जिनसे गोलियां दागी गईं। सवाल यह है कि शहर के प्रमुख स्थान पर अपराधी बेरोकटोक कैसे आए और कैसे चले गए और वो भी ऑटोमैटिक हथियारों के साथ। क्या पुलिस और प्रशासन सोया पड़ा है या अपराधियों के साथ खड़ा है? 

2. पांच दिन पहले भी जींद के अर्बन इस्टेट से पिस्तौल के बल पर युवक का अपहरण कर गुड़गांवा ले जाकर अपराधियों ने 7 लाख रुपया ‘चौथ’ के वसूले हैं। रात को चार-पाँच लोग आते हैं और पिस्तौल दिखाकर जान से मारने की धमकी देते हुए अपहरण कर ले जाते हैं। बीच रास्ते में एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई। फिर 70 लाख और बाद में 50 लाख रुपये मांगे गए। अंत में 10 लाख रुपये की ‘चौथ’ मांगी गई। जींद के एक जानकार से बात कर 7 लाख रुपये देकर पीछा छुड़ाया। यही नहीं, 20 नवंबर दोपहर को गुड़गांवा के एक होटल में ले जाकर फिर से 30 लाख रुपये और मांगे, लेकिन वह उनको चकमा देकर होटल से बाहर निकल गया। सवाल यह है कि गुड़गांवां और जींद की पुलिस ने क्या किया?

3. विगत 26 अक्टूबर को भी मोबाइल का कार्य करने वाले व्यापारी, नितिन गोयल से 25 लाख रुपये मांगे गए। जब तक दस लाख रुपये नकद नहीं दिए उसे छोड़ा नहीं गया। व्यापारियों ने गिरफ्तारी के लिए दुकानें बंद करने की चेतावनी दी, मगर प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंगी। इस मामले में फिरौती के 10लाख रुपये अभी तक पुलिस ने बरामद नहीं किये हैं। यही नहीं हथियारों का जखीरा भी अनाज मंडी की इससे जुड़ी दुकान से बरामद किया था, मगर सत्ता के संरक्षण के चलते पुलिस ने हल्की-फुल्की कार्रवाई की। 

4. लगभग डेढ़ साल पहले भी शहर के भिवानी रोड के एक 100 गज के शो-रूम पर किरायेदार ऑटो पार्ट्स व्यापारी, अशोक गुप्ता का सामान बदमाशों ने 4बार बाहर फेंका और शो-रूम को ताले लगा दिए। बार-बार व्यापारियों के दबाव में सामान दुकान में अंदर रखवाया जाता रहा। अंत में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और बदमाशों ने कब्जा कर लिया। 

5. जुलाना के गांव लिजवाना में एक व्यापारी के 750 वर्ग गज के प्लाट पर कब्जा कर लिया गया। वहां सरपंच व अन्य गणमान्य लोग बार-बार प्रशासनिक अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं, मगर अपराधियों के खौफ में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

6. सफीदों में अपराधियों व गुंडों के तांडव का हाल और बुरा है। सफीदों में ही एक व्यापारी सतीश जैन से दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। उसमें भी अपराधी आज तक नहीं पकड़े गए हैं। सफीदों के डॉक्टर जसबीर मलिक, जो मलिक अस्पताल के मालिक हैं, से लाखों रुपये की फिरौती मांगी गई। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। डॉक्टर मलिक ने लाखों रुपये की फिरौती दी। आखिर में मलिक अस्पताल बंद कर सफीदों छोड़कर जाना पड़ा।

गीता अस्पताल के डॉक्टर, मनीष गर्ग को फिरौती न देने के कारण गुंडों द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया। सफीदों में ही बच्चों के गर्ग अस्पताल की मालिक, महिला डॉक्टर फिरौती मांगने व गुंडागर्दी के चलते अस्पताल छोड़कर चली गईं। इसी प्रकार, सफीदों में ही सहरावत अस्पताल व कलीराम अस्पताल के मालिक भी फिरौती तथा बदमाशी के चलते अस्पताल छोड़कर चले गए। 

अपहरण, डकैती, फिरौती व धमकाने जैसी आपराधिक घटनाओं को जींद सहित पूरे हरियाणा में एक संगठित गिरोह अंजाम दे रहा है। भाजपा-जजपा सरकार आँख मूंदे बैठी और अपराधियों को प्रत्यक्ष या परोक्ष संरक्षण दे रही है। सवाल यह है कि क्या प्रदेश में ‘अपराधियों का शासन’ है या फिर ‘गुंडों और बदमाशों’ का? श्री दुष्यंत चौटाला, जो जींद जिले में उचाना से विधायक हैं, पूरी तरह से चुप्पी साधे हैं और मुख्यमंत्री, श्री मनोहर लाल खट्टर एक शब्द नहीं बोलते। समय आ गया है कि या तो गुंडों और बदमाशों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई हो, नहीं तो मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को सत्ता में बने रहने का एक क्षण भी अधिकार नहीं।

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