हरियाणा में गन्ना उत्पादकों को 500 करोड़ का नुकसान, चीनी उत्पादन पर भी पड़ा असर

Edited By Isha, Updated: 11 Apr, 2024 12:21 PM

sugarcane growers in haryana suffer loss of rs 500 crore

हरियाणा में गन्ना उत्पादक किसानों को इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में 500 करोड़ रुपयेे से अधिक का नुकसान हुआ है। हरियाणा की सभी 14 शुगर मिलों को इस बार पिछले साल की अपेक्षा गन्ना कम सप्लाई हुआ है। शुगर मिलों को भी इससे काफी नुकसान हुआ है।

यमुनानगरः हरियाणा में गन्ना उत्पादक किसानों को इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में 500 करोड़ रुपयेे से अधिक का नुकसान हुआ है। हरियाणा की सभी 14 शुगर मिलों को इस बार पिछले साल की अपेक्षा गन्ना कम सप्लाई हुआ है। शुगर मिलों को भी इससे काफी नुकसान हुआ है। इससे आने वाले समय में चीनी पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा। प्रदेश की जो शुगर मिल हर साल मई जून तक चलती थी वह गन्ना न मिलने के कारण बंद हो चुकी हैं।

हरियाणा के गन्ना उत्पादक किसान नेता सतपाल कौशिक का कहना है कि गन्ने की खेती कई सालों से घाटे का सौदा साबित हो रही है। क्योंकि न तो मौजूदा सरकार ने गन्ने के भाव में लाभकारी मूल्य की घोषणा की, और न ही किसानों का मौसम ने साथ दिया। उसके साथ-साथ गन्ना में कीट पतंगे व बीमारियों के कारण गन्ने की पैदावार पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष हरियाणा में 150 लाख क्विंटल गन्ना कम हुआ है। हरियाणा की अधिकतर शुगर मिलें कुछ मार्च में और कुछ बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में बंद हो गई हैं, जो पहले जून के प्रथम सप्ताह तक चलती थी। लेकिन इस बार जहां किसानों को 500 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है वहीं शुगर मिल भी इस नुकसान से अब बच नहीं पाई।

उन्होने कहा कि यदि सरकार व मिलों ने उचित प्रबंध नहीं किया जैसे कि गन्ने का लाभकारी मूल्य व अच्छी किस्म के गन्ने का बीज किसानों को नहीं उपलब्ध कराया तो भविष्य में और भी पैदावार हरियाणा में कम होगी। और वह दिन भी दूर नहीं कि सरकार को चीनी विदेश से मंगवानी पड़ेगी।

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