प्रदेश की बिजली कंपनियां भारी मुनाफे में, चोरी पर लगाई लगाम, नहीं बढ़ेंगी बिजली की दरें : पीके दास

Edited By Manisha rana, Updated: 10 Oct, 2021 08:53 AM

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आगामी दिनों में प्रदेश के लोगों को बिजली के संकट का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि प्रदेश के तीनों थर्मल प्लांट्स यमुनानगर, हिसार और पानीपत में केवल...

चंडीगढ़ (धरणी) : आगामी दिनों में प्रदेश के लोगों को बिजली के संकट का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि प्रदेश के तीनों थर्मल प्लांट्स यमुनानगर, हिसार और पानीपत में केवल 5 दिन का ही कोयला शेष बचा है। इस बारे में बिजली विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन क्षेत्रों में कोयले की खदानें हैं, जहां से प्रदेश में कोयला आता है, हर साल वहां अगस्त सितंबर के माह में अधिक बारिश आने के कारण बाढ़ की स्थिति बन जाती है। जिसके चलते रेलवे ट्रैक तक पानी में डूब जाते हैं।

जिससे रेलों की आवाजाही बाधित हो जाती है। लेकिन इस साल अक्टूबर माह में भी भारी बारिश के कारण वह क्षेत्र बाढ़ से नहीं उबर पा रहे। जिसके चलते हरियाणा को पर्याप्त मात्रा में कोयला नहीं मिल पा रहा। जरूरत से केवल तीसरा हिस्सा ही कोयला हरियाणा पहुंच पा रहा है। लेकिन बारिश की मात्रा में लगातार कमी हो रही है और बाढ़ की स्थिति से भी निजात मिल रही है। जल्द ही पर्याप्त मात्रा में कोयला मिलने की उम्मीद है। उसके बाद कोयले की कोई कमी नहीं रहेगी।

दास ने बताया कि हर साल विभाग इन स्थितियों से निपटने के लिए कोयले का स्टॉक करता है। इस साल भी बड़ी मात्रा में कोयले का स्टॉक किया गया था। लेकिन बारिश अधिक लंबी चलने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। लेकिन फिलहाल तक कोई भी प्लांट कोयले की कमी के चलते न तो बंद किए गए हैं और ना ही प्रदेश में पॉवर कट लगाए गए हैं। इस स्थिति से जल्दी ही निजात मिल जाएगी। दास ने बताया कि गर्मी की सीजन में आसपास के प्रदेशों में काफी बिजली संकट रहा। लेकिन हमने प्रदेश के लोगों को पर्याप्त मात्रा में बिजली की सप्लाई दी। इसी तरह ही सर्दी के सीजन में हम घरेलू, खेती और इंडस्ट्री को पर्याप्त मात्रा में बिजली देने की तैयारी पूरी कर चुके हैं। प्रदेश की जनता को बिजली की समस्या नहीं आने दी जाएगी।

पीके दास ने बताया कि 20 साल पहले प्रदेश की बिजली कंपनियां भारी घाटा झेल रही थी। क्योंकि 40 फ़ीसदी लाइन लॉस में बिजली चली जाती थी। यानी 100 यूनिट खरीदने पर केवल 60 ही यूनिट बिक पाती थी। जिससे 60 यूनिट पर उन 40 यूनिट का भी खर्च डालना पड़ता था। लेकिन आज स्थिति काफी बेहतर है। आज लाइन लॉस 14 फ़ीसदी ही रह गया है। जिसके चलते प्रदेश की बिजली कंपनियां काफी फायदे में हैं। जिस कारण से पिछले 6-7 साल से बिजली की दरें बड़ाई नहीं गई है। बल्कि बिजली की दरों में बढ़ोतरी की गई है।

पीके दास ने बताया कि प्रदेश में 4 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। टीमें लगातार काम कर रही हैं और लगातार मीटर लगाए जा रहे हैं। हरियाणा में हालांकि इन प्रीपेड मीटर का परीक्षण प्रथम बार हो रहा है। यहां के लोगों को इसकी आदत नहीं है। लेकिन बहुत से ऐसे लोग जो महीने में 10 या 15 दिन घर पर और बाकी दिन घर से बाहर रहते हैं। उन्हें मजबूरी में पहले मिनिमम चार्जेस देना पड़ता था। लेकिन इस प्रिपेयर्ड स्कीम के तहत उन्हें केवल खर्च की गई बिजली की  ही पेमेंट देनी पड़ेगी। बाकी दिनों में वह अपने कनेक्शन को खत्म कर सकेंगे। इसी तरह से हॉस्टल, होटल इत्यादि के लिए भी यह स्कीम काफी बेहतर है। फिलहाल आम टैरिफ में 5 फ़ीसदी की रियायत भी दी जा रही है और आने वाले समय में यह रियायत बढ़ाई भी जा सकती है।

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