चश्मा उतार ऑटो पर सवार हुआ हाथी, लोसपा-बसपा गठबंधन में सीटों का भी हुआ बंटवारा

Edited By Deepak Paul, Updated: 09 Feb, 2019 01:54 PM

split of seats in lsp bsp alliance

हरियाणा में सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने के लिए बीते वर्ष अप्रैल महीने में हुआ इनेलो और बसपा का गठबंधन एक साल के भीतर ही टूट गया। सरकार बनाने का सपना देख रहे गठबंधन में जींद उपचुनाव के नतीजों के बाद ऐसा असर पड़ा गया हाथी ने चश्मा उतार कर अब ऑटो की...

चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा में सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने के लिए बीते वर्ष अप्रैल महीने में हुआ इनेलो और बसपा का गठबंधन एक साल के भीतर ही टूट गया। सरकार बनाने का सपना देख रहे गठबंधन में जींद उपचुनाव के नतीजों के बाद ऐसा असर पड़ा गया हाथी ने चश्मा उतार कर अब ऑटो की सवारी कर ली है। इनेलो को कड़ी चेतावनी के बाद बसपा ने आज गठबंधन तोड़ते हुए चंडीगढ़ में सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी को नया साथी बना लिया है। दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए गठबंधन का ऐलान किया। 

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दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन के साथ ही आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए सीटों का बंटवारा भी हो गया है। हरियाणा बसपा के प्रभारी मेघराज ने सीटों के बंटवारे की जानकारी देते हुए बताया कि लोकसभा चुनाव में बसपा 8 और लोसपा 2 सीटों पर चुनवा लड़ेगी। जबकि विधानसभा चुनावों में बसपा 35 और लोसपा 55 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। मीडिया से बातचीत करते हुए सांसद राजकुमार सैनी ने इस गठबंधन को दो दलों और दो दिलों का गठबंधन बताया। सैनी ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के लिए दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन हुआ है और उन्हें विश्वास है कि उनका गठबंधन 2019 विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से जीत हासिल करेगा साथ ही लोकसभा की भी सभी सीटें गठबंधन ही जीतेगा। सैनी ने बताया कि 17 फरवरी को गठबंधन द्वारा पानीपत में एक कार्यकर्ता सम्मेलन भी किया जाएगा जिसमें 50 हजार कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। 

 

जानिए क्यों टूटा गठबंधन
इनेलो बसपा का गठबंधन टूटने का मुख्य कारण जींद उपचुनाव में मिली करारी हार को ठहराया जा रहा है। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बसपा प्रभारी मेघराज ने बताया कि जब गठबंधन हुआ था तब चौटाला परिवार एक था लेकिन चौटाला परिवार में बिखराव के साथ ही इनेलो कमजोर हो गई। जींद उपुचनाव में इनेलो के कमजोर होने के कारण भाजपा को फायदा हुआ और बसपा का वोट भी गठबंधन को प्राप्त नहीं हुआ। मेघराज ने दावा कि बसपा का जींद विधानसभा में 12000 से ज्यादा वोटर है लेकिन हमारे उम्मीदवार को मत सिर्फ 3400 ही मिल सके। 3400 में भी 2000 वोट बसपा का था। ऐसे में चौटाला परिवार में बिखराव का नुकसान बसपा को भी झेलना पड़ा और उसका फायदा भाजपा को हो गया। इन्हीं कारणों ने बसपा सुप्रीमो ने इनेलो के साथ गठबंधन खत्म करने का फैसला किया।

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सैनी का भाजपा पर हमला
कुरुक्षेत्र से बीजेपी के बागी सांसद राजकुमार सैनी ने चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भाजपा पर जोरदार निशाना भी साधा। सैनी ने कहा कि हरियाणा में अगली सरकार बसपा और लोसपा की आएगी। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार भाजपा के राज में प्रदेश की जनता के साथ हो रहे भेदभाव व गुंडागर्दी को खत्म करने के साथ साथ राजनीतिक शुद्धिकरण भी करेंगे। भाजपा को ना छोड़ने के सवाल पर सैनी ने कहा कि वो लोकसभा की सदस्यता को नहीं छोड़ेंगे। भाजपा तो उन्होंने चार साल पहले ही छोड़ दी थी। सैनी ने कहा कि अगर कुरुक्षेत्र की जनता उन्हें कहेगी तो वो लोकसभा की सदस्यता को भी छोड़ने के लिए तैयार हैं। 

 

 





 

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