हरियाणा पुलिस की साइबर ठगी पर सर्जिकल स्ट्राइक, सरगना सहित पटना से 4 आरोपी गिरफ्तार

Edited By Saurabh Pal, Updated: 15 Jan, 2024 09:37 PM

surgical strike on cyber fraud of haryana police

हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराध रोकने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम आने लगे है। हरियाणा प्रदेश ही नहीं बल्कि प्रदेश की सीमा से बाहर भी साइबर अपराधियों पर नजर रखते हुए उनकी धरपकड़ की जा रही है

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराध रोकने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम आने लगे है। हरियाणा प्रदेश ही नहीं बल्कि प्रदेश की सीमा से बाहर भी साइबर अपराधियों पर नजर रखते हुए उनकी धरपकड़ की जा रही है।  इसी कड़ी में जिला पानीपत की साइबर क्राइम थाना पुलिस टीम ने सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए फर्जी वेबसाइट बनाकर कंपनी की फ्रेंचाइजी देने व लक्की ड्रा निकलने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले चार आरोपियों को पटना से काबू किया। इनके कब्जे से 14 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 18 सिम कार्ड, स्टेट बैंक की 2 फर्जी मोहर, 4 अन्य मोहर व पते लिखे 304 लिफाफे व 900 लक्की ड्रा कूपन व 93 ऑफर फार्म बरामद किये हैं।

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हरियाणा पुलिस प्रदेश में साइबर अपराध की कमर तोड़ने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 के माध्यम से प्राप्त होने वाली शिकायतों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने के लिए मैनपॉवर को पहले से दोगुना कर दिया गया है। इतना ही नहीं हरियाणा पुलिस और बैंक के नोडल अधिकारी अब एक ही छत के नीचे बैठकर आपसी तालमेल स्थापित करते हुए साइबर फ्रॉड की राशि को फ्रीज करने के लिए एकजुटता से कार्य कर रहे हैं परिणाम स्वरूप शुरुआती 2 से 3 घंटे में प्राप्त होने वाली शिकायतो मैं साइबर फ्रॉड की राशि पहले की अपेक्षा अधिक सक्रियता से होल्ड की जा रही है।

पानीपत जिला के एसपी अजीत सिंह शेखावत ने पटना से पकड़े गए चार आरोपियों द्वारा किए गए साइबर फ्रॉड के बारे में बताया कि आरोपी पिछले 1 साल से इस प्रकार की वारदातों को अंजाम देने में सक्रिय थे। आरोपी विभिन्न राज्यों में लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम देकर करोड़ो रूपये की राशि की ठगी कर चुके है। इस मामले में प्राप्त शिकायत में बताया गया था कि वह गूगल पर स्पोर्टस की नामी कंपनी की फ्रेंचाइजी ढूंढ रहा था। जहा पर उसको एक वेबसाइट मिली। 10 अक्तूबर 2023 को उसने इसके लिए आवेदन कर दिया। इसके अगले दिन एक नंबर से फोन आया। फोन पर बात कर रहे युवक ने उसको कंपनी के नियमों व शर्तो के बारे बताकर एक मेल भेजी। इसके बाद उसको पंजीकरण व सुरक्षा राशि के नाम पर भुगतान करने के साथ ही कंपनी की टीम से जगह का निरीक्षण करने की बात कही गई। 13 अक्तूबर 2023 को कंपनी का अकाउंट नंबर देकर उससे 6.60 लाख रूपये डलवा लिए। इसके लिए उसके पास यूटीआर नंबर भेजा गया जिसको चैक करवाने पर वह फर्जी पाया गया। आरोपियों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर कंपनी की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर धोखाधड़ी कर उससे उक्त राशि ठग ली। थाना साइबर क्राइम ने प्राप्त शिकायत पर जांच शुरू कर दी और आरोपियों की धरपकड़ के लिए योजना बनाई।

साइबर क्राइम थाना पुलिस टीम ने कॉलिंग नंबर व बैंक खातों का विलेशषण कर दबिश देते हुए गिरोह के सरगना सहित 4 आरोपियों को रविवार को बिहार के पटना से काबू कर न्यायालय में पेश किया जहां से चारों आरोपियों को रिमांड पर भेजा गया।

एएसपी मयंक मिश्रा ने बताया कि आरोपियों से प्रारंभिक पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि अजित ने साथी आरोपी सुमित भारती के साथ मिलकर स्पोर्टस की कंपनी की फर्जी वेबसाइट बनाकर उसे गूगल पर अपलोड करवा दिया। तकनीकी तौर पर सक्षम होने के कारण अजीत को सॉफ्टवेयर के बारे में काफी जानकारी थी। आरोपी सुमित ने फर्जी वेबसाइट पर काफी विज्ञापन दिया ताकि गूगल पर उनकी वेबसाइट असल वेबसाइट से उपर दिखे। गूगल पर स्पोर्टस की इस नामी कंपनी की वेबसाइट सर्च करने पर आरोपियों की फर्जी वेबसाइट पहले दिखाई देने पर लोगों द्वारा उस पर विश्वास कर लिया जाता था। लोग कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने के लिए फर्जी वेबसाइट पर दिए मोबाइल नंबर पर सपर्क करते तो आरोपी उनकों विश्वास में लेकर ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे। आरोपियों ने लोगों से बात करने के लिए अपने साथी आरोपी सुनील व श्याम( परिवर्तित नाम )को सैलरी पर रखा हुआ था। आरोपी इस प्रकार विभिन्न राज्यों के लोगों से करोड़ो रूपए की राशि ठग चुके है।

एएसपी मयंक मिश्रा ने बताया उक्त गिरोह फर्जी वेबसाइट के अलावा लक्की ड्रा निकलने के नाम पर भी लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी की वारदातों को अंजाम देने में सक्रिय था। आरोपी सुनील तथा श्याम लोगों को फोन कॉल कर वोडाफोन, एयरटेल, जीओ इत्यादी टेलीकॉम कंपनियों का अच्छा कस्टमर बताकर ड्रा कूपन की स्कीम बताकर झांसे में लेते थे। कस्टमर के साथ सहमति होने पर उसका नाम पता इत्यादी पूछकर पते पर कोरियर से ड्रा कूपन के साथ फार्म भेजते। कूपन को स्क्रेच करते ही SUV कार, मारूती कार व बाइक निकलते ही कस्टमर उक्त नंबरों पर कॉल करता तो आरोपी टैक्स व प्रोसेंसिग फीस के नाम पर खाते में पैसे डलवाकर ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे। अगर कोई कस्टमर प्राइज की जगह पैसे लेने की बात कहता तो आरोपी कागज कर विवरण अंकित कर एसबीआई बैंक की फर्जी मोहर लगाकर उसके पास वॉटसअप पर भेज देते और बैंक से राशि अप्रूवल होने की बात कहकर कस्टमर से 10 प्रतिशत टैक्स जमा करवाने की बात कहकर ठगी करते थे। उक्त गिरोह बिहार के पटना में बैठकर इस प्रकार से विभिन्न राज्यों में लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी की वारदातों को अजाम दे रहा था। 

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