स्पेशल इंटरव्यू: कैमला प्रकरण पर बोले मुख्यमंत्री मनोहर- अंधेरगर्दी किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं

Edited By Shivam, Updated: 11 Jan, 2021 12:36 AM

special interview chief minister manohar said on kaimla case

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि कैमला (घरौंडा) में जो भी हुआ, उसमें प्रशासन व इंटेलिजेंस का बिल्कुल भी फेलियर नहीं है। सरकार इस मामले या किसी भी मामले में बदले की भावना से कदापि कभी भी कोई काम नहीं करती। यहां किसानों ने कुछ भी नहीं...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि कैमला (घरौंडा) में जो भी हुआ, उसमें प्रशासन व इंटेलिजेंस का बिल्कुल भी फेलियर नहीं है। सरकार इस मामले या किसी भी मामले में बदले की भावना से कदापि कभी भी कोई काम नहीं करती। यहां किसानों ने कुछ भी नहीं किया, जो भी हुआ वह लाल झंडे वालों व कांग्रेस की बदौलत हुआ है। माहौल खराब करने वालों पर कोई कानूनी शिकंजा कसे जाने के सवाल पर मनोहर लाल ने कहा कि यह प्रशासन का काम है। यह विषय बढ़ाने की बात नहीं है। लाल झंडे वाले व किसान गलत फहमी में न रहें जनता सबक सिखाना भी जानती है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंजाब केसरी से खास बातचीत में कहा कि किसानवार्ता में आगे बढ़ें। अंधेरगर्दी किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी। इस प्रकार की हरकतें सहन नही होंगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारें कर्ज माफी पर राजस्थान व पंजाब में फेल हो चुकी हैं।

प्रस्तुत हैं मुख्यमंत्री मनोहर लाल से हुई खास बातचीत के प्रमुख अंश-

प्रश्न:-
आज के घटनाक्रम के बारे में क्या कहेंगे?
 उत्तर:- आज का जो कार्यक्रम था उसके लिए कल आंदोलनकारियों में से मुख्य कुछ लोगों से हमारे उच्च अधिकारियों से बातचीत हुई थी और उन्होंने केवल सांकेतिक विरोध करने की बात रखी थी। कहा था कि हम प्रदर्शन नहीं करेंगे। इसलिए प्रशासन ने भी तैयारी की थी। जब हमने वहां पहुंचना था तो वहां करीब 5000 से ज्यादा जनता हमारे प्रोग्राम में जिनमें किसान मौजूद थे। पूरा कैमला गांव वहां मौजूद था। लेकिन जो कल तय हुआ था, उस बात का उस वायदे का उल्लंघन हुआ। कुछ नौजवानों चाहे वह उकसाए गए हों, उन्होंने वायदे का उल्लंघन किया। मंच पर हमारे सभी नेतागण उपस्थित थे। केवल मेरा हेलीकॉप्टर वहां उतरना था। लेकिन वहां नौजवान पहुंचे तो मैंने लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति न बिगडऩे को लेकर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपना हेलीकॉप्टर करनाल में उतरवा दिया।

प्रश्न:- क्या आप के आने के बाद भी प्रोग्राम जारी रहा?
उत्तर:- कुछ समय के बाद हमारे प्रदेश अध्यक्ष, शिक्षा मंत्री विधायक और बहुत से नेताओं के भाषण हुए। जो हमने संदेश पहुंचाना था वह किसानों तक चला गया। लेकिन जो वहां के लोगों को कुछ विकास की योजनाओं की अपेक्षा थी कि मुख्यमंत्री घोषणा करेंगे और मुझे करीब 100 करोड रुपए की क्षेत्र के लिए विकास की योजनाओं की घोषणा करनी थी। जो किसी और समय में बता दी जाएंगी। 47 करोड रुपए के कामों के उद्घाटन करने थे वह या तो प्रशासन ने कर दिए होंगे या फिर मैं ऑनलाइन कर दूंगा।

प्रश्न:- क्या कहना चाहेंगे कि जनता में इसका क्या संदेश गया?
उत्तर:- आज के घटनाक्रम से यह जरूर कहना चाहूंगा कि हमारे देश में एक मजबूत लोकतंत्र है और इसमें बात करने का हम पक्ष और विपक्ष सभी को अधिकार है। संविधान को यह अधिकार सभी को दिया है। हमने किसानों के आंदोलन को कभी नहीं रोका, आंदोलन चल रहे हैं। कोरोना के बावजूद हमने बहुत व्यवस्थाएं वहां की है। पीने के पानी, टेंपरेरिली टॉयलेट्स, लाइट्स की व्यवस्था, मेडिकल फैसिलिटी भी हमने वहां दी हैं, लेकिन यह बात अच्छी नहीं कि कोई अपनी बात कहना चाहे और हम उसका विरोध करें। यह लोकतंत्र के हिसाब से ठीक नहीं है। देश ने आजादी प्राप्त की। संविधान में जो लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का पालन हुआ है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने हमें संविधान दिया है। उसका उल्लंघन यह देश की जनता मुझे नहीं लगता बर्दाश्त करेगी। हमारे देश में कांग्रेस ने डेमोक्रेसी खत्म करने का 1975 में पहले भी प्रयास किया। जब देश में आपातकाल लगाया। उस समय कांग्रेस के घिनौने काम को पहचाना और उनकी इतनी पुरानी सत्ता को जनता ने उखाड़ फेंका। लोकतंत्र के प्रति हमारे देश की जनता की आस्था है शायद वहां इतना बड़ा संदेश मैं ना दे पाता जितना बड़ा संदेश इस धरने ने दे दिया है।

प्रश्न:- क्या मानते हैं कि यह प्रदर्शन किसानों का था?
उत्तर:- इन लोगों ने हमारे समाज की खासतौर पर किसान वर्ग की बदनामी करवाई है। यह रवैया किसान का नहीं हो सकता। किसान का स्वभाव ही नहीं है। यह हमारे देश का किसान कितना ही कम पढ़ा लिखा हो, कितना ही भोला भाला हो, उसकी आस्था देश के लोकतंत्र में सदा से रही है। किसान बहुत समझदार है। गुरनाम सिंह चढूनी का वीडियो मैंने देखा जिस प्रकार से उकसाने का काम किया कि मुख्यमंत्री की सभा है, पंचायत है हम नहीं होने देंगे। उन्होंने अपने नौजवानों को या उनके साथ लगे जो लोग हैं उनको आह्वान किया कि मरोड़ निकाल देंगे। मरोड़ क्या है, मैं समाज का जनता का प्रतिनिधि हूं। मेरी कोई मरोड़ नहीं है। मुझे तो जनता के आशीर्वाद से यह स्थान मिला है। जनता की मरोड़ अगर उन्हें निकालनी है तो उसके सामने आ जाएगी, देर नहीं लगेगी।

प्रश्न:- क्या मानते हैं कि यह षडयंत्र राजनीतिक लोगों द्वारा किया गया ?
उत्तर:- लोगों को भी समझ में आता है कि यह कोई तो तरीका नहीं है। क्योंकि कांग्रेस के वक्तव्य लगातार उकसाने के आ रहे हैं। कम्युनिस्ट विचारधारा के बयान सबको पता हैं। आज यह इन आंदोलनों के माध्यम से यहां पैर जमाने के चक्कर में हैं। इन्हें यह भूल जाना चाहिए। आज के घटनाक्रम की मैं निंदा करता हूं।

प्रश्न:- किसानों से क्या अपील करना चाहेंगे?
उत्तर:- किसान संघर्ष का राह छोड़कर बातचीत के लिए आगे आएं। वे देश की परंपराओं में विश्वास रखें।  मंडी अब भी हैं और आगे भी जारी रहेंगी, किसानों को वैकल्पिक रास्ता दिया गया है, अगर वो मंडी से बाहर एमएसपी से ज्यादा कीमत पर अपनी फसल बेचना चाहें तो उनकी मर्जी है। उन्होंने कहा कि ये कृषि कानून कांग्रेस सरकार के समय भी लागू करने के लिए प्रस्ताव रखा गया था, परंतु उनमें नया करने की हिम्मत नहीं थी। जब हमारी सरकार जनहित के लिए कोई नया कदम उठाती है तो वे सोचते हैं कि ये कैसे कर गए, इसके बाद इन पार्टियों के नेता लोगों को झूठ बोलकर उकसाना शुरू कर देते हैं।

प्रश्न:- इस प्रकार के हुड़दंगबाजों के बारे में क्या संदेश है?
उत्तर:- अंधेरगर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस प्रकार की हरकतें भी सहन नहीं होंगी। लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। आंदोलन व हिंसा करने से किसी की मूंछ ऊंची नहीं होती। लाल झंडे वाले गलतफहमी में न रहे नहीं तो जनता उन्हें सबक सिखा देगी। 

प्रश्न:- किसान नेता 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी में जुटे हैं?
उत्तर:- 26 जनवरी राष्ट्र गौरव का दिन है ना कि राजनीति का दिन है। अगर कोई 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर मार्च या प्रदर्शन करेगा, राजनीति करेगा तो यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण होगा।

प्रश्न:- क्या कैमला के घटनाक्रम के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होगी?
 उत्तर:- सरकार बदले की भावना से कोई काम नहीं करती। आज भी उन्होंने गलत कदम उठाया। यह प्रशासन का काम है। विषय को बढ़ाने की बात नहीं है।

प्रश्न:- क्या इसमें इंटेलिजेंस का फेलियर मानते हैं?
उत्तर:-  कैमला का घटनाक्रम सिस्टम या इंटेलिजेंस का फेलियर नहीं है। 

प्रश्न:- क्या विपक्षियों के सपने पूरे होंगे और क्या सरकार कानून को वापस ले सकती है ?
उत्तर:- सरकार किसी भी सूरत में इन कानूनों को वापस लेने वाली नहीं है। सरकार प्रावधान करने की बात रख रही है। जो रात को मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं उनके ख्वाब पूरे नहीं होंगे। शांतिपूर्ण आंदोलन तो समझ में आता है मगर दूसरे के रास्ते में बाधा पैदा करें तो सहन नहीं होगा। अगर कोई किसी को बोलने नहीं देगा तो ऐसा नहीं चलेगा।

प्रश्न:- चढूनी की भूमिका पर सवाल क्यों?
उत्तर- तथाकथित किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर कांग्रेसियों व वामपंथियों के हाथों में खेलने का काम किया है। चढूनी द्वारा लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से उकसाया जा रहा था कि वे किसान पंचायत नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जनता के प्रतिनिधि हैं और लोगों के हित के लिए उनके बीच जाते हैं।

प्रश्न- आखिर विवाद कहां? 
उत्तर- व्यापार करना सरकार का काम नहीं व्यवथा ठीक रखना सरकार का दायित्व है। किसानों के हित में राजस्व रिकॉर्ड का डिजिटलाईजेशन कर रहे हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!